‘फैसला मनोगत ओ सेटिङमे’

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३ पुस । थरुहट/थारुवान राष्ट्रिय मोर्चा टीकापुर घटनाके सम्बन्धमे उच्च अदालत दिपायलसे करल निर्णयके समीक्षा करले बा ।
शुकके रोज पत्रकार सम्मेलनमे मोर्चके केन्द्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण थारु न्यायधिश टेकनारायण कुवँर ओ सीताराम मण्डलसे थारुहुकनहे अपराधी डेख्न मनोगत, संकृर्ण, तत्कालिन सरकारके सेटिङमे फैसला सुनाइल आरोप लगैले बटैलै ।
‘उच्च अदालत दिपायलसे थारुहुकनके आन्दोलन ओ समग्र थारु समुदायहे आतांककारी हत्या हिंसामे संलग्न जत्थाके रुपमे सम्बोधन कैगिल बा, उ दुर्भाग्यपूर्ण हो,’ अध्यक्ष कहलै, ‘निर्दोष थारु अगुवाहुकनहे मुद्दा लगागिल बा । निर्दोष थारु भल्मन्साहुकन खाली मुद्दा लगागिल बा । टरसाई खोजल बा । आन्दोलनहे बदनाम खोजजैटी बा । थारु समुदायहे बदला भावके रुपमे दासाता स्वीकारे लगाजाइटा ।’
उहाँ कहलै, ‘उच्च अदालत दिपायलके न्यायधिश कुवँर ओ मण्डलके बहुट मनोगत, तत्कालिन सरकारके सेटिङमे हुइल फैसला हो । न्यायधिश कुवँरहे दश दिनके लाग केल दिपायलमे पठागिल । उ बालुवाटारके सेटिङ रहे । कुवँर आइल एक हप्ता भिटर पेशी धारगिल । पेशीके दिन एक बरस आघे पुस २ गते हतार हतार बहस करागिल । फैसालाफे मध्यरातमे सुनागिल रहे ।’
फैसालापाछे अखण्ड सुदूरपश्चिम पक्षधरहुक्रे खुशीयाली पार्टी मनैलै । अविर जात्रा करलै, टेकनारायण कुवँरहे सिधे हेलिकप्टरमे काठमाण्ठौ बालुवाटारमे झारगिल उहाँ कहलै ।
पत्रकार सम्मेलनमे अध्यक्ष थारु कहलै, उच्च अदालत दिपायल टिकापुर घटनाके हकमे करल फैसाला कप्टी बा । बेइमानी बा । संकृर्ण बा, मनोगत बा । सेटिङके आधारमे हुइल फैसाला हो । टबमारे हम्रे मन्ना वाला नइहुई ।
उच्च अदालत दिपायलके न्यायधिशद्वाय कुवँर ओ मण्डलसे करल फैसाला बेइमानीपूर्ण मनोगत ओ संक्रिर्ण रहल ओरसे सर्वोच्चमे अपिल करल मने एक बरससम मुद्दा सुनुवाई नइहुइना दुर्भाग्यपूर्ण रहल कहटी यी आटताल काहे ? ढिला सुस्ती काहे ? उहाँ प्रश्न करलै ।
थारुहुकनहे अपन अधिकार समानता, न्याय ओ दासाता विरुद्धके आवाज उठाईबेर ज्यान मर्ना जत्थाके रुपमे, हिंसाकारी समुदायके रुपमे व्याख्य करजाइटा । यैसिन हो कलेसे लाल आयोगके प्रतिवेदन ६ बरस हुगिल शासकहुक्रे कहे नुकैले बटै । लाल आयोगके प्रतिवेदन सर्वोच्च अदालत माग करे पर्ना उहाँ बटैलै ।
उहाँ कहलै, सर्वोच्च अदालत लाल आयोगके प्रतिवेदन झिकाए । टिकापुर घटना कैसिक हुइल हो । केकर कारणसे उहाँ मनै मारल हुइट । केकर कारणसे हिंसा हुई पुगल, बहुट चिज समेटल बा । लाल आगोगके प्रतिवेदन काहे नुकाजाइटा । ६ बरससम प्रतिवेदन नुकैनाके अर्थ हम्रे कठी थारुहुक्रे दोषी नइहुई । थारु नेताहुकन खाली झुठा मुद्दा लगागिल बा ।
थारु आन्दोलन विद्रोहके तयारीमे रहल कहटी आब हठियार, बम बोक्कके नाही, हिंसाके बलमे नाही, थारु विद्रोह निरन्तर १२ बरससे जारी बा । अभिनफे जारी रही । थारु समुदायके नयाँ बरस माघ पर्वपाछे दासाता विरुद्धके प्रचारात्मक आन्दोदनमे जाइटी रहल अध्यक्ष चौधरी बटैलै ।
थरुहट/थारुवान राष्ट्रिय मोर्चाके सल्लाहकार तथा संविधानसभा सदस्य कृष्ण कुमार चौधरी ‘कुन्डन’ टीकापुर घटना देशके लाग दुर्भाग्य पूर्ण रहल बटैलै । न्यायके लाग लरना जटराफे आन्दोलन/विद्रोह क्रान्ति हुइल राजनितिक रुपमे हल कैगिल मने पछिल्का बार थारुसे करल न्यायपूर्ण आन्दोलनहे अपराधिकरण करके पूर्वाग्राही तरिकासे उच्च अदालतसे करल निर्णय पूर्वग्राही निर्णय उहाँ बटैलै । ‘थारु उप्पर उच्च अदालतसे दुसर अन्याय कैना काम करल उहाँक आरोप बा ।
‘जिल्ला अदालतसे करल निर्णयहे और सुधार करके लैजाई कना रहे,’ उहाँ कहलै, ‘सकारात्मक तरिका लैजाई कना आशा आपेक्षा रहे । मने ठिक उल्टा सोचाई विपरित काम कैगिल बा । जिहीसे आन्दोलनरत थारुनहे विभेदकारी निर्णय सुनाईल उ कौनोफे मानेमे मान्य स्वीकार्य नइहो । खारेज योग्य बा ।’
उहाँ कहलै, ‘पछिल्का चरणमे सर्वोच्च अदालतमेफे वेथिति देखा परल । ओक्रे कारणसे न्यायप्रति ग्राह पूर्वाग्राह डन्गुर पैदा हुइटी जाइटा । उ डन्गुरसे उच्च अदालतमे निर्णय करल देश ओ जनताके हितमे नइहो ।’
राज्य संचालन करटी रहल निकाय खास करके सर्वोच्च अदालत न्यायके वकालत कैना निकाय हो । उच्च अदालतके निर्णय जनताके हित विपरित बा । उहीहे सच्यइनाके विकल्प नइहो उहाँ कहलै । सर्वोच्च अदालतमे बहस हुइटा, यी गल्टीहे सर्वाेच्च अदालत सुधारी कना आशा विश्वास बा । यदि ओसिन नइहुई कलेसे काल्ह न्यायके लाग लरना थारु समुदायलगायत आम नेपाली जनता पूर्वाग्राही फैसालाके विरुद्ध धावा बोल्न परिस्थिती अइना उहाँ बटैलै ।
उहाँ कहलै, ‘न्यायके लाग सुरु करल आन्दोलन अपराधिकारण नकरजाए, राजनितिक तरिकासे हल करे कना आपेक्षा हो । मुद्दा सर्वाेच्च अदालतसम जाकेकल ओरसे उहेसे समस्या समाधान करले मजा हुुई । यदपि सरकारसे आममाफी डेहे सेकठ मने यी सर्वोच्च अदालतपाछेक बाट हो ।’
उच्च अदालतके निर्णय सर्वाेच्च अदालतसे सच्चाई कना आशा अपेक्षा बा, मने नइसच्याई कलेसे देशमे दुर्भाग्य हुई, रक्तपात हुई सेक्ना उहाँ चेतवानी डेलै ।
सांसद रेशमलाल चौधरीहे उच्च अदालत दिपायलसे जिल्ला अदालत कैलालीके फैसलाहे सदर करटी फेनसे सजाय कैना फैसला सुनैले रहे । टिकापुर घटना सम्बन्धी मुद्दाके सुनुवाइ करटी रेशम सहित ८ जनहनहे जन्म कैदके सजाय सुनाइल रहे ।
ओस्टके उच्च अदालतसे थरुहट आन्दोलनके नेता लक्ष्मण थारुहे फेन जन्मकैदके फैसला सुनागिल रहे । यिहीसे आघे जिल्ला अदालत कैलालीसे थारूहे तीन बरसके सजाय सुनाइल रहे । उहाँ तीन बरससे ढिउर पुर्पक्षमे रहल ओरसे जिल्ला अदालतके फैसलापाछे छुटसेकल रहिट ।
