लोभावन सिट्टर सिंहपुरके फँटुवा
सागर कुस्मी
गुलरिया, ३० फागुन । आँजर पाँजर हरियर बनुवाँ । पुरुबओर बलहुवा लडिया । ओकरे बिच्चेम बा एकठो हरियर बरा चाक्कर मैदान । जहाँ बनल बा चुक्की खैना, मन बहलैना रंगबिरंगसे सजाइल सुन्दर अँटुवा ओ फँटुवा ।
कंचनपुरके कृष्णपुर नगरपालिका वडा नम्बर ६ सिंहपुर पर्ना सिंहपुर सामुदायिक वन एकठो चुक्की खैना पर्यटकीय ठाउँ फेन हो । डिभिजन वन कार्यालय ओ सिंहपुर सामुदायिक वनके १५ लाखके संयुक्त लगानीमे डु ठो पोखरी, डु ठो मचान, चुक्की घर बनल बा । बाह्य ओ आन्तरिक पर्यटक ओइनके लाग मन बहलैना ओ चुक्की खैना ओ सामुदायिक वन अवलोकन कैना उद्देश्यसे बनाइल वनके अध्यक्ष जोगराज चौधरी बटैलैं ।
अध्यक्ष चौधरीके कहाइ अन्सार सिंहपुर सामुदायिक वन एक प्रतिष्ठित सामुदायिक वनके रुपमे फेन चिन्हजाइठ । बनुवाँके चारुओर हरियर रुख्वा, चिरैचुरुंगन, जानबर हेरक् लाग ४२ फिट ओ २० फिटके ढेंग अटुवा बनाइल बा । ‘वहाँसे पर्यटक चहुँरके बनुवाँके दृश्य हेरे सेक्जाइठ, वनप्रेमी पर्यटक ओइनहे मध्य नजर कैके बनुवँक् किनारे डु ठो पोखरी फेन बनाइल बा,’ उहाँ बटैलैं । ओमे मच्छी पालन फेन कैल बा, कुछ दिन रहिके ओहे पोखरीमे लाउ चलैना ओ पर्यटक ओइने अइलेसे पोखरीमे सयर करैना,’ बात अध्यक्ष जोगराज बटैलैं ।
‘गाउँक् लर्कनके लाग कम्प्युटर कक्षा फेन संचालन हुइल बा । कम्प्युटर सिखक् लाग ५४ जाने विद्यार्थी सहभागी हुइठैं,’ वनके कोषाध्यक्ष बाबुराम चौधरी कहलैं । मने अब्बे इ कोरोना महामारी बर्हल ओरसे कक्षा स्थगित करल चौधरी कलैं । अइना दिनमे फेनसे कक्षा संचालन कैना उहाँ बटैलैं । सामुदायिक वनसे तमान जनचेतनामुलक कार्यक्रम फेन हुइटी आइल बा । अब्बे सामुदायिक वन कार्यालयमे गउँहीक् ६ जाने रोजगार फेन पैले बटैं ।

‘यहाँ रात बैठाही कैलेसे सिंगपुर गाउँक् झुमरा, सखिया, हुरडुंगुवा, मुंगरहुवा, लठहुवा ओ राना होरी नाच फेन हेरे सेक्जाइठ । अब्बे कोरोनाके महामारी जेडा बर्हल ओरसे पर्यटक ओइने कम अइठैं,’ बाबुराम कलैं– ‘इहे गाउँमे सभा, बैठक, गोष्ठी करक लाग ५ सौ मनैं अटैना हल फेन बनल बा ।’
‘सामुदायिक वनके आउर सुन्दर डेखाइक लाग चिडियाखाना फेन बनैना योजना बा,’ कोषाध्यक्ष बाबुराम कलैं–‘हरेक साल माघमे मघौटा सांस्कृतिक कार्यक्रम फेन करटी आइल बटी ।’ ओस्टेके हरेक साल फुटबल, भलिबल, ब्याटमिन्टन लगायत खेलकुद फेन खेलैटी रठैं ।
सिंहपुर गाउँहे नमुना गाउँ बनाके, थारु समुदायके भासा, साहित्य, कला संस्कृति संरक्षण ओ गाउँ विकासके लाग होमस्टे संचालन कैना फेन सपना बोक्ले बटैं । ओकर लाग गाउँक् क्लव, सिंहपुर गाउँ ओ सामुदायिक वन मिलके कार्यक्रम करटी रहल ओरसे स्थानीय निकायसे कुछ रकम सहयोग फेन मिल्टी बा, बाबुराम चौधरी कहलैं ।
कैसिक परल गाउँक् नाउँ ?
कंचनपुर जिल्लामे सिंहपुरके छुट्टे पहिचान ओ इतिहास बा । सामुदायिक वनके अध्यक्ष जोगराज चौधरीके अनुसार इ गाउँ २०१० सालमे बैठल बस्ती हो । सुरुमे जम्मा २ घर किल रहे । सबसे पहिले भलमन्साने इ गाउँमे बैठल हुइटै । यहाँ पुरा खैयरके रुख्वा किल रहे । एक्ठो खैयरके रुख्वातिर एक जौरी हर्ना बैठिंट । ओइनके बरा बरा सिंङ रहिन । ओहे ओरसे इ गाउँक् नाउँ सिंगपुर परल हो । इ गाउँक् बनावँट फेन हर्ननके सिंङ हस फेन बिल्गाइठ् । टबेमारे फेन सिंहपुर कठैं ।
एकचो सिंहपुर सामुदायिक वन भिट्टर छिरके हेरलेसे सबके मन जरुर चौकस होजाइट् । मनके सारा दुख भुलजाइ । डेहँक् सारा सिहरा मेट्जाइठ । दिन कट्लक पटा नैचलठ् । थारु भासा कला संस्कृतिसे मैंयाँ लगैना हो कलेसे चली आझु जाइ सिंगपुरुवा पहुनी खाइ, गीतकार तथा कवि सुशील चौधरी इहे कहठैं ।


