द्वन्द्वपीडितहे सरकार सहयोग करीः मन्त्री जोशी
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १४ पुस । सुदूरपश्चिम प्रदेशके आन्तरिक मामिला तथा कानून मन्त्री पूर्णा जोशी द्वन्द्वपीडित नागरिकके पुनःस्थापना कैना प्रदेश सरकारसे नीतिगत रुपमे काम करटी रहल बटैले बटी ।
द्वन्द्वपीडित नागरिकके तथ्यांक संकलन ओ परिचयपत्र वितरण कैना अधिकार प्रदेश सरकारसंग नैरह बटैटी मन्त्री जोशी पहिचान हुइल पीडितहे लक्षित करके सरकारसे टमान कार्यक्रम नन्टी रहल बटैली । “पहिचान हुइल पीडितहे सीप प्रदान करटी रोजगार स्वरोजगार बनैना कार्यमे प्रदेश सरकारसे काम करटी आइल बा,” ‘महिला कानून र विकास मञ्च’ कैलालीसे मंगर आयोजित द्वन्द्वपीडितहुकनके परिपुरणीय अधिकार ओ न्याय विषयक संवाद कार्यक्रममे बोल्टी मन्त्री जोशी कहली, ‘यकर लाग कार्यविधि तयार करल बा ।’ द्वन्द्वकालमे ज्यान बलिदान डेहुइयाहुकनके सम्झनाके एक ठो स्मारक पार्क बनाई सेक्लेसे मजा हुइना मन्त्री जोशी बटैली ।
प्रदेश विधायन समितिके सभापति नेपालु चौधरी द्वन्द्वपीडित परिवारहे लक्षित करके प्रदेश सरकारसे ऐन नन्लेसे ओम्ने छलफल करके सुझाव सहित आघे बह्रना बटैलै । सुदूरपश्चिम प्रदेशसभा सदस्य बलबहादुर सोडारी भर द्वन्द्वपीडितके लाग संघीय सरकारसे टमान नीति निर्माण करलेसेफे कार्यान्वयन पक्ष फितलो रहल बटैलै । उहाँ नीति तथा कार्यक्रमके प्रभावकारी कार्यान्वयनमे जोड डेले बटै ।
नेकपा एकीकृत समाजवादी पार्टी सुदूरपश्चिमके प्रमुख सचेतक दुर्गा विक आव समस्या बा कलेसेफे समस्या कैसिक समाधान कैना कना विषयमे छलफल करे पर्ना बटैली । द्वन्द्वपीडित नागरिकहे लक्षित करके यी आघे टमान कार्यक्रम नानल बटैटी उहाँ कोरोनाके कारण डेखैटी कर्मचारीसे उ योजना कार्यान्वयन नइकरल बटैली । ‘विद्यार्थीहे छात्रवृति डेना, रोजगार सम्बन्धी तालिम डेना जैसिन टमान कार्यक्रम सामाजिक मन्त्रालय मार्फत नानल रहे’ उहाँ कहली, ‘मने कोरोनाहे कारण डेखैटी कर्मचारीसे योजना कायान्वयन नइकरलै, अइना दिनमे फेर पीडितहे प्राथमिकता डेके काम कैना बा ।’

प्रदेश सामाजिक विकास मन्त्रालयके सचिव गणेशबहादुर सिंह द्वन्द्वपीडित नागरिकहे लक्षित करके प्रदेश सरकारसे चालु आर्थिक वर्षमे १ करोड बजेट छुट्याइल बटैलै । उ बजेट पीडित परिवारहे स्वरोजगार बनैना खर्च कैना उहाँ बटैलै । ‘पीडितके तथ्यांक संकलन करके ओइनके आवश्यकता अनुसार तालिम प्रदान करटी प्राविधिक सामग्री हस्तान्तरण कैना मन्त्रालयके योजना बा,’ उहाँ कहलै, ‘ओस्टेक करके उहे अनुसमार काम आघे बढैना तयारी करटी रहल बटी ।’
कार्यक्रममे द्वन्द्वपीडित तथा अधिवक्ता ईन्द्रप्रसाद लेखक द्वन्द्वपीडित समस्या देशके व्यवस्था परिवर्तन कैना क्रममे हुइल कहटी सरकारसे ओइनहे समस्याके रुपमे हेरे नइहुइना बटैलै । उहाँ पीडितके नाममे गठन हुइल टमान आयोग राजनीतिक दलके कार्यकर्ता पल्ना भर्तिकेन्द्र केल रहल आरोप लगैलै । आयोग गठन हुइलठेनसे हालसम पीडितके पक्षमे कौनो काम नइहुइल उहाँ आरोप बा ।
प्रमुख जिल्ला अधिकारी किरण थापा केन्द्रीय सरकारसे करल निर्णयके प्रशासनसे पालना कैना कैना करल बटैलै । उहाँक अनुसार कैलाहीमे हालसम ५ सय १५ जानेक द्वन्द्वमे परके मृत्यु हुइल बा । ओस्टेक करके १ हजार ३९ परिवार विस्थापित हुइल, २ सय २२ जाने अंगभङ हुइल तथ्यांक बा । ओइनहे सरकारसे निर्धारण करल अनुसारके सेवा सुविधा उपलब्ध हुइटी रहल प्रमुख जिल्ला अधिकारी थापा बटैलै ।
इन्सेकके जिल्ला प्रतिनिधि मैनामोती चौधरी सशस्त्र द्वन्द्वकालमे अभिभावक गुमाइल परिवारके बालबालिकाहुकनहे उच्च शिक्षासम पढाईके लाग आर्थिक समस्या भोग्टी रह बटैली । पहुँचसे दुर रहल द्वन्दपीडित राहात, सहयोग तथा क्षतिपूर्तिसे बन्चित रहल उहाँ बटैली ।
टिजेए संजालके सदस्य दिपक मल्ल १२ बुँदे सम्झौतापाछे वृहत शान्ति सम्झौता बटैलै । माओवादी लडाकुके व्यवस्थापन करल मे द्वन्द्वपीडितके समस्या समाधान कैनामे सरकार पाछे हटल उहाँ बटैलै ।
द्वन्द्वपीडित साझा चौतारीके अध्यक्ष गणेश बहादुर मल्लके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रम सञ्चालन अधिवक्ता रेणुप्रधान श्रेष्ठ करले रहिट । कार्यक्रममे महिला कानून र विकास मञ्चके कार्यकारी निर्देशक सविन श्रेष्ठ स्वागत मन्तव्य व्यक्र करले रहिट कलेसे अधिवक्ता दिपेश श्रेष्ठ धन्यवाद ज्ञापन करल रहिट ।


