कैलालीमे हात्तीपाइले रोग विरुद्धके डवाई खवैना सुरु

पहुरा समाचारदाता
धनगढी,२९ फागुन । कैलाली जिल्लामे हात्तीपाइले रोग विरुद्धके डवाई खवैना अभियान सुरु हुइल बा ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके सामाजिक विकास मन्त्री लाल बहादुर खडकाहे हात्तीपाइले रोग विरुद्धके डवाई खवाके दसौै पटकके अभियान सुरुवाट करल हो । हात्तीपाइले रोग विरुद्धके डवाई खवैना उदघाटन कार्यक्रममे मन्त्री खडका स्वास्थ्यके सक्कु टगाट लगाके डवाई अबसिक अभियान सफल बनैना बटैलै । प्रदेशके आठ जिल्ला हात्तीपाइले रोग विरुद्धके डवाई खवैना अभियानमे सफल हुइल ओ यी बार कैलालीहे सफल बनैना मन्त्री खडका बटैलै ।
आजसे अभियानके रुपमे सुरुवाट हुइल बा,’ मन्त्री खडका कहलै, जटरा स्वास्थ्यके टागट बा, सक्कु स्रोत साधन प्रयोग कैबी । सक्कु जाने लागडेलेसे अभियानहmे सफलफे बनाई सेक्बी ।’

ओस्टेक सामाजिक विकास मन्त्रालयके सचिव रिता भण्डारी जोशी, मन्त्रालयके महाशाखा प्रमुख नरेन्द्रसिंह कार्की, स्वास्थ्यकर्मीहुकनफे हात्तीपाइले रोग विरुद्धके डवाई खवाईल रहे ।
स्वास्थ्य कार्यालय कैलालीके प्रमुख लालबहादुर धामी डवाई खवैना अभियान जिल्लाके १३ स्थानीय तहमे आज (शनिच्चर) से चैत १५ गते सम सञ्चालन हुइना बटैलै । जिल्लामे ८ लाख ६९ हजार ८ सय ६९ जनहनहे हात्तीपाइले औषधि खवाइना लक्ष्य रहल उहाँ बटैलै ।
गैल वर्ष दुई मेरिक औषधि खवाइलमे यी बार ‘डाइथाइल कार्बामाजिन’ (आडिए) रिजके औषधि ‘अल्वेन्डाजोल’ ओ आइभरमेक्टिन नामक तीन ठो औषधि खवैना हुइल हो । रगत ओ पेटमे रहल परिजीवि रिजहे मुवैना ओ छालामे रहना लुतो÷खुङजैना समस्या, औलोके लाग उ औषधि खवैना करजाइठ ।
चिकित्सकके अनुसार डिइसीसे रगतमे रहल परजीवि रिजहे ओ ‘अल्वेन्डाजोल’ से पेटमे रहल रिजहे मुवैना करठ । आइभरमेक्टिन औषधीफे रगतमे रहल रिज ओ प्रजिबिहे मुवैना काम कैना प्रभावकारी औषधि हो । यी औषधि रोग नियन्त्रणमे नन्ना प्रयोग करल थप औषधि हो, यिहीसे छालामे रहना लुतो÷खुङजैना समस्या ओ औलो लगायतके रोगमे समेत काम कैना चलन चल्तीमे यी औषधी रहल स्वास्थ्य कार्यालय कैलालीके प्रमुख धामी बटैलै ।
शुरुमे नेपालमे ६३ जिल्ला हात्तीपाइलेके जोखिममे रहलमे दुई मेरिक औषधि ५३ जिल्लामे हात्तीपाईसे संक्रमण रोके सेकल मने मनै विविध कारणसे खाके अथवा नइखाके १० ठो जिल्लामे राके नइसेकलपाछे फेल हुइल उ १० जिल्ला मन्से मोरङ, कपिलवस्तु, दाङ, बाँके ओ सुदुरपश्चिम प्रदेशमे कैलाली जिल्लामे यिहे फागुन २८ गतेसे साताव्यापी अभियान संचालन करके तीन मेरिक सुरक्षित औषधि खवाई लागल हो । गैल बर्षमे उमेर समूहके आधारमे औषधि खवाइलमे यी बार उचाइके आधारमे औषधि खवैना बा ।
नेपालमे हात्तीपाइले नियन्त्रणके लाग सरकारसे सन् २००३ से औषधि खवैटी रहल बा । हात्तीपाइले रोग संक्रमित पोथी मच्छरके कटाई सरठ । यी रोग लागलपाछे मनैनहे शारिरीकरुपमे अशक्त, असमर्थ ओ अपाङता बनैना करठ । यी रोग एक मेरिक मसिनो धागा आकारके रिज जैसिन परजीविसे मनैनके शरिरमे प्रवेश करलपाछे हुइना करठ । परजीवि प्रवेश करल कुछ वर्षपाछे केल यी रोगके लक्षण विल्गैना करठ ।
हात्तीपाइले रोग शुरूके अवस्थामे नरम वा थिच्लेसे थिच्ना खालके सुवैना करठ कलेसे पछिल्का अवस्थामे छाला ठुल्ह हुइटी नथिच्ना खालके हुइटी जैना, ठुल्ह खालके सुवैना, छालमे पत्र हुइटी जैना वा गाँठागुँठी पलाई लग्ना ओ सुवाइल अङमे मुसा पलैना ओ र घाउ हइटी जैना करठ ।
सरकारसे राष्ट्रिय हात्तीपाईले रोग निवारण कार्यक्रम सञ्चालन करके सन् २०२६ सम हात्तीपाइलेके रोगीहे एक प्रतिशतमे झर्ना लक्ष्य लेले बा । हात्तीपाइले रोग ढेर जैसिन पुरुषके अण्डकोष सुवैना ओ हात तथा गोर सुवैना करठ । विश्व स्वास्थ्य संगठनसंगे नेपालसेफे सन् २०३० सम आम औषधि सेवनमार्फत संसारभरसे यी रोगहे निवारण कैना लक्ष्यके साथ काम करटी रहल बा ।
औषधि सेवन करलपाछे सामान्य खालके मुरी बठैना, वाकवाकी लग्ना तथा पेट बठैना जैसिन समस्या आइलपाछे औषधिसे प्रभावकारी काम करे लागल कना बुझ्न सामाजिक विकास मन्त्रालय स्वास्थ्य महाशाखाके प्रमुख नरेन्द्रसिंह कार्की बटैलै । उहाँ ओसिन लक्षण कुछ घण्टामे अपनही हेराके जैना नम्मा समयसम लक्षण विल्गैलेसे लग्गेक स्वास्थ्य संघसंस्थामे उपचार कैना अनुरोध करलै ।
हात्तीपाइले रोगसे बचक लाग उचाई ओ उमेर समूह अनुसार औषधि डेजाइ । यीबेर आरभरमेक्टिन, डीईसी ओ अरबेन्डाजोल औषधि खवाजैना बा । यीबेर ९० सेन्टिमिटरसे कम मने २ वर्षसे उप्परहे आरभरमेक्टिन नैडेजाइ मने डीईसी ओ अरबेन्डाजोल १÷१ चक्की डेजाइ । ९० सेमिसे ११२ सेमिसमके हे आरभरमेक्टिन, डीईसी ओ अरबेन्डाजोल सक्कु १÷१ चक्की डेजाइ ।
ओस्टेक, ११३ सेमिसे १३३ सेमि समकेहे आरभरमेक्टिन ओ डीईसी २÷२ ओ अरबेन्डाजोल १ चक्की, १३४ सेमिसे १४६ सेमिसमकेहे आरभरमेक्टिन ओ डीईसी ३÷३ ओ अरबेन्डाजोल १ चक्की ओ १४७ सेमिसे ढेर उचाई रहलहे आरभरमेक्टिन ओ डीईसी ४÷४ ओ अरबेन्डाजोल १ चक्की हात्तीपाइले रोग विरुद्धके औषधि डेजाइ ।
दुई बरस उमेर नैपुगल बालबालिका, गर्भवती ओ सात दिनसमके सुत्केरी तथा सिकिस्त बिरामी (कौनो कडा रोग लागके औषधि सेवन कैटीरहल, जस्टे क्यान्सर, मुटु रोगी, कलेजो रोगी, फोक्सोके दीर्घ रोगी), छारे रोगी, २४ घण्टाभिट्टर जुरी आइल तथा कडा कुपोषण रहल पाँच बरस टरेक बालबालिका इ औषधि सेवन नैकरे पर्ना जर्ना जनाइल बा । इ औषधि खाली पेटमे नैखाइ पर्ना जनाइल बा ।
