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‘ समाज रुपान्तरणके प्रक्रियामे कैलारी गाउँपालिका ! ’

जातीय छुवाछूतमुक्त घोषणाके अन्तिम चरणमे

पहुरा | २२ पुष २०७८, बिहीबार
जातीय छुवाछूतमुक्त घोषणाके अन्तिम चरणमे

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २२ पुस ।
कैलालीके कैलारी गाउँपालिका थारु बहुल स्थानीय तह हो । इ पालिकामे ९७ प्रतिशत थारु जातिके बसोबास रहल बा । जौन जातिमे जातीय रुपमे विभेद नैहो । छुवाछूत नैमन्ठै । इ पालिकामे तीन प्रतिशत किल दलित, बाहुन, क्षेत्री लगायतके जातिके बसोबास रहल बा । इ जातिबीच रहल जातीय छुवाछूत ओ भेद्भाव फेन पहिलेक तुलनामे कम रहल बा । उ गाउँपालिकामे करल एक अध्ययन अनुसार कैलारीमे ८९ प्रतिशत जातीय छुवाछूत तथा विभेद नैहो । यद्यपि, ११ प्रतिशत भर आभिन जातीय छुवाछूत ओ विभेद कायमे रहल बा ।

अन्य ठाउँके जैसिन ढिउर जातीय छुवाछूत ओ विभेद नैरलेसे फेन ओकर अंश आभिन कायमे रहल कैलारी गाउँपालिकाहे जातीय छुवाछूत ओ विभेदमुक्त गाउँपालिका बनैना तयारी करल बा । हालसम कायम विभेद न्यूनीकरण कैना ओ गाउँपालिकाहे सामाजिक रुपमे नमुनायुक्त बनैना उद्देश्यलसे जातीय छुवाछुत तथा विभेदमुक्त गाउँपालिका बनाइ लागल हो । पुस २४ गते एक कार्यक्रमके आयोजना कैके गाउँपालिकाहे जातीय छुवाछूत तथा विभेदमुक्त घोषणा कैना बिफेक रोज हसुलियामे पत्रकार सम्मेलन कैक जानकारी कराइल बा ।

मुलुक समाजवाद उन्मुख हुइटी रहल बेला समाजवादके लाग विभेदके सक्कु जर कट्ना उद्देश्यसे गाउँपालिकाहे विभेदमुक्त गाउँपालिका घोषणा करे जैटी रहल अध्यक्ष लाजुराम चौधरी बटैलै । ‘हम्रे समाज रुपान्तरणके प्रक्रियामे जैटी रहल बाटी,’ उहाँ कहलै, ‘जातीय छुवाछूत तथा विभेदमुक्त गाउँपालिका घोषणासे एकठो महत्वपूर्ण सन्देश जैना बा ।’ दलित, खस आर्य भिट्टरके एकठो वर्ग रहल उल्लेख कैटी अध्यक्ष चौधरी वर्गभिट्टरके विभेद अन्त्यके लाग जातीय छुवाछूत तथा विभेदमुक्त गाउँपालिका घोषणा करे लागल उल्लेख करलै ।

उ गाउँपालिका कैलारीहे जातीय छुवाछूत ओ विभेदमुक्त बनैना कहटी नीतिगत निर्णय करल रहे । जातीय छुवाछूत तथा विभेदमुक्त गाउँपालिका घोषणा करसेकलपाछे बाँकी रहल ११ प्रतिशत विभेद अन्त्यके लाग सहजसमेत हुइना बटाइल बा ।

जातीय छुवाछूत तथा विभेदमुक्त गाउँपालिका घोषणासे सजाय, दण्ड जरिवानाके लाग कानून कार्यान्वयनमे फेन सहज हुइना बटाइल बा । घोषणापाछे गाउँपालिकामे बसाइँ सरके अउइयाहे ‘जातीय छुवाछूत तथा विभेद नैकरब’ कहिके कागज कराजैना अध्यक्ष चौधरी बटैलै ।

‘ओइसिक कैलेसे काल्हके दिनमे कुछ कैलेसे कानून अनुसार कारवाही कैना सहज हुइना बा,’ उहाँ कहलै । उ गाउँपालिकाके सीमित गाउँमे किल गैरथारु समुदायके बसोबास रहल बा । उ गाउँमे दलित महिला अधिकार मञ्चमार्फत एक अध्ययन करल बा । अध्ययन प्रतिवेदन अनुसार सामुदायिक पूर्वाधारमे ९७ प्रतिशत छुवाछूत नैरहल ओ तीन प्रतिशत रहल पाइल बा । ओस्टके, आर्थिक पूर्वाधारमे ९८ प्रतिशत छुवाछूत भेदभाव नैहो कलेसे दुई प्रतिशत रहल बा ।

ओस्टके, धार्मिक क्षेत्रमे ६१ प्रतिशत छुवाछूत नैहो कलेसे ३९ प्रतिशत आभिन छुवाछूत, भेदभाव कायमे रहल बा । ओस्टके, स्रोत सम्पदामे ११ प्रतिशत, सरकारी सेवा प्रदायक संस्थामे छ प्रतिशत, निजी संस्थानमे २० प्रतिशत, संस्कृति तथा सम्पदामे २९ प्रतिशत ओ सामुदायिक संस्था, समूहमे १६ प्रतिशत विभेद कायम रहल बा ।

समग्रमे कायम विभेदसे विभेद नैरहल प्रतिशत ढिउर रहल कैलारी गाउँपालिकाहे जातीय छुवाछूत ओ विभेदमुक्त गाउँपालिका घोषणा करे सेकजैना दलित महिला अधिकार मञ्चके अध्यक्ष सावित्रा घिमिरे बटैली । ‘यकर मतलब इ गाउँपालिकामे विभेदे नैहो कना नैहो,’ उहाँ थप्ली, ‘आभिन फेन ११ प्रतिशत विभेद रहल बा ।

विभेदमुक्त गाउँपालिका घोषणासे उहीहे न्यूनीकरण कैना सहज हुइना बा ।’ कैलारी गाउँपालिकाके नीति अनुसार उ गाउँपालिकाहे जातीय छुवाछूत तथा विभेदमुक्त बनाइक लाग आपन संस्थासे फेन जनचेतनामूलक लगायतके विविध कार्यक्रम कैटी आइल घिमिरे उल्लेख करली ।

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