ज्ञानगुण पुस्तान्तरण कैटी प्रतापनारायण थारु
पहुरा |
२४ फाल्गुन २०७८, मंगलवार
सागर कुश्मी
श्रावस्ती (भारत), २४ फागुन । साँझ बिहान घरक् गोरु हेर्ना, कलुवा खाके दिन भर स्कुल के लर्कन पर्हैना इ दैनिक काम हुइन श्रावस्ती भचकाहीक् प्रताप नारायण थारुके ।
उहाँ सन् १९८९ से इ शिक्षण पेशामे लागेके लर्का पर्कन हे ज्ञानगुणके पाठ सिखैटी आइल बटैं । उहाँ पुर्व माध्यमिक बिद्यालय भचकाही श्रावस्ती उत्तर प्रदेशमे थारु समुदायके लर्का पर्कनहे औपचारिक रुपसे पाठ सिखैटी बटैं ।
उहाँ अपन गाउँमे सबसे पुरान मस्टरुवा हुइँट् । उहाँक् स्कुलमे ८५ विद्यार्थी बटैं । उहाँ कहठैं–अपन ठन रहल ज्ञानगुण लावा पुस्टाहे सिखाइ सेक्ले किल इ समाज शिक्षित ओ समृढ बने सेकि ।, झ हम्रे अपन छाइ छावन बिद्या डेप टप टो हमार लर्का आघे बर्हही ।


