महामारी तथा प्राकृतिक विपत्तीमे ध्यान डेना सरकारसे माग

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २४ अगहन । नागरिक समाजके कार्यक्षेत्र ओ मानवाधिकार रक्षकके अधिकार विषयक् प्रदेशस्तरीय मानवाधिकार रक्षक सम्मेलन ९ बुँदे घोषणापत्र जारी कैटि बिफेक रोज धनगढीमे निम्जल बा । घोषणापत्र अन्तर्राष्ट्रिय मानवाधिकार रक्षक दिवसके अवसरमे जारी करल हो ।
नेपालके संविधानमे उल्लेखित मौलिक हकके पूर्णरुपमे कार्यान्वयन कैके संविधानसे परिकल्पना करल मानवाधिकारके रक्षा, प्रवद्र्वन ओ परिपूर्तिके लाग राज्यके सब तहके सरकारसे मानवाधिकारमैत्री समाज निर्माण करेपरना आवश्यकताहे आत्मसाथ करटि, नेपालके संविधान ओ नेपालके अन्तर्राष्ट्रिय कानुन अन्तर्गतके दायित्वके परिपालना करेपरना आवश्यकताहे मनन् कैटि यी घोषणापत्र जारी करल बा ।
घोषणापत्रमे महामारी तथा प्राकृतिक विपत्तीसे नागरिकहे सुरक्षित करेक लाग पूर्व तयारीमे विशेष ध्यान डेहे परना सरकारसँग माग करले बा । ओस्टेक, मानव अधिकार रक्षकके अधिकार संरक्षणके लाग प्रभावकारी ऐन तर्जुमा करना ओ तर्जुमा हुइल कानूनके प्रभावकारी कार्यान्वयन तथा न्यायोचित सम्पादन, राष्ट्रिय मानवाधिकार आयोगसे हुइल सिफारिसके पूर्ण कार्यान्वयन करना ओ आयोगसे सिफारिस करल मानवाधिकार ओ मानवीय कानून उल्लंघनकर्ताहे कानून बमोजिम कारवाही करनाओ सम्बन्धित व्यक्तिहे जवाफदेही बनैना फेन आग्रह करल बा ।
कार्यक्रममे उपस्थित सबके हस्ताक्षरित घोषणापत्रमे कुछ समयसे स्वतन्त्र न्यायपालिका, सुदृढीकरण ओ न्यायिक विचलनसे जोगाइलक लाग नेपाल बार एशोसियसनसे देशभर करल शान्तिपूर्ण धर्ना, विरोध कार्यक्रमके यथासिघ्र समाधानके लाग सम्बन्धित सरोकारवाला संवेदनशील होके न्यायिक प्रक्रियामे पैदा हुइल अवरोधके अन्त्य करना ओ स्वतन्त्र न्यायपालिकाके अहरणीय अस्तित्व ओ मर्यादा कायम करना भेला माग करले बा । ओस्टेक, १० वर्षे आन्तरिक सशस्त्र द्वन्द्वके ओराके शान्ति सम्झौंता हुइल १५ वर्ष बिट्लेसे फेन पीडितहुक्रे शान्ति सम्झौतासे परिकल्पना करल संक्रमण कालीन न्यायसँग सम्बन्धित न्याय ओ परिपूरण पैना अधिकारसे पीडित वञ्चित रहल ओरसे पीडितहुकन अन्तर्राष्ट्रिय मापदण्ड बमोजिमके स्वतन्त्र, निष्पक्ष, स्वायत्त, उच्चस्तरीय आयोगके लाग पहल करना । साथे युद्व, अपराध ओ मानवता विरुद्वके अपराधमे दोषी ठहरल व्यक्ति वा अधिकारीहे कौनो फेन हालतमे माफि नैडेना भेला माग करले बा ।
ओस्टेक, सीमान्तकृत समुदाय, वर्ग ओ समूहके व्यक्तिहुकनके विकासके संरक्षण ओ सहभागिताके अधिकारहे सुनिश्चित करना आह्वान, नेपाल सरकारके मानव अधिकारसम्बन्धी राष्ट्रिय कार्ययोजना तथा नागरिकके आधारभूत मानवाधिकारसँग सम्बन्धित मौलिक हक अन्तर्गत राज्यसे निर्मित ऐन कानूनके प्रभावकारी कार्यान्वयन तथा न्यायोचित सम्पादन लाग भेला नेपाल सरकारसँग आग्रह करले बा ।
घोषणापत्रमे नेपाल आर्थिक, सामाजिक सांस्कृतिक अधिकारसम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रिय अनुबन्ध १९६६, के पक्षराष्ट्र होसेकल परिप्रेक्ष्यमे उहिनसे सम्बन्धित ऐच्छिक आलेखके अनुमोदनओर आवश्यक पहल कैके नागरिकके आधारभूत अधिकार तथा सुरक्षित जीवनयापन करे पैना वातावरण सब तहके सरकार (केन्द्र, प्रदेश ओ स्थानीय) बनैना आवश्यक संयन्त्रके व्यवस्था करना आग्रह करल बा ।
मानव विकास सुचकांक (एचडीआइ) मे राष्ट्रिय स्तरमे अतिन्यून अवस्थामे रहिके नागरिकके आधारभूत मानवाधिकार परिपूर्ति हुइनैसेकल अवस्थासे यी क्षेत्रमे गरिबी, बेरोजगारी, सीपयुक्त ओ गुणस्तरीय शिक्षाके अवसरके अभाव, गुणस्तरीय स्वास्थ्यसेवालगायके क्षेत्रमे न्यायोचित वितरण ओ विकासओर सरकारके सब तहसे नागरिकहुकनके समृद्वि प्राप्तिके दिशामे अपन विशेष नीति ओ प्राथामिकतामे ढैके कार्य सञ्चालन करना विशेष आग्रहलगायत माग करल बा ।
यीआघे अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केन्द्र (इन्सेक) के कार्यकारी निर्देशक विजयराज गौतम मानवाधिकार रक्षकके अधिकार ओ इन्सेकके विषयमे कार्यपत्र प्रस्तुत करले रहिट । उहाँ मानवाधिकार रक्षक कलेक के हो, मानवाधिकार रक्षकके समाजमे योगदान, अधिकार, मानवाधिकार रक्षकके खतरा, राष्ट्रिय तथा अन्तर्राष्ट्रिय संलग्नता, अभिलेखीकरण तथा तथ्य संकलन– लगायतके बारेमे जानकारी करैले रहिट ।
कार्यकारी निर्देशक गौतम मानवाधिकारके क्षेत्रमे काम करना मानवाधिकार रक्षकके अधिकारके लाग राष्ट्रिय, अन्तर्राष्ट्रिय स्तरमे कौनो कानुन नैबनल कारण मानवाधिकार रक्षकहुक्रे जोखिममे काम करेपरना अवस्था रहल बटैलैं । उहाँ मानवाधिकार रक्षकके अधिकार संरक्षण, सम्वद्र्धन ओ सुरक्षा करना राज्यके जिम्मेवारी रहल ओरसे प्रदेश सरकारलगायत और सरकारसे मानवाधिकार रक्षकके अधिकार सम्बन्धि कानुन मस्यौदा पारित करेपरना बटैलैं ।
ओस्टेक, कार्यक्रममे इन्सेक सुदूरपश्चिम प्रदेश संयोजक खडकराज जोशी मानवाधिकार रक्षकसम्बन्धी विधेयक २०७८ के मस्यौदाबारे जानकारी करैले रहैं । उहाँ प्रचलित कानूनके पालना कैके मानवाधिकार रक्षा ओ संवद्र्धनके कार्य करैना तथा पीडित पक्षके संवेदनशीलता वा गोपनीयता ख्याल कैके अपन कार्य करेपरना हुइल ओरसे यी विधेयकके आवश्यकता रहल बटैलैं ।
उहाँ सरकारसे मानवाधिकारमैत्री समाज निर्माण करेपरना आवश्यकता रहल कटि नेपालके संविधान ओ नेपालके अन्तर्राष्ट्रिय कानूनअन्तर्गतके दायित्वके पालना करेपरनामे जोड डेले रहैं । उहाँ संयुक्त राष्ट्रसंघके मानवाधिकार रक्षकसम्बन्धी घोषणापत्र १९९८ मे जारी हुइलसे हरेक वर्षके डिसेम्बर ९ के दिन अन्तर्राष्ट्रिय मानवाधिकार रक्षक दिवस मनैना सुरु हुइल बटैलैं ।
कार्यक्रममे कैलाली जिल्ला अदालत वार इकाइ अध्यक्ष सिद्धराज ओझा मानवाधिकार रक्षकके आधार का हो प्रष्ट्याइ परना बटैलैं । उहाँ आनवाधिकार रक्षकके पहिचान हुइपरनामे जोड डेले रहैं । ओस्टेक, सहभागी केशवराज पन्त मानवाधिकार रक्षकहुकनके स्थानीय तह तथा वडा स्तरमे समेत संरचना परिषद कैसिक पहुँच पुगैनाबारे फेन छलफल ओ वहस हुइना जरुरी रहल बटैलैं । कार्यक्रममे टंकप्रसाद ढुंगाना, लोकमान धामीलगायत मन्तव्य व्यक्त करले रहैं ।
दई दिनसम चलल उ सम्मेलनमे बुधके रोज प्रा. डा. हेमराज पन्त मानवाधिकारके संरक्षण तथा प्रवद्र्धनमे नागरिक समाजके भुमिका, सुदूरपश्चि प्रदेश मुख्य न्यायाधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय प्रदेश सभासे निर्माण करल ऐन कानुन कार्यान्वयनके अवस्था, समस्या, चुनौती तथा सुझाव ओ जिल्ला प्रहरी कार्यालय कैलालीके एसपी विश्व अधिकारी मानवाधिकार ओ नेपाल प्रहरी संगठनके काम, कर्तव्य तथा जिम्मेवारी, मुलुकी संहिता ऐन ओ अपराध अनुसन्धानबारे कार्यपत्र प्रस्तुत करले रहैं ।
अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केन्द्र (इन्सेक), सिभिल सोसाइटी इन डिभलोप्मेन्ट (सीआइएसयू) डीसीएके आयोजनामे हुइल कार्यक्रम इन्सेकके मानार्थ सदस्य फिरुलाल चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल रहे ।
