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हलिया पुनर्स्थापनाके लाग प्रदेश सरकार गम्भीरः मन्त्री चौधरी

पहुरा | ३ पुष २०७८, शनिबार
हलिया पुनर्स्थापनाके लाग प्रदेश सरकार गम्भीरः मन्त्री चौधरी

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३ पुस ।
भूमि व्यवस्था, कृषि तथा सहकारी मन्त्री विनिता चौधरी मुक्त हलियाके छुट संकलन, पहिचान ओ पुनर्स्थापनाके लाग प्रदेश सरकार गम्भीर रहल फेनसे दोहार्‍याइले बटि ।

मुक्त हलिया समाज कैलालीसे शुकके रोज कैलाली जिल्लामे रहल छुट हलियाके पुनर्स्थापनाके लाग भूमि व्यवस्था, कृषि तथा सहकारी मन्त्रालयमे बुझाइल ज्ञापनपत्रहे सम्बोधन कैटि मन्त्री चौधरी भूमि नैरहल मुक्त हलिया, मुक्त कमैयालगायतहे सरकारके नीति अनुसार एकचो सबजे जग्गा प्रमाणपत्र पाइपरना डोहोर्‍याइल हुइटि ।

मन्त्री चौधरी कलि, ‘भूमि व्यवस्थापन सम्बन्धी काम संघीय सरकारसे फेन हुइटिरहल ओरसे प्रदेश सरकार भूमिहिनहुकनके लाग काम करनामे कुछ द्विविधा हुइल बा ।’ ‘यदि संघीय सरकार प्रदेश सरकारहे फेन भूमि व्यवस्थापनके लाग आघे बह्रे डेलेसे प्रदेश सरकार उहाँहुकनके लाग काम करि,’ उहाँ कलैं, ‘प्रदेश सरकार छुट मुक्त हलियाहुकनहे प्राथमिकतामे ढरले बा ।’

ओस्टेक, प्रदेश सरकार मुक्त हलियालगायत लक्षित वर्गके लाग टमान कार्यक्रम नानल ओरसे लक्षित वर्गहुक्रे प्रदेश सरकारसे अपन समुदायहे सवलीकरण करेक लाग कैसिन कार्ययोजना चाहि । ओकर योजना मन्त्रालयमे आके माग करे सेक्ना बटैलि । उहाँ कलि, ‘कम्तिमे फेन पाछे परल समुदायमे आयआर्जन करना वातावरण बनैना प्रदेश सरकारके लक्ष्य हो ।’ कानूनमे रहल खाद्याधिकारके मौलिक हकहे कार्यान्वयन करनामे प्रदेश सरकार हरडम तयार रहल उहाँ बटैलि । ओस्टेक, खाद्याधिकार ऐनानुसार प्रदेश सरकार आघे बह्रना ओ लक्षित वर्गहे हकाधिकारके लाग अपन टरफसे हरडम तयार रहल उहाँ प्रतिवद्धता व्यक्त करलि ।

परिवर्तनका लागि कार्यरत युवा समूह (याक) नेपालके खाद्याधिकार सवलीकरण परियोजना अन्तर्गत हुइल कार्यक्रम मुक्त हलिया समाज कैलाली अध्यक्ष भोजबहादुर सार्की मुक्त हलियाके संविधानतः प्रदत्त आवासके हक सुनिश्चित करना तथा पूर्ण पुनर्स्थापना कार्यके लाग समाजके माग रहल बटैलैं । ज्ञापनपत्र बुझैटि अध्यक्ष सार्की कलैं, ‘कैलालीके तीन पालिकाके मुक्त हलियाके लगत संकलनमे छुट हलियाके अनुपात हेरलेसे बाँकी पालिकाके छुट हलियाके तथ्यांक कत्रा बा सहजे अनुमान लगाइ सेक्जाइ ।’ टबेमारे प्रदेश सरकारसे ज्ञापन बुझाइल उहाँ बटैलैं । उहाँक अनुसार कैलालीमे २ सय २० मुक्तहलिया घरधुरी पहिचान हुइलमे १ सय ६५ घरधुरी किल परिचय पत्र पैले बा । ओस्टेक, ५५ जाने परिचयपत्र पैना बाँकी रहल बा । परिचयपत्र पाइलमध्ये १ सय १९ जहनके पुनस्र्थापना होसेकल बा कलेसे ४६ जाने अभिन पुनर्स्थापना करना बाँकी रहल बा ।

मने, सरकारके पाछेक निर्णयानुसार कैलालीमे छुट हलिया गतल तथा तथ्यांक संकलनानुसार गौरीगंगा नगरपालिका, चुरे ओ मोहन्याल गाउँपालिकामे छुट हलिया ४ सय ६५ पहिचान होके पहिलेक ५५ ठो मिलाके परिचयपत्र पैना ५ सय २० बाँकी रहल तथ्यांक डेखाइल बा ।

बाँधा श्रम प्रणालीके अवशेषके रुपमे रहल हलिया प्रथाहे नेपाल सरकार औपचारिक रुपमे २०६५ साल भदौ २१ गते मुक्ति घोषणा करले रहे । सरकार हलिया पुनर्स्थापना कार्यके लाग हलियाहुकनके पहिचान, परिचयपत्र वितरण करेक लाग आवश्यक टमान नीति तथा कानून फेन बनैले बा । मुक्त हलिया पुनर्स्थापना समस्या समाधान समिति गठन आदेश २०७०, मुक्त हलिया पुनर्स्थापनाके ढाँचा ओ कार्ययोजना २०७२, मुक्त हलियाहे जग्गा खरिद तथा दर्ता ओ घर निर्माण तथा मर्मत सम्बन्धी अनुदान उपलब्ध करैना कार्यविधि २०७२ बनाके कार्यान्वयनके प्रक्रियाके सुरुवात सरकार करले बा ।

मुक्त हलिया समाज सहकारीमन्त्री चौधरी समक्ष ४ बुँदे मागसहित ज्ञापनपत्र बुझैले बा । ज्ञापनपत्रमे कैलालीमे परिचयपत्र प्राप्त ४६ परिवार मुक्त हलियाहे यथासिघ्र पुनर्स्थापना कार्य आघे बह्रैना, जिल्ला १० स्थानीय तहलगायत प्रदेशके सब स्थानीय तहमे छुट हलियाहुकनके लगत संकलन कार्य तत्काल आघे बह्रना, पहिचान करल मुक्त हलियाहुकनके यथासिघ्र प्रमाणीकरण कैके परिचयपत्र वितरण कैना ओ मुक्त हलियाहे प्रदान करल सेवासुविधा यथासिघ्र प्रदना कैना माग करल बा ।

ओस्टेक, कार्यक्रममे याक नेपालके कार्यकारी निर्देशक डबल बम नेपालके संविधानके मौलिक हक अन्तर्गत खाद्यसम्बन्धीहे सरकार कार्यान्वायन करे परना बटैलैं । उहाँ मुक्त हलिया, मुक्त कमैया, कमलहरीहुकनके पुनर्स्थापनामे प्रदेश सरकार अपन तहसे लागे परना बटैलैं ।

सरकारसे मुक्त हलिया समस्या समाधान अध्ययन कार्यदल गठन

भूमि व्यवस्था सहकारी तथा गरिबी निवारण मन्त्रालय मुक्त हलिया समस्या समाधान अध्ययन कैना कार्यदल गठन करले बा । श्याम श्रेष्ठके नेतृत्वमे ५ सदस्यीय कार्यदल गठन करल बा ।

शुकके संसदके राज्य निर्देशक सिद्धान्त समितिके बैठकमे भूमी व्यवस्था सहकारी तथा गरिबी निवारण मन्त्री शशि श्रेष्ठ उ बाटके जानकारी डेली । कार्यदलहे १५ दिनके म्याद डेहल ओ कार्यदलसे समस्या समाधानके उपाय एवं विकल्पसहितके अध्ययन प्रतिवेदन डेना कहल बा ।

सरकारसे ०६५ सालमे हलिया मुक्त घोषणा करल रहे । मने उ आघे लेहल लगत अनुसार ओइनके व्यवस्थापन हुई नइसेकल ओ लगतफे छुटल कहटी अधिकारकर्मीहुक्रे सरकारके ध्यानाकर्षण करैटी आइल रहिट ।

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