खोप कार्डके अनिवार्यता करेबेरे सेवासे वञ्चित

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १५ माघ । सार्वजनिक स्थलमे नेंङघुम ओ सेवा लेहक लाग खोप कार्ड अनिवार्य करल कारण महिला किशोरी तथा सीमान्तकृत समुदायके व्यक्ति सेवा पैनासे वञ्चित हुई परल ओरेक नेपाल जनैले बा ।
ओरेक नेपालके कार्यकारी निर्देशक लुभराज न्यौपानेसे कोरोनाके खोप कार्ड नइरहल कारणसे महिला, किशोरी तथा सीमान्तकृत समुदायके व्यक्तिहुक्रे अत्यावश्यक सेवासे समेत बञ्चित हुइ पर्ना अवस्था रहल बटैलै ।
उहाँ कहलै, खोप कार्ड नइरहल कारण प्रभावितसे घटनाके सुनुवाईके लाग जाईबेरफे अदालत छिरे नइपाइल हुइट, प्रहरी तथा पालिकाहुकनमे जाइबेर खोपकार्डके अभावमे कार्यालय प्रवेशमे रोक लगाइल अवस्था बा ।
गैल माघ ९ गते अदालतमे अंशमुद्दा चल्टी रहल एकजाने हिंसा प्रभावित महिला अटैटी मे मुद्दा लरे छोरडेम जहाँ गैलेसेफे महीहे दुःख डेठै कहटी सिरहा जिल्ला अदालतसे जग्गा रोक्काके चिठ्ठी लेके मालपोतके प्रमुखहे डेहे जाईबेर वहाँहे खोप कार्ड नइहुइल कारण डगरमे रोकल रहे । ओस्टेक उहाँहे अदालतमे तारिक लेहे जाईबेर भिटर पैठे नइडेहल उहाँ बटैली । दुई बर्ष आघे अन्तरजातीय भोज करल करल उहाँ घरेलु हिंसासे प्रभावित महिला हुइट ।
असमान शक्ति सम्बन्धसे ग्रसित हमार जैसिन समाजमे महिला तथा सिमान्तकृत समुदायके सूचनामे पहुँचके अभाव बा,’ कार्यकारी निर्देशक न्यौपानै कहलै– ‘विशेष करके महिला नागरिकता, विवाहदर्ता लगायतके परिचयपत्रसे वञ्चित बटै । पाछे पारल समुदायसम राज्यसे प्रदान कैना सेवा सुविधाके पहुँच पुगे नइसेक्नाके कारण हजारौं महिला तथा किशोरीहुकनके खोप सेवासे वञ्चित हुइ परल वहाँहुकनके भोगाईसे पुष्टि हुइल बा ।’
अब्बेक अवस्था हेरेबेर पहिल डोज भ्याक्सिन लगाइल ५४.२ प्रतिशत ओ पूर्ण रुपमे भ्याक्सिन लगाइल संख्या ४५.२ प्रतिशत रहल स्वास्थ्य तथा जनसंख्या मन्त्रालयके कोभिड अवस्था विश्लेषण प्रतिवेदनमे उल्लेख बा ।
सरकारसे नागरिकके मौलिक हकके धारा ३५ मे रहल स्वास्थ्य सम्बन्धी हक, धारा १६ मे रहल प्रत्येक व्यक्तिसे सम्मान पुर्वक बाँचे पैना हक ओ धारा ३८ (५) मे महिलाहे शिक्षा, स्वाथ्य, रोज्गारी, सामाजिक सुरक्षामे सकारात्मक विभेदके आधारमे विशेष अबसर प्राप्त कैना हकके ठाडो उल्लघंन करल ओरेकके कार्यकारी निर्देशक न्यौपाने बटैलै ।
ओरेक नेपालसे सिमान्तकृत समुदाय, महिला, हिंसा प्रभावित, यौनिक तथा लैंगिक अल्पसंख्यक, अपांगता रहल व्यक्तिहुक्रे खोपकार्ड विना अत्यावश्यकीय सेवा प्राप्तिमे हुइल कठिनाईहे मध्यनजर करटी सरकारसे यी प्रावधान तत्काल खारेज करके सहज रुपमे अत्यावश्यकीय सेवा प्राप्त कैना नागरिकके अधिकारके सुनिश्चितताके लाग तत्काल व्यवस्था करे पर्ना माग करले बा ।
हिंसा प्रभावित महिला तथा किशोरीहुक्रे प्राप्त कैना सेवाहे अत्याबश्यक ओ आकस्मिक सेवाके रुपमे सम्बोधन करे पर्ना, सीमान्तकृत समुदाय, महिला, हिंसा प्रभावित, यौनिक तथा लैंगिक अल्पसंख्यक, अपांगता रहल व्यक्तिहुक्रे खोपके व्यापक प्रचार प्रसारके अभावके कारण खोप लगाई नइपाइल अवस्थाहे मध्यनजर करके सक्कुके सुचनामे पहुँच बढैना खोपसम्बन्धी व्यापक प्रचार प्रसारके व्यवस्था करे पर्ना माग करल बा ।
परिचयपत्र विना खोपसे वञ्चित हुइल व्यक्तिके लाग विना परिचयपत्र खोप लगैना व्यवस्था तत्काल उपलव्ध कराई पर्ना, कोरोना महामारीके अवस्थाहे लक्षित करके सीमान्तकृत समुदाय, महिला, हिंसा प्रभावित, यौनिक तथा लैंगिक अल्पसंख्यक, अपांगता रहल व्यक्तिके अधिकार सुनिश्चितताके लाग सर्वोच्च अदालतसे जारी करल परमादेशके कार्यान्वयन करे पर्नाफे ओरसेसे माग करले बा ।
