बर्दियाके स्थानीय निकाय ओ बरघर ऐन

बर्दियाके बारबर्दिया, बाँसगढी, मधुवन, ठाकुरबाबा नगरपालिकासे गइल बरस बरघर ऐन पारित करलपाछे उहे जिल्लक् बढैयाताल गाउँपालिका फेन बरघर ऐन लागु कैना सवालमे आगे बह्रल बा । इहे क्रममे बढैयाताल गाउँपालिकाके ९ वडाके ३६ थारु गाउँके बरघरियनके भेलासे पारित करल मस्यौदा ऐन पुस ४ गते गाउँपालिकाके उपाध्यक्ष दीपा गौतम ओ प्रमुख कार्यकारी अधिकृत धर्मराज न्यौपानेहे हस्तान्तरण कैगिल बा । थारु समुदायके प्रथाजनित कानूनहे मान्यता डेटी स्थानीयस्तरमे समावशी विकासके लाग बरघर ऐनके मस्यौदा गाउँपालिकामे बुझागैलक हो ।
बरघर मस्यौदा कानून बुझ्टी बढैयातालके गाउँपालिका उपाध्यक्ष गौतमके कहाइ रहे कि नेपाली समाज बहुजातीय बहुभाषिक ओ बहुसाँस्कृतिक बा । उहे ओरसे समुदायके परम्परागत विकास अभ्यासहे स्थानीय सरकारसे सम्मान कैजाइ । पालिकाके विकासके लाग कानूनतः परिभाषित करे सेक्लेसे विकासमे स्थानीय समुदायके अपनत्व बढ्नाके साथे विकास फेन गति लि । उहेसे बरघर ऐन पारित कैके बजेटके फे व्यवस्था कैजाइ ।
इ कसिन विडम्वना हो, जहाँ गैरथारु जनप्रतिनिधि अग्वा बाटैं, उहाँ बरघर ऐनके मस्यौदा पारित होके फटाफट लागु हुइ जैटि बा । मने जहाँ थारु जनप्रतिनिधि अग्वा बाटैं, उहाँ बरघर ऐन पारित कैना सवालमे कौनो लौलेस नैहो । थारु समाज एकजुट हुइ परल, हमार पिछरल समाजहे आगे बह्राइ परल कना बरा बरा गफ टे नेटन् चाहे जब कर्टि बाटै, मने थारुन्के परम्परागत प्रथा बरघर प्रनालिहे जोगैना सवालमे कैलालीसे लेके दाङके थारु जनप्रतिनिधि चिमाइल बाटैं । का उहाँक् थारु जनप्रतिनिधि बर्दियक जनप्रतिनिधिनसे सिख्खा लेहक नैचाहि ?
इ फोहिक बाट हो कि आब थारु गाउँके बरघरमे पह्रल लिखल थारु युवन् आइ लागल बाटैं । कहुँ कहुँ थारु महिला फे बरघर बनल सुन्जाइठ । थारुन्के लावा बरस माघ डेवानि अइटि बा । समय अन्सार बरघर प्रनालि आउर समावेसि हुइना जरुरि बा । बरघर प्रनालिहे आउर बल्गर बनैना जरुरि बा । यकर लग इहि कानुनि मान्यटा डेना जरुरि बा । कानुनि मान्यटा डेहक लग बरघर ऐन लागु करे पर्ना जरुरि बा । जनप्रतिनिधिन हम्रे बरघर ऐन लागु करब, मस्यौदा लानो नै कहिहिं । उहेसे बरघरियन, महटाँवन अप्नेहे ढिके पर्ना बा । यम्ने थारुन्के छाता संगठन थारु कल्याणकारिणी सभा फेन सहजकर्ताके भुमिका खेलक चाहि ।
बर्दियाके बारबर्दिया नगरपालिकाके मेयर दुर्गाबहादुर थारु कविर बरघर ऐन सब्से पहिले लागु कैके ‘स्यावासयोग्य’ काम कर्ले बाटैं । आइ बर्दियासे सब थरुहटके थारु जनप्रतिनिधिन सिख्खा लि । आअपन पालिकामे बरघर ऐन लागु करि । थारु पहिचान बँचाइ ।
