लोकतन्त्रहे लुटतन्त्रमे परिणतः लिङदेन
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २२ पुस । राष्ट्रिय प्रजातन्त्र पार्टीके अध्यक्ष राजेन्द्र लिङ्देन देशमे लोकतन्त्रहे लुटतन्त्र परिणत हुइटी रहल आरोप लगैले बटै ।
विफेक रोज धनगढीमे आयोजित उ पार्टीके प्रदेश स्तरीय आम सभाहे सम्बोधन करटी उहाँ यैसिन बटाइल हुइट । अब्बेक भारी दलहुक्रे लुटतन्त्रके विरोध करेबेर अट्टाके राप्रपा प्रतिगमनके प्रचार करटी रहल बटै । अब्बेक राजनीतिक दलसे देश लोकतन्त्रके नाममे लुटतन्त्र मच्चैटी रहल उहाँक आरोप बा ।
राप्रप लोकतन्त्रप्रति पूर्ण वफादार हुइल उहाँ बटैलै । ‘राप्रपा लोकतन्त्रप्रति पूर्ण वफादार रहल बा । मने, लोकतन्त्र ओ गणतन्त्रके नाउँमे हुइटी रहल लुटतन्त्र सहके बैठनावाला नइहुई ।’ काँग्रेस ओ कम्युनिष्ट मिलके देशहे ३३ वर्षसे बन्धक बनैटी रहल उहाँक आरोप बा । ‘यैसिक सक्कु ओर हेरेबेर सामान्य जैसिन लागठ, प्रदेशस्तरी सभाहे सम्बोधन करटी उहाँ कहलै । ‘मने, सामान्य अवस्था नइहो ।
३३ वर्षसे देश काँग्रेस, कम्युनिष्टके हातमे बन्धक बा ।’, उहाँ कहलै । ‘काँग्रेस ओ कम्युनिस्टके विकल्प खोज्न आवश्यक रहल उहाँ बटैलै । ‘अब हुइना स्थानीय तह, प्रदेश ओ प्रतिनिधि सभाके निर्वाचनमे जनतासे राजनीतिक दलसंग बद्ला लेना मौका आइल बा,’ उहाँ कहलै ।
अध्यक्ष लिङ्देन राजसंस्था ओ हिन्दूराष्ट्र देशके आवश्यकता रहल दावी करलै । उहाँ राजसंस्था ओ हिन्दूराष्ट्र नेपालके गौरवसंग सम्बन्धित विषय रहल उल्लेख करलै । ‘हम्रे देशके लाग राजतन्त्र ओ हिन्दूराष्ट्रके बाट उठाइल हो,’ उहाँ कहलै, ‘भोटके लाग नइहो ।’ भारी बनाईबेर दलहुक्रे राजनीतिहे पेशा जैसिन बनाइल उहाँ आरोप लगैलै । ‘राजनीतिहे पैसा कमैना सहजुल माध्याम बनैले बटै’, उहाँ कहलै, ‘भ्रष्ट्राचार उप्परसे तलसम संस्थागत हुके गैल बा ।’
भष्ट्राचार हुइल काण्ड ललिता निवास जग्गा प्रकरणसे वाइडबडीसम देशके सक्कु भारी राजनीति दलहुक्रनके संलग्ता रहल उहाँक कहाई बा । ‘यिहीसे यी भष्ट्राचार काण्डमे निर्णय कैना ठाउँमे प्रधानमन्त्री, मन्त्रीहुकनहे कारवाहीसे चोखैना ओ चोख्यइना काम हुइटी रहल बा, उहाँ कहलै । अब्बे कुछ कर्मचारीहुकनहे कारवाहीके नाटक करके राजनीतिक दलहुकनके नेताहुकनहे उन्मुक्ति डेना काम हुइटी रहल उहाँ बटैलै ।
राप्रपासे भर्खर सम्पन्न हुइल महाधिवेशनसे नेतृत्व परिवर्तन करल यैसिक देशके राजनीतिमे ध्रुर्विकरण करके छोरना अध्यक्ष लिङदेन बटैलै । ‘देशहे हिन्दुराष्ट्र चाहुइया राप्रपाओर आकर्षण हुइल बटै, उहाँ कहलै । राजनीतिहे पेशा बनाके परिवारहे जागिर डेहुइया विस्तारे पाखा लग्ना उहाँक तर्क बा । देशहे माया करुइया राप्रपा आई आह्वान समेत उहाँ करलै ।
‘देश विग्रल कलेसे कौनो नेताहुकनके भविष्य विग्रना नइहो, उहाँ कहलै । ‘युवाहुकनके भविष्य पक्केफे विग्रन बा । येम्नने एक चो सोची ।’ उहाँ अब्बेक भारी राजनीतिक दलहुक्रे देशमे कौनोफे कार्य करे नइसेकल ठोकुवा करलै । ४ बर्षमे ५ हजार युवाहुक्रे रोजगार पैना उद्योग समेत खोले नइसेकल राजनीति दलसे जनतासे विकास कौनोफे आश नइरहल उल्लेख करलै ।


