आचारसंहिता उल्लंघन कैना उम्मेदवारहे छुट नैमिलीः निर्वाचन आयुक्त थपलिया

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १४ चैत । प्रमुख निर्वाचन आयुक्त दिनेशकुमार थपलिया चुनाव जित्न ढेर पैसा चाहठ कना हो कलेसे दलिय व्यवस्था उप्पर प्रश्न चिन्ह उठ्न बटैले बटै । विचार लेके जनतासंग गैलेसे जित्न ढेर पैसा नइलग्ना उहाँ बटैलै ।
नेपाल कानुन समाज ओ निर्वाचन आयोगसे संयुक्त रुपमे सोम्मार धनगढीमे करल कार्यक्रममे उहाँ यैसिन बटाइल हुइट । ‘विचार लेके जनतामे गैलेसे ढेर पैसा नइलागठ,’ आयुक्त थपलिया कहलै,–‘ढेर पैसा चाहठ कना हो कलेसे दलिय व्यवस्थाप्रतिके उपहास हुई सेकी ।’ निर्वाचन आचारसंहिता पालना करैनामे आयोग गम्भिर रहल उहाँक कहाई बा ।
निर्वाचन आचारसंहिता उल्लंघन कैना उम्मेदवारहे छुट नइडेना उहाँ चेतावनी डेलै । विगतमे आचारसंहिता कार्यान्वयन ओ अनुगमन प्रभावकारी नइहुइल तथा उल्लंघन करुइयाहे कारबाही नइकरल कहिके आयोगउप्पर प्रश्न उठ्न करल उल्लेख करटी उहाँ यी बार ओसिन हुई नइडेना प्रतिबद्धता व्यक्त करलै ।
‘यी बार विगत जस्टे नइहुई । उल्लंघन करुइयाहे छुट नइडेजाई, ठाउँके ठाउँ कारबाही करजाई,’ उहाँ कहलै, ‘ओटरा नइहुइलेसे कानुन अनुसार दण्डितफे कैबी ।’ उहाँ आचारसंहिता कार्यान्वयन ओ अनुगमनहे प्रभावकारी बनना सक्कु तहमे अनुगमन समिति गठन कैनाफे जानकारी डेलै ।
दलके प्रतिनिधिसमेत सहभागी करैना अनुगमन समितिके सिफारिसके आधारमे आचारसंहिता उल्लंघन करुइयाहे तत्काल कारबाहीके निर्णय कैना प्रमुख आयुक्त थपलिया बटैलै । कानुनमे रहल व्यवस्थाअनुसार उम्मेदवार बन्न जनप्रतिनिधिसे पदसे राजीनामा डेहे पर्ना व्यवस्था करल उहाँ दोह¥यइलै ।
निर्वाचन आचारसंहिताके पूर्ण पालना कैना फे उहाँ सरकार, राजनीतिक दल, संघसंस्थालगायत सक्कुहुनहे आग्रह करलै । स्वच्छ, निष्पक्ष ओ भयरहित वातावरणमे निर्वाचन सम्पन्न कैना कडाइके साथ आचारसंहिता कार्यान्वयन कैना आवश्यक रहल थपलिया उल्लेख करलै ।
‘आचारसंहिता कार्यान्वयन करे सेक्जाई नइसेक्जाई कना परीक्षणके कडीमे आयोग बा,’ उहाँ कहलै,–‘व्यक्ति, दल, संघसंस्थाके लाग फरक–फरक व्यवस्था करल ओ विस्तृत हुइल ओरसे यी बारके आचारसंहिता विगतसे फरक रहल बा ।’ यी पालि मतदाता शिक्षाहेफे जोडतोडके साथ आघे बढाइल उहाँ बटैलै । ‘आयोग आव केन्द्रमे केल नइरहल, आयोक्त थपलिया कहलै, ‘आव पालिकासम आयोग बा । मतदाता शिक्षाहे कडाईके साथ आघे बह्राजाई ।’ मतदाता शिक्षामे राजनीतिक दलहुकनके फे महत्वपूर्ण भूमिका रहल उहाँक कहाई बा ।
अन्तरक्रिया कार्यक्रममे पूर्वप्रधान न्यायाधीश कल्याण श्रेष्ठ राजनीतिक प्रणालीमे हुइना भ्रष्टाचार नियन्त्रणके लाग निर्वाचनमे उम्मेदवारसे खर्च कैना सीमाहे कडाइके साथ पालना कराई पर्ना धारणा व्यक्त करलै । सक्कु जे बराबरी अवस्थामे चुनाव लरना व्यवस्था हुइै पर्नामे उहाँ जोड डेलै ।
निर्वाचन आयोगसे सक्कु दलके सहमतिमे आचारसंहिता नानल उल्लेख करटी श्रेष्ठ यकर कार्यान्वयनके दायित्वफे सक्कुहुनके रहल उल्लेख करलै । ‘निर्वाचनके स्वीकार्यता ओ सहभागिता बह्रैना, कम खर्चहा बनैना, बदर मत घटैना ओ निर्वाचनहे निर्वाचन जैसिन बनैना हो (बाँकी ३ पेजमे) कलेसे आचारसंहिता पालना हुई परल,’ उहाँ कहलै, –‘यकर पालना कैना सक्कुहुनके साझा दायित्व हो ।’ आचारसंहिता कार्यान्वयन करे नइसेकल कहिके आयोगहे केल दोष डेहे नइहुइना उहाँक कहाई बा ।
पूर्वप्रधान न्यायाधीश श्रेष्ठ अब्बेक निर्वाचन प्रणालीमे समस्या रहल बटैलै । ‘निर्वाचन प्रणालीमे समस्या बा, यी हमरे सक्कु जे बुझले बटी,’ उहाँ कहलै, ‘संवैधानिक रूपमे सुधार करे पर्ना हुइलेसे तयार हुई परल । प्रणालीमे सुधार करके कमजोरी सुधार कैना कानुनमे सुधार करे परल ।’
निर्वाचन आयोगके पूर्वसचिव बेगेन्द्र शर्मा पौडेल आचारसंहित कानुनी केल नइहुके नैतिक विषयफे रहल ओरसे सक्कु जे पालना करे पर्ना धारणा रख्लै । ओस्टेक कानुन तथा न्याय मन्त्रालयके सह–सचिव निर्मला अधिकारी संहिता पालना नैतिकताके विषय रहल ओरसे पालना कैनामे सक्कु निकायके ओटरे भूमिका रहल बटैली ।
आचारसंहित पालना हुइनामे शंका
अन्तरक्रिया कार्यक्रमके सहभागि राजनीतिक दलहुक्रे निर्वाचन आयोगसे यी आघेफे आचारसंहिता नानल मने, कार्यान्वयन पक्ष बल्गर नइरहल ओरसे फेर कार्यान्वयन हुइनामे आशंका व्यक्त करले बटै ।
निर्वाचनमे दलबल, पैसा, सत्ताके दुरपयोग करके जैसिकफे निर्वाचन जिटे परठ कना संस्कारके विकास हुइटी गैल काँग्रेस सुदूरपश्चिम प्रदेश सभाके सांसद समेत रहल नेता भरत खड्का बटैलै । ‘निर्वाचनमे मतदाताहुकनके मन जिटके निर्वाचित हुइना प्रचलन हेरासेकल, खड्का कहलै । ‘उहीसे औपोचारिकता डेहक लाग केल आचारसंहिता नन्नासेफे कडाईके साथ पालना करे पर्ना महत्वपूर्ण बाट हो ।’ यदि औपोचारिकता केल डेहक लाग आचारसंहिता नन्ना हो कलेसे कौनो औचित्य नइरहल उहाँक कहाई बा ।
प्रदेशसभा सदस्य तथा नेकपा एमालेके नेता लिलाधर भट्ट सत्तामे रहल व्यक्ति मतदाताहुक्रे प्रभावित पर्ना क्रियाकलापमे अग्रसर हुइना ओरसे आचारसंहिता पालना हुइनामे आशंका व्यक्त करलै । उहाँ आचारसंहिता पालना करेक लाग मतदाता शिक्षाहे प्रभावकारी बनैनाफे आवश्यक रहल बटैलै ।
कार्यक्रममे नेकपा माओवादी केन्द्रके सुदूरपश्चिम अध्यक्ष हरि चौधरी आचारसंहिता सहि ढंगसे पालना हुई पर्नामे जोड डेलै । अब्बेसम कडाईके रुपमे पालना नइहुके निर्वाचनमे प्रश्न उठ्न करल उहाँ बटैलै । राष्ट्रिय प्रजातन्त्र पार्टीके नेता छत्र शाही आयोगसे छुट्याइल निर्वाचन खर्च उप्पर प्रश्न उठैलै । ‘आयोगसे महानगरपालिकाके मेयर निर्वाचन लरना ७ लाख ५० हजार छुट्यइल बा, उहाँ कहलै । ‘यी भिटर रहिके चुनाव लरना अब्बेक समयमे गाह्रो बा ।’ उहाँ आयोगसे केकर आधारमे निर्वाचन खर्च तय करल कहटी प्रश्न समेत करले रहिट । आयोगले विगतमे निर्वाचनमे आचारसंहिता नन्ना मने, प्रभावकारी रूपमे कार्यान्वयन भर करे नइसेकल कहटी अब्बेफे कार्यान्वयन हुइनामे उहाँफे शंका व्यक्त करलै ।
इन्सेक सुदूरपश्चिम प्रदेश संयोजक खडकराज जोशीफे आचारसंहिताहे कडाईके साथ पालना कैना महत्वपूर्ण बाट रहल बटैलै । उहाँ फे मतदानहे निश्पक्ष ओ धाढलीरहित बनाइक लाग मतदाता शिक्षाहे जोड डेहे पर्ना बटैलै ।
शारीरिक रुपमे अपाङग हुइल व्यक्तिहुकनहे मतदान स्थलमे जाके मतादान कैना वातावरण अभिन बने नइसेकल अपाङके क्षेत्रमे काम करटी आइल भीमबहादुर शाह बटैलै । अपाङगता रहलहुकनफे ओइनके क्षमता अनुसार निर्वाचनफे टमान भूमिकामा राखे पर्ना उहाँ सुझैलै ।
कार्यक्रममे थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य प्रभातकुमार चौधरी, समता मिडियाके अध्यक्ष मिलन परियार, नेपाली काँग्रेस कैलालीके सचिव नृप सुनार, वार कैलालीके अध्यक्ष सिद्धराज ओझा, दलित महिला अधिकार मञ्चके अध्यक्ष सावित्रा घिमिरे, जसपाके जिल्ला अध्यक्ष गया प्रसाद कुश्मी, नेता फोनीराम चौधरी चौधरी लगायत निर्वाचन आचारसहितबारे आ–अपन धारण राखल रहिट ।
कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेशके मुख्य न्यायधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय स्थानीय सरकार निर्वाचनके खर्च ओ प्रचार प्रसारबारे, कानून तथा न्याय मन्त्रालयके सहसचिव निर्मला अधिकारी निर्वाचन आचारसहिताके कार्यान्वयन तथा अनुुगमनबारे ओ निर्वाचन आयोगके पूर्व सचिव बेगेन्द्र शर्मा पौडेल निर्वाचन आचारसंहिताके प्रमुख विषयः सरोकारवालाहुकनके भूमिकाबारे प्रस्तुतीकरण करले रहिट ।
प्रमुख निर्वाचन आयुक्त दिनेशकुमार थपलियाके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे नेपाल कानून समाजके कार्यकारी निर्देशक कृष्णमान प्रधान कार्यक्रमके उद्देश्यबारे जानकारी डेहल रहिट ।
स्थानीय निर्वाचनमे निर्वाचन खर्च सीमा कटरा ?
२०७९ साल बैशाख ३० गते हुइना स्थानीय तहके निर्वाचनके लाग खर्च सीमा निर्धारण कैगिल बा । महानगरपालिकामे मेयर÷उपमेयर लरेक लाग ७ लाख ५० हजार, उपमहानगरपालिकामे मेयर÷उपमेयर लरेक ५ लाख ५० हजार, नगरपालिकामे मेयर÷उपमेयर लरेक लाग ४ लाख ५० हजार, गाउँपालिकामे अध्यक्ष÷उपाध्यक्ष लरेक लाग ३ लाख ५० हजार खर्च सीमा टोकल बा ।
ओस्टेक महानगरपालिकामे वडा अध्यक्ष÷सदस्य लरेक लाग ३ लाख, उपमहानगरपालिकामे वडा अध्यक्ष÷सदस्य लरेक २ लाख ५० हजार, नगरपालिकामे वडा अध्यक्ष÷सदस्य लरेक लाग २ लाख, गाउँपालिकामे वडा अध्यक्ष÷सदस्य लरेक लाग १ लाख ५० हजार खर्च सीमा टोकल बा । जिल्ला समन्वय समितिके प्रमुख उपप्रमुख लरेक लाग ५० हजार, सदस्य लरेक लाग २५ हजार ओ पालिकाके कार्यकारी सदस्य लरेक लाग २५ हजार खर्च सीमा टोकल बा ।
निर्वाचन आचारसंहिता पालना कैना दायत्व सक्कुहुनके हो : मुख्यमन्त्री भट्ट
निर्वाचन आचारसंहिता पालना कैना दायत्व आयोगके केल नइहुके सक्कुहु निकायके रहल सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारके मुख्यमन्त्री त्रिलोचन भट्ट बटैलै । ‘निर्वाचनहे स्वच्छ ओ भयरहित वातावरणमे सम्पन्न करेक लाग जिम्मेवारी रहठ,’ उहाँ कहलै । ‘ओकर लाग राज्यके सक्कु निकाय लगायत संघसंस्था ओ राजनीतिक दलहुकनके भूमिका रहठ ।’ निर्वाचनमे आर्थिक चलखेल ढेर हुइना ओरसे यहोरओर आयोगसे ढेर सचेत रहे पर्ना उहाँ सुझैलै । उहाँ सामाजिक सञ्जाल समेत निगरानी कैना आवश्यक रहल बटैलै । उहाँ अपन ओ प्रदेश सरकारके ओरसे आचारसंहिता पालना कैनामे प्रतिबद्धता समेत जनैलै ।
ओस्टेक, कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेशके आन्तरिक मामिला तथा कानुन मन्त्री पूर्णा जोशी निर्वाचन आचारसंहिताके सुचकमे बारेमे अनुगमन कैना आवश्यक रहल बटैली । उहाँ लोकतन्त्रके सुन्दरपक्ष निर्वाचन रहल बटैटी पछिल्का समय राजनीतिकदलहुकनके कारण गलत सन्देश गैल बटैली ।
