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आयोगसे घटनाके निष्पक्ष छानबिन

पहुरा | १२ फाल्गुन २०७८, बिहीबार
आयोगसे घटनाके निष्पक्ष छानबिन

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १२ फागुन ।
राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके अध्यक्ष तपबहादुर मगर आयोगसे मानव अधिकार हननके मुद्दा कानूनी प्रावधनअनुसार निष्पक्ष तथा स्वतन्त्र होके हेरटि रहल बटैले बटैं ।

राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगसे बुधके राज धनगढीमे सुदूरपश्चिम प्रदेशमे मानवअधिकारके अवस्थासम्बन्धी अन्तरक्रिया कार्यक्रममे आयोगके अध्यक्ष मगर मानव अधिकार हननसम्बन्धी दर्ता हुइल मुद्दाहे आयोग अनुसन्धान, विश्लेषण, अनुगमन कैके कारवाही करना घटनाहे सरकार समक्ष सिफारिस करना ओ, सिफारिस करल मुद्दाके कार्यान्वयन हुइल, नैहुइल कना फेन अनुगमन करना बटैलैं ।

उहाँ मानव अधिकारके घटनामे पीडितके न्यायके लाग पीडकहे सजाय ओ क्षतिपूर्तिके लाग सरकारहे सिफरिस करल मुद्दाके कार्यान्वयनके लाग आयोगसे किल नैहोके सरोकारवाला सक्कु निकाय सरकारहे दवाव डेहे परनामे जोड डेले रहैं । उहाँ आयोगके काम कारवाहीके बारेमे सुझाव डेहक लाग फेन आग्रह करले रहैं ।

कार्यक्रममे आयोगके सचिव मुरारीप्रसाद खरेल मानव अधिकारके संरक्षण ओ सम्वद्र्धन करेक लाग आयोग हरडम लागल बटैलैं । उहाँ मानव अधिकार उलंघनके न्यूनीकरणके लाग आयोगके स्रोत साधनसे सेकटसम संगठनिक संरचना बनाके राष्ट्रके हरेक तहतप्कामे आयोग काम करना बटैलैं ।

मानव अधिकारके संरक्षणके लाग आयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, वातावरण महिला सशक्तीकरण, विभेद, टमान मेरिक हिंसाके बारे छलफल कैके आघे बह्रना बटैलैं । उहाँ कलैं, ‘उहाँ विकासके नाउमे विनास होके मानव अधिकारके उलंघन हुइल बा ।’ टबेमारे अपन अधिकार उपभोग करेबेर औरेक अधिकारके फेन ख्याल करेपरना उहाँक कहाइ रहे ।

ओस्टके, कार्यक्रममे कैलालीके प्रमुख जिल्ला अधिकारी किरण थापा मानव अधिकार संरक्षणके लाग सक्कु निकाय समन्वय कैरे परना बटैलैं । उहाँ मानव अधिकार हननके न्यूनीकरणके लाग जिल्ला प्रशासनहे हरेक क्षणमे सहयोग ओ साथ डेना प्रतिवद्धता व्यक्त करलैं ।

कार्यक्रममे कैलालीके प्रहरी प्रमुख विश्व अधिकारी सरकार मानव अधिकारहे पहिल प्राथमिकतामे ढैके काम करेपरनामे जोड डेलैं । उहाँ कलैं, ‘हुइना टे सब क्षेत्रमे समस्या बा । मने, शान्ति, सुरक्षा तथा न्यायके वातावरण सिर्जनाके लाग सब होरसे समन्वयके आवश्यकता बा ।’ ओस्टेक, समाजमे लागू औषध, आत्माहत्या, महिला तथा बालबालिकाउप्पर हिंसा, विभेदलगायतके कारणसे मानव अधिकारके उलंघन बह्रल फेन जिकिर कैलैं ।

राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग प्रदेश कार्यालयके प्रमुख मोहनदेव जोशी कोभिड–१९ महामारीके कारण मानव अधिकार उलंघनके घटना बह्रल बटैलैं । उहाँ कलैं, ‘कोभिड कालमे वैदेशिक रोजगारमे गैल व्यक्तिहुकनहे आइबेर ओ समाजमे आइलबाद परल प्रभावके कारण फेन मानव अधिकार हनन हुइल बा ।’ उहाँक अनुसार आयोगमे बिटन वर्षमे ३ हजार ढेर मानव अधिकार उलंघनके घटना दर्ता हुइल बा ।

इन्सेकके सुदूरपश्चिम प्रदेश संयोजक खडकराज जोशी तथ्यांकीय आधारमे मानव अधिकारके अवस्था सुधार हुइल डेखैलेसे फेन वास्तवमे समाजमे मानव अधिकारके अवस्था नाजुक रहल बटैलैं । ‘हरेक निकायमे मानव अधिकारके प्रावधान बा । मने, कार्यान्वयन भर नैहुइले हो,’ उहाँ कलैं, ‘आयोगके संरचना बलगर बनाके बससँग सहकार्य करेपरठ ।’ उहाँ स्थलगत अनुगमनसे फेन काम प्रभावकारी हुइना बटैलैं ।

ओस्टके, कार्यक्रममे महिला अधिकारकर्मी गोमा आचार्य सरकारसे लक्षित वर्गके लाग छुट्याइल बजेट कार्यान्वयन नैहुइल ओरसे फेन मानव अधिकार उलंघन हुइल बटैलैं । उहाँ महिला, दलित, बालबालिका, जनजाति, अपांगतालगायतके छुट्याइल बजेट खर्च हुइ नैसेकल बटैलैं ।
कैलाली बार एसोसिएशनके अध्यक्ष सिद्धराज ओझा राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगसे करल सिफारिस करल घटनाके कार्यान्वयन हुइपरनामे जोड डेले रहैं । उहाँ सिफारिस करलहे कारवाहीके दायरामे नाने परना बटैलैं ।

ओस्टेक, फाया नेपालके धनपति ढुंगेल शिक्षामे हुइल विभेद हुइल कारण मानव अधिकार हनन हुइल बटैलैं । उहाँ शिक्षामे रहल विभेदके न्यूनीकरणके लाग आयोग नेतृत्व करेपरनामे जोड डेलैं । ओस्टेक हानीकारक प्रथाके रुपमे फेन मानवअधिकार उलंघन हुइटिरहल उहाँक कहाइ रहे ।

कार्यक्रममे अधिवक्ता अधिवक्ता जोहारीलाल चौधरी मानव अधिकार उलंघनमे पीडित व्यक्तिहुकनके जाहेरी दर्तामे हतोत्साहित करना कार्य हुइल बटैलैं । उहाँ अइसिन कार्यले और मानव अधिकारके रक्षा हुइ नैसेकल बटैलैैं । माइती नेपालके वैज्यन्तीदेवी सिंह आर्थिक सशक्तीकरण हुइलेसे मानव अधिकार उलंघनके घटना न्यूनीकरण हुइना बटैलैं ।

कार्यक्रममे द्वन्द्वपीडित क्षेत्रसे गणेश मल्ल, एनएनडीएसडब्ल्युओके अध्यक्ष चक्र विक, पत्रकार हरि जोशीलगायत मन्तव्य व्यक्त रकले रहैं । कार्यक्रमके सञ्चालन राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके प्रकृति सिंह करले रहि ।

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