नेपाली साहित्य महोत्सव आजसे

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १७ फागुन । आजसे धनगढीमे सुरु हुइना नेपाली साहित्य महोत्सव २०७८ के तयारी पुरा हुइल सुदूरपश्चिमाञ्चल साहित्य समाज जनैले बा ।
बुधके रोज धनगढीमे पत्रकार सम्मेलनके आयोजना करके साहित्य कला संस्कृति ओ समग्र सुदूरपश्चिमके पहिचानहे उजागर कैना, धनगढीहे बौद्धिक ओ चेतनाके सहरके रुपमे स्थापित करेक लाग यिहे फागुन १९ से २१ गतेसम नेपाली साहित्य महोत्सव हुई लागल जनागिल बा ।
महोत्सवके सक्कु तयारी पुरा हुइल ओ आज सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके मुख्यमन्त्री त्रिलोचन भट्टसे उदघाटन कैना सुदूरपश्चिमाञ्चल साहित्य समाजके अध्यक्ष रामलाल जोशी बटैलै । उदघाटन कार्यक्रममे सुदूरपश्चिमाञ्चल साहित्य समाजसे प्रत्येक बर्ष प्रदान कैना २०७६ ओ २०७७ के ४० ठो पुरस्कार समर्पण सम्मान प्रदान कैना, पुस्तक विमोचन हुइना उहाँ जनैलै ।
ओस्टेक पहिल दिन विफेक रोज समाज, साहित्य ओ राजनितिके अन्तर सम्बन्ध माननिय शंकर पोख्ररेल, विश्व प्रकाश शर्मा बक्ता रहल बटै । जिहीहे सहजीकरण राजेन्द्र बानियाँ कैना कहल बा । ओस्टेक सिर्जनामे मित्रताके उर्जा विषयमे हुइल छलफलमे वक्ता सरुभक्त÷तीर्थ श्रेष्ठ रहल बटै । जिहीसे भुपेन्द्र खडका सहजीकरण करही ।
दुसर दिन फागुन २० गते परिचर्चा साहित्य ओ लोकसाहित्य, संस्थासे धानल साहित्य, विश्व विद्यालयसम नइपुगल साहित्य, हमार लेखकः हमार पात्र, लिखित बाटः अलिखित बाट, अल्झल राजनीति बल्झ सपना, विकासके बाटः कटरा पुरा कटरा अधुरा, लेखनमे लिङीय सकस विषयमे छलफल हुइना बा ।
ओस्टेक टिसरा दिन साहित्यमी सुदूरपश्चिमके कुरणी, सुदूरपश्चिम विश्वविद्यालय स्थापना ओ प्रभावकारिता, जनताके दुष्टिमे प्रदेश सभाके चार बर्ष, मोर सपनाके शहर, राजनीतिमे आरक्षणः अभिशाप के अवसर ? राजनीतिमे साहित्य ओ बौद्धिकताके प्रश्न, नेतृत्वमे डोहरल राजनीति ओ अपने कथाः अपन गीत विषयमे छलफल हुइना आयोजक जनैले बा । बाहेरसे अइना पहुनाके खैना बैठना व्यवस्था हुसेकल ओ करिब ५० लाख खर्च हुइना आयोजक जनैले बा ।
