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६१ प्रतिशत महिला तथा बालिकाउप्पर घरेलु हिंसा

पहुरा | १४ फाल्गुन २०७८, शनिबार
६१ प्रतिशत महिला तथा बालिकाउप्पर घरेलु हिंसा

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १४ फागुन ।
ओरेक नेपालसे सार्वजनिक करल तथ्याङकमे गैल माघ महिनामे ६१ प्रतिशत १०१ जाने महिला तथा बालिकाउप्पर घरेलु हिंसा हुइल बा ।

संस्थामे अभिलेखीकरण हुइल घटनाहे विश्लेषण करेबेर समग्र तथ्याङक मन्से ३३ जनहनहे दाइजो नइनानल वा कम नानल निहुँमे, छाई–छाई जन्माइल ओ भोज हुइल नम्मा समयसम बच्चा नइजन्मल निहुँमे कुटपीट करल घटना दर्ता ओरेकके कार्यकारी निर्देशक लुभराज न्यौपाने जनैलै ।

३० जाने महिलाहे गालीगलौज तथा अपशब्द प्रयोग कैना तथा चारित्रिक आरोप लगाके मानसिक हिंसा करल तथ्याँक संकलन हुइल उहाँ जनैलै ।

३८ जाने महिलाहे आवश्यक स्रोत सुविधासे वञ्चित कराइल पाइल बा । आवश्यक स्रोत सुविधासे वञ्चित हुइल घटना मन्से २९ जनहनहे खाई लगाई नइडेके घरनिकाला करके वेवास्ता करल, बालबालिकाहुकनहे शिक्षासे बञ्चित कराइल बा कलेसे, ९ जनहनहे महिलाके विवाहदर्ता, नागरिकता नइबनाडहेल ओ बालवालिकाके जन्मदर्ता नइबनाके आवश्यक स्रोत सुविधासे वञ्चित करके हिंसा करल पाइल कार्यकारी निर्देशक न्यौपाने बटैलै ।

प्रतिनिधिमूलक घटनामे दाङ जिल्लामे जन्मल ७० बर्षीय रेश्मा (परिवर्तित नाम) के भोज २० बर्षके उमेरमे हुइल रहे । उहाँसंग भोज कौ आघे हुकान गोसियक ४ चो भोज हुसेकल ओ ओइनके २ छावा ओ १ छाई जलमल बटै । तीन गोसिनीयक मृत्यु हुसेकल बा । विवाह करल कुछ बर्षमे उहाँ फे ४ ठो छोई जन्मैली । ओकरपाछे उहाँहे छावा जन्माई नइसेकल कहटी गोसिया कुटपीट तथा मानसिक यातना डेलै लग्लै । उहाँक लैहरफे नइरहल ओ औरे ओर जैना ठाउँ फे नइरहल ओरसे हिंसा सहके गोसियासंग बैठना बाध्य रही । अब्बे सक्कु छाईनके भोज हुसेकल बटीन आ बरकी छाईक संग बैठल बटी ।

गोसियासे नागरिकताके लाग बार बार आग्रह करेबेरफे उहाँ नागरिकता बनाई पैले नइहुइट । यिहे क्रममे २०६४ फागुन २२ गते उहाँक गोसियक मृत्यु हुइल ओ उहाँहे डेहल तनाब पिडा ओ अपन उप्पर हुइल अन्यायहे सम्झके गोसियक मृत्यु सस्ंकारफे नइकरली  । अब्बे गोसियक मृत्यु संस्कार नइकरल कारण गोसिया पक्षके व्यक्ति ओ छावा पटुहियाफे तोर नागरिकता नइबनी कहिके मानसिक यातना डेटी रहल बटै ।

घरेलु हिंसाके घटना सहित ओरेकसे माघ महिनामे कार्यालयमे अभिलेखिकरण करल (१३२) तथा टमान राष्ट्रिय पत्रपत्रिकासे प्राप्त (३४) तथ्याङके आधारमे १६६ ठो टमान स्वरुपमे रहल लैङिक विभेदमे आधारित हिंसाके तथ्याङक संकलन करके अभिलेखिकरण करल बा ।

घरेलु हिंसाके घटना बाहेक यी महिना २१ ठो (१३ प्रतिशत) बलात्कारके घटना, १४ ठो (८ प्रतिशत) सामाजिक हिंसाके घटना, १३ ठो (८ प्रतिशत) हत्याके घटना, १० ठो (६ प्रतिशत) यौन दुव्र्यवहारके घटना अभिलेखीकरण हुइल बा । ओस्टेक करके ३ ठो मानव वेचविखनके घटना, २ ठो लैंगिक हिंसाके कारणसे आत्महत्या कैना बाध्य हुइल घटना संकलन हुइल बा कलेसे, १– १ ठो वेचविखन प्रयास ओ साईवर अपराधके घटनाके तथ्याँक अभिलेखीकरण संकलन हुइल बा ।

तथ्याँकके आधारमे विश्लेषण करेबेर घरेलु हिंसासे प्रभावित महिला मन्से ८७ जाने (५२ प्रतिशत) गोसिया ओ २९ जाने (१७ प्रतिशत) परिवारके और सदस्यसे महिलाहुक्रे हिंसा प्रभावित हुइल यथार्थतासे महिलाहुक्रे सबसे ढेर असुरक्षित घरभिटर रहल बाटके पुष्टि करठ ।

महिला उप्पर हुइना हिंसाके टमान स्वरुप मन्से घरेलु हिंसा प्रमुख समस्याके रुपमे रहटी आइल बा,’ ओरेकके कार्यकारी निर्देशक न्यौपाने कहलै, ‘व्यक्तिगत तहसे नीतिगत तहसम रहल विभेदपूर्ण सामाजिक सोचमे रुपान्तरण हुई नइसेक्के महिला उप्पर हुइना हिंसासे निरन्तरता पैटी रहल बा ।’

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