थारु राष्ट्रिय दैनिक
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‘ सम्पादकीय ’

महिला उप्पर घरेलु हिंसा काहे बह्रटा ?

पहुरा | १५ फाल्गुन २०७८, आईतवार
महिला उप्पर घरेलु हिंसा काहे बह्रटा ?


महिलाउप्पर हुइना हिंसा मानव अधिकार हनन्के सवाल हो । महिला हिंसाके वर्तमान अवस्था तथा स्वरुपहे हेरेबेर यी समाज ओ राज्यके सुरक्षामे चुनौती डेटी रहल बा । महिला हिंसा नियन्त्रण तथा महिला अधिकार सुनिश्चितताके लाग रहल विद्यमान घरेलु हिंसा तथा कसूर तथा सजाय ऐन २०६६, नेपाल नागरिकता ऐन २०६३ लगायतके और नीति तथा कानुन कुछ हदसम महिलाके पक्षमे डेखलेसेफे पूर्ण रुपमे महिलाके अस्तित्वहे स्वीकार करे नइसेकल हो । ओस्टेक करके विद्यमान सामाजिक मूल्य मान्यता विभेदकारी बा । यी महिला उप्पर हुइना संरचनागत विभेदके ज्वलन्त उदाहरण हो ।

ओरेक नेपालसे सार्वजनिक करल तथ्याङकमे गैल माघ महिनामे ६१ प्रतिशत १०१ जाने महिला तथा बालिकाउप्पर घरेलु हिंसा हुइल डेखल बा । डाइज नइनानल वा कम नानल निहुँमे, छाई–छाई जन्माइल ओ भोज हुइल नम्मा समयसम बच्चा नइजन्मल निहुँमे ३३ जनहन कुटपिट करल घटना हुइल बा । ३० जाने महिलाहे गालीगलौज तथा अपशब्द प्रयोग कैना तथा चारित्रिक आरोप लगाके मानसिक हिंसा करल तथ्याँक संकलन हुइल ओरेक जनैलै ।

३८ जाने महिलाहे आवश्यक स्रोत सुविधासे वञ्चित कराइल पाइल बा । आवश्यक स्रोत सुविधासे वञ्चित हुइल घटना मन्से २९ जनहनहे खाई लगाई नइडेके घरनिकाला करके वेवास्ता करल, बालबालिकाहुकनहे शिक्षासे बञ्चित कराइल बा कलेसे, ९ जनहनहे महिलाके विवाहदर्ता, नागरिकता नइबनाडहेल ओ बालवालिकाके जन्मदर्ता नइबनाके आवश्यक स्रोत सुविधासे वञ्चित करके हिंसा करल पाइल बा ।

घरेलु हिंसाके घटना सहित ओरेकसे माघ महिनामे कार्यालयमे अभिलेखिकरण करल (१३२) तथा टमान राष्ट्रिय पत्रपत्रिकासे प्राप्त (३४) तथ्याङके आधारमे १६६ ठो टमान स्वरुपमे रहल लैङिक विभेदमे आधारित हिंसाके तथ्याङक संकलन करके अभिलेखिकरण करल बा ।

घरेलु हिंसाके घटना बाहेक यी महिना २१ ठो (१३ प्रतिशत) बलात्कारके घटना, १४ ठो (८ प्रतिशत) सामाजिक हिंसाके घटना, १३ ठो (८ प्रतिशत) हत्याके घटना, १० ठो (६ प्रतिशत) यौन दुव्र्यवहारके घटना अभिलेखीकरण हुइल बा । ओस्टेक करके ३ ठो मानव वेचविखनके घटना, २ ठो लैंगिक हिंसाके कारणसे आत्महत्या कैना बाध्य हुइल घटना संकलन हुइल बा कलेसे, १– १ ठो वेचविखन प्रयास ओ साईवर अपराधके घटनाके तथ्याँक अभिलेखीकरण संकलन हुइल बा ।

तथ्याँकके आधारमे विश्लेषण करेबेर घरेलु हिंसासे प्रभावित महिला मन्से ८७ जाने (५२ प्रतिशत) गोसिया ओ २९ जाने (१७ प्रतिशत) परिवारके और सदस्यसे महिलाहुक्रे हिंसा प्रभावित हुइल यथार्थतासे महिलाहुक्रे सबसे ढेर असुरक्षित घरभिटर रहल बाटके पुष्टि करठ ।

टबमारे जबसम राज्य ओ समाजसे महिलाके श्रमके मूल्याँकन, अपन शरीरउप्परके अपन नियन्त्रण, महिलाके पहिचानहे स्वीकार कैना रुपान्तरणकारी वातावरण निर्माण करे नइसेक्जाई टबसम महिलाउप्पर हुइना हिंसाके अन्त्य सम्भव नइहो । हिंसा रहित वातावरणमे स्वतन्त्र, सुरक्षित ओ आत्मसम्मान पूर्वक बाँचे पैना महिलाके मानव अधिकार हो ओ यकर सम्मान, संबद्र्धन ओ संरक्षण कैना दायित्व राज्यके हो ।

महिला उप्पर हुइना हिंसाके टमान स्वरुप मन्से घरेलु हिंसा प्रमुख समस्याके रुपमे रहल बा । व्यक्तिगत तहसे नीतिगत तहसम रहल विभेदपूर्ण सामाजिक सोचमे रुपान्तरण हुई नइसेकल कारण महिला उप्पर हुइना हिंसासे निरन्तरता पैटी रही । टबमारे यहोर ओर सरकारके ध्यान जैना जरुरीफे बा ।

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