थारु गाउँमे माघके चहलपहल

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २७ पुस । कैलारी गाउँपालिका–३, सुर्मिनालाके नवराज चौधरीहे व्यापारके कामसे फुर्सद नैरहठ् । पसलसंगे होटल चलैना करल ढिउर समय नास्ता बनैनामे व्यस्त रहठै । मने, आपन व्यावसायिक समयहे छोट्टयाके अब्बे उहाँ माघ टिहुवारके तयारीमे जुटल बाटै । ‘पसल हेरे परल ओरसे ढिउर समय यहोर उहोर जाइ नैमिलठ्,’ चौधरी कहलै ‘समय मिलाके आवश्यक सामान जुटैना कार्य कैटी रहल बाटुँ ।’
ओस्टके, उहे गाउँपालिकाके वडा नम्बर ७ के कालीदेवी डंगौराहे सख्वक पटिया टुरके डोना टेपरी छेड्नासे फुर्सद नैहो । सुरिक सिकार ओ ढिक्री ढारक लाग डंगौरा अँठ्वार दिनसे नै डोना टेपरी तयार करटी रहल बाटी ।
‘यम्हे टे पहुनन् ढिक्री ओ सुरिक सिकार खाइ डेठी, डोना टेपरी डेखैटी उहाँ कहली । डंगौराके अनुसार टिहुवार अइनासे आघेसे गाउँक मनै बनुवामे पटिया टुरे जैना करठै । ओकरपाछे, साँझ, सकार आगी तप्टी, डोना टेपरी बनैना करठै । ‘टिना ढारक लाग थारु समुदायके लाग इ महत्वपूर्ण चिज हो,’ उहाँ कहलै, ‘पाहुनाहे फेन हम्रे यम्हे टिना डेना करठी ।’
थारु समुदायके सबसे बरवार टिहुवार ‘माघ’, अर्थात् माघ अइना आब एक दिन किल बा । टिहुवार लच्क्याइलसंगे इ समुदायमे माघके लाग धुमधाम तयारी चल्टी रहल बा । मनै टिहुवारके लाग कुटानी, पिसानीके साथे आवश्यक सामान जुटैनामे व्यस्त रहल बाटै । काठी कैनासे लेके मेलापात कैना काम फेन हुइटी रहल बावै ।
ढिरेसे माघके चहलपहल हुइ लागल बा । माघमे नैहोके नैहुइना ढिक्री चाउरके पिठासे बनैना करजाइठ् । ओहेमारे, टिहुवार अइनासे एक/डेढ अँठ्वार आघेसे नै नै कुटानी पिसानीके काम हुइना करल उ समुदायके व्यक्ति बटैठै । ‘ढिला हुइलमे मिलमे भिडभाड बह्रना हुइल ओरसे सेकटसम अँठ्वार दिन आघेसे नै कुटानी पिसानी करैना करल बाटी,’ धनगढी उपमहानगरपालिका–५ हसनपुरके विशाली चौधरी कहली ।
‘मै टिनाटावन बेचके माघीके लाग औरेकठनसे तरुल ओ सखरखण्डके समेत जोहो कैसेक्नु ।’ अपने धनगढी हाट बजारमे टिनाटावन बेचके माघके लाग आवश्यक सामान खरिद करल उहाँ बटैली । ‘बरस दिनपाछे आइल बर्का टिहुवार धुमधामसँग मनाइक लाग तयारी हुइटी रहल बा,’ चौधरी कहली ।
माघ थारु समुदायके सबसे बरवार टिहुवार किल नैहो, लावा बरस फेन हो । माघ ठनसे नै थारु समुदायके लावा आर्थिक बरस सुरु हुइना करठ् । साथे, माघमे बरसभरके आर्थिक लेखाजोखा हुइनाके साथे परिवार ओ गाउँके नेतृत्व करुइया व्यक्ति चयनके कार्य हुइना करठ् । माघीमे ढिक्री, सुुरिक सिकार, तरुल, सखरखण्ड ओ जाँड खैना चलन रहल बा । हरेक परिवार माघीके लाग सुरिक सिकार लिखासेकल बाटै । माघमे सुवर मर्नाहे ‘जिता मर्ना’ कहिजाइठ् । के, कत्रा सिकार किन्ना कना पहिलेहे नै नामावली तयार पर्र्ना कार्य होसेकल बा । ओस्टके, घर–घरमे जाँड फेन महिनादिन आघेसे नै बनाइल बा ।
लगभग सक्कु तयारी होसेकल उल्लेख कैटी धनगढी उपमहानगरपालिका–६ जालीके सरस्वतीदेवी चौधरी आब माघके प्रतीक्षामे रहल बटैली । ‘इ बरस गाउँमे महोत्सव सञ्चालन कैना कहटी बाटी,’ उहाँ कहली । जाली गाउँमे हरेक बरस मघौटा नाचसमेत हुइना करल बा । नाचके सरसल्लाह फेन हुइटी रहल चौधरी उल्लेख करली ।
थारु समुदायमे तीन दिनसम धुमधामसँग माघ टिहुवार मनैना चलन रहल बा । पुस अन्तिम दिनसे सुरु हुइल माघ टिहुवार माघ २ गतेसम मनाजाइठ् । पहिल दिन जिता मर्र्ना, डुसरा दिन सक्करही लडियामे, पोखरी, दहमे स्नान कैके मान्यजनहुक्रनसे आशीर्वाद लेटी माघ टिहुवार मनैना करजाइठ् ।
टिहुवारके अन्तिम दिन खिचडी भात खैटी ‘माघी देवानी’ कैना ओ लावा नेतृत्व चयनके साथे बरसभरके लाग योजना बनैना कार्य हुइना करल बटाइल बा । माघ लच्क्याइलसंगे थारु गाउँबस्तीमे माघसम्बन्धी गीत फेन बोजे लागल बावै ।
