टीकापुर घटना फैसलाके एक बरस

टीकापुर घटनाके सम्बन्धमे उच्च अदालत दिपायलसे करल निर्नयके एक बरस पुगल बा । इहे बिच थरुहट/थारुवान राष्ट्रिय मोर्चा इ फैसलाके एक बरस पुगेबेर समीक्षा करले बा । समीक्षा पाछेके पत्रकार सम्मेलनमे मोर्चाके केन्द्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण थारुकेआरोप रहे कि न्यायधिश टेकनारायण कुवँर ओ सीताराम मण्डलसे थारुनहे अपराधी डेख्ना मनोगत, संकृर्ण, तत्कालिन सरकारके सेटिङमे उ फैसला सुना गैल रहे ।
स्मरन रहे, न्यायधिश कुवँरहे १० दिनके लाग केल दिपायलमे पठागिल रहे । कुवँर आइल एक्के अठवार भिटर २०७७पुस २ गते पेशी ढारगिल ओहतार हतार बहस कराके फैसलाफे अढ्ढा रातमे सुनागिल रहे । पाछे फैसलामे चित्त नैबुझके सर्वोच्चमे अपिल कैगैल । मने एक बरससम मुद्दा सुनुवाई नइहुके आलटाल कैजैटि बा । ६ बरस हुगिल,टीकापुर घटनाके सम्बन्धमे लाल आयोगके प्रतिवेदन आम्हिनसम सार्वजनिक नैहुइल हो ।जबकि लाल आयोगके प्रतिवेदनमे आन्दोलनकारी थारु दोषी नैरहल, बल्कि प्रहरीन्के समन्वयके अभावसे घटना हुइल उल्लेख बा । इहिसे थारु नेतन सरासर झुठा मुद्दा लगागिल कनाडेख्जाइठ ।
गइल बरस पुस २ गते उच्च अदालत, दीपायलसे थरुहट आन्दोलनके नेता लक्ष्मण थारुहे फेन जन्मकैदके फैसला सुनागिल रहे । जबकि इहिसे आघे जिल्ला अदालत कैलालीसे लक्ष्मण थारूहे खालि तीन बरसके किल सजाय सुना गइल रहे, उ सजाय उहाँ काट सेक्ले रहिट ओे जिल्ला अदालतके फैसलापाछे छुटसेकल रहिट ।
जेलसे छुटलक पाछे लक्ष्मण थारु चुपाइल परल रटाँ टे सायड फैसला पुराने रने रहे । मने उहाँ चुपाइल नैरहलाँ । आन्दोलनके लग उहाँ मेचीसे महाकाली टक डौरलाँ । यदि थरुहट÷थारुवान राष्ट्रिय मोर्चाके संयोजक लक्ष्मण थारुके अग्वाइमे पीडित आन्दोलनकारीन्हे न्याय, थरुहटके मुद्दा उठैना ओ तात्कालिन ओली सरकारके विरोध कैना काम नैहुइट कलेसे सायडे उहाँहे जन्मकैदके फैसला आइट । उहेसे इ फैसला सरासर सुनुयोजित बिल्गाइठ ।
उच्च अदालतके निर्णय सर्वोच्च अदालतसे सच्या जाइ कना अस्रा थरुहट÷थारुवान राष्ट्रिय मोर्चाके अग्वन कर्ले बाटैं । मने नइसच्या जाइ कलेसे देशमे रक्तपात हुई सेक्ना चेतावनी फेन डे गैल बा ।
इहे बिचेमसामाजिक सन्जालमे सुचना आइल बा कि अइना पुस १८ गते माननीय रेशम चौधरीसे निर्वाचन आयोगमे लावा पार्टी दर्ताकैजैटि बा । ओस्टक लक्ष्मण थारु फे अघनके पहिल अठवार लावा पार्टी गठन कैजिना सुनगिल रहे । आबक लग ओकर टायमटेबल सरल जनागिल बा । मने टुटफुटमे लावा पार्टी दर्ता कैके किल टीकापुर घटनाके पीडित न्याय पैना नै बिल्गाइठ । टीकापुर घटनाहे राजनीतिक घटना मन्टि यकर निकासके लग थारुनके हक अधिकारमे सुभेच्छा ढैना बरा दलके नेतनहे फेन फुस्लाइ पर्ना ओटरे जरुरि बिल्गाइठ । ढिला न्याय पैना फेन नैपैना बराबर हो कना घन्टि बरा नेतनके कानेम सब्जे मिल्के बजाइ ।
