१२ बुँदे घोषणापत्र जारी
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २१ फागुन । राष्ट्रिय मानवअधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालयसे कैलालीके धनगढीमे आयोजित सुदूरपश्चिम प्रदेशस्तरीय दुई दिने मानवअधिकार रक्षक सम्मेलन शनिच्चरके रोज निम्जल बा ।
सम्मेलनमे सरकारसे मानवअधिकार रक्षकके सुरक्षा ग्यारेण्टी करेपरना लगायत टमान १२ बुँदे घोषणापत्र जारी करल बा ।
‘सक्कु मानवअधिकार रक्षकके सुरक्षा व्यवस्था मिलैना तथा उहाँहुकनउप्पर दुव्र्यवहार, धम्की डेना सरकारी पदाधिकारी, सुरक्षा निकाय तथा अन्य व्यक्ति वा समूहहे कानुनी दायरामे नान्के कानुनी शासनके प्रत्याभूति करना आग्रह करठ,’ उ घोषणापत्रमे कहल बा ।
मानवअधिकार रक्षकहे आवश्यक पर्ना सूचना सम्बन्धित निकायसे सहज रुपमे उपलब्ध कराइपरना फेन घोषणापत्रमे उल्लेख बा । घोषणापत्रके टिसरा बँुदामे मानवअधिकार रक्षकहुकनहे आवश्यक सहयोग करना तथा उहाँहुक्रे मागल सूचना सहज रुपमे सम्बन्धित निकायमे आवश्यक रुपमे निर्देशन जारी करना वा सूचनाके हक सम्बन्धी कानुनके पूर्ण पालना करैना व्यवस्था मिलैना आग्रह करल बा ।
महामारी, विपद, द्वन्द्व तथा असामान्य अवस्थामे मानवअधिकार रक्षकहुकनके अधिकार, संरक्षण ओ सवद्र्धनके लाग तीनु तहके सरकारसे अन्तर्राष्ट्रिय मापदण्ड बमोजिम कानून, नीति तथा निर्देशिका निर्माण कैके तथा प्रभावकारी कार्यान्वयनके लाग आह्वान करना घोषणपत्रमे कहल बा । ओस्टेक, उ घोषणापत्र मानवअधिकार रक्षकके पहिचान कैके परिचयपत्र उपलब्ध कराइपरना फेन माग करल बा ।
मानवअधिकार रक्षकहुक्रे मानवअधिकारसम्बन्धी जारी हुइल ऐन, नियम, अन्तर्राष्ट्रिय सन्धिलगायत सरकारसे पूर्ण कार्यान्वयन करेपरना माग सम्मेलन करले बा । ओस्टेक उ घोषणापत्रमे अन्तर्राष्ट्रिय घोषणापत्र, आयोगसे पारित मानवअधिकार रक्षकसम्बन्धी निर्देशिका २०६९ तथा अन्य सूचना तथा निर्देशिकाके प्रभावकारी कार्यान्वयनके लाग राज्यके ध्यानाकर्षण करैले बा ।
मानवअधिकार तथा सुरक्षा निकायके नियुक्ति तथा वृद्धि विकासके लाग तालिम तथा कार्यक्रममे मानवअधिकार तथा मानवअधिकार रक्षकहुकनके विशेष समावेश करना आह्वान, आयोगसे सिफारिस करल सुझावके यथाशिघ्र कार्यान्वयन करेपरना, न्यायिक क्षेत्रउप्पर विश्वास कायम कैटी न्यायिक प्रक्रियाहे प्रभावित पर्ना मेरिक उच्छृखल गतिविधिहे निरुत्साहित करना जोडदार माग रहल बा ।
मानवअधिकार रक्षकहुक्रे विपद, महामारी तथा संक्रमणकालिन समयमे ढेर असुरक्षित करल ओरसे उ सम्मेलन निष्कर्ष निकारल रहे । ‘विपद, महामारीके ओ संक्रमणकालिन समयमे मानवअधिकार रक्षकहे सूचना संकलन करना, मानवअधिकारके पक्षमे वकालत करना असुरक्षित रठैं,’ राष्ट्रिय मानवअधिकार आयोगके सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालयके प्रमुख मोहनराज भट्ट कलैं, ‘अइसिन समयमे उहाँहुकनके सुरक्षाके लाग तीन तहके सरकार गम्भीर हुइपरठ ।’
सम्मेलनमे अधिवक्ता जोहारीलाल चौधरी सरकारसे नागरिकके आधारभूत अधिकारहे फेन सुनिश्चित करे नैसेकल बटैलैं । उहाँ जारी घोषणापत्रके प्रभावकारी कार्यान्वयन हुइपरना सुझाव ढेलैं । ‘घोषणापत्र कागजमे मजा बा । यि कागजमे सीमित नाहोए । यकर प्रभावकारी कार्यान्वयन होए आम नागरिक आधारभूत अधिकार प्राप्त करल महसुश करैं,’ उहाँ कलैं ।
कार्यक्रममे नेपाल रेडक्रम बझाङके ईश्वरनाथ जोशी, अनौपचारिक क्षेत्र सेवा केन्द्र (इन्सेक) संयोजक खडकराज जोशी, महिला अधिकारकर्मी निर्मला बागचन्द, नेपाल पत्रकार महासंघ सुदूरपश्चि समिति सचिव हरि जोशीलगायत मन्तव्य व्यक्त करले रहैं ।
कार्यक्रम राष्ट्रिय मानवअधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेश कार्यालयके कार्यालय प्रमुख मोहनदेव जोशीके अध्यक्षतामे हुइल रहे ।


