‘बिजनेश’ नैपाइल प्रदेशसभा
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १७ चैत । प्रदेश तहमे जनताके सार्वभौमसत्ताके प्रयोग कैना संस्था सुदूरपश्चिम प्रदेशसभाके बैठक एक बरस यहोर पर्याप्त कार्यसूचीके अभावमे नियमित हुइ सेकल नैहो ।
कार्यसूचीके अभावमे बैठक नियमितरुपमे सञ्चालन हुइ नैसेकलपाछे सभामुख अर्जुनबहादुर थापा कुछ दिन आघे शुरु हुइल हिँउदे अधिवेशनके डुसरा दिनके बैठकमे पहिलचो सरकारहे ‘बिजनेश’ डेना रुलिङ करल रहिट । बिफेक रोज बोलाइल बैठकसमेत स्थगित करल रहे ।
प्रदेशसभा सचिवालयके प्रवक्ता नरेन्द्रबहादुर पाल कार्यसूची नैहोके बिफेक लाग बोलाइल बैठक औरे दिन सारे परल बटैलै । ‘लावा विधेयक एकठो फेन दर्ता हुइल नैहो, सभासे काम नैपाके बैठक बैठे सेकल नैहो,’ उहाँ कहलै । ओहकान अनुसार छ महिनाभिटरे औरे अधिवेशन आह्वान कैसेके पर्र्ना संवैधानिक व्यवस्था रहल बा ।
छ महिना पुग्ना कुछ दिन किल बाँकी रहलमे इ हिँउदे अधिवेशन गत अँट्वारके किल शुरु हुइल रहे । पर्याप्त कार्यसूची नैहुइल कारण यकर आघेक बजेट अधिवेशन (वर्खे अधिवेशन) अन्तर्गतके बैठकसमेत नियमित हुइ सेकल नैरहे । बैठक नियमित हुइ नैसेकके प्रदेशके जनताके समस्या समाधानके बारेम छलफल हुइ पाइल नैहो ।
जनसरोकारके मुद्दा उप्पर छलफल कैना मुख्य थलो प्रदेशसभाके बैठक नियमित हुइ नैसेकके सरकार ओ प्रदेशसभाउपर नै कतिपय प्रश्न उठे लागल बावै । प्रदेशसभा सदस्य भरतबहादुर खड्का जनताके मुद्दा उपर छलफल कैके समस्या समाधान नैहोके सरकार ओ प्रदेशसभा उप्पर नै जनताके प्रश्न उठ्ना स्वभाविक रहल बटैलै । ‘सरकारसे पर्याप्त बिजनेश डेहे नैसेकके बैठक नियमित हुइ सेकल नैहो,’ उहाँ कहलै, ‘सरकार क्रियाशील हुइ सेकलेसे किल प्रदेशसभा फेन क्रियाशील हुइ, मने सरकारके कारण सदनके कारवाही फेन प्रभावित हुइटी रहल बा ।’
नेकपा विभाजनसँगे घटल सरकारके क्रियाशीलतासे छलफलके लाग पर्याप्त कार्यसूचिके अभाव डेखे लागल बुझाई कतिपय प्रदेश सभाके सदस्यके कहाइ रहल बा । प्रदेशसभासे काम सुरु करल चार बरस पूरा होके पाँचौँ बरस लग्लेसे फेन ५६ ठो कानून बना सेकल बा । बनाइल कतिपय कानून संशोधनके प्रक्रियामे रहल बावै । बनल कतिपय ऐनके प्रभावकारी कार्यान्वयन नैहुइल प्रदेशसभा सदस्यके अनुभव रहल बा । ऐन कार्यान्वयनमे नैअइटी कतिपय ऐनके संशोधनमे जाइपरल ओरसे विधेयक निर्माणमे प्रदेश सरकार ओ संसदीय समितिके क्षमता उपर नै प्रश्न उठाइ लागल बा ।
ऐन कार्यान्वयनमे नैजैटी संशोधन करे पर्र्ना अवस्था अइना करल परिपेक्ष्यमे कौन कौन ऐन बनैना आवश्यक बा कना विषयमे विधेयकके मस्यौदा तयार करेबर विज्ञके सहयोग लेना जरुरी रहल प्रदेशसभा सदस्य खड्का बटैलै । भूमि व्यवस्था, कृषि तथा सहकारी मन्त्री विनितादेवी चौधरी कानुन कबु नै पूर्ण नैहुइना रहल ओरसे आवश्यकताअनुसार यम्ने संशोधन करे पर्र्ना विषय स्वभाविक रहल बटैली ।
छलफलके लाग विधायन तथा प्रदेश मामिला समितिमा पठाइल सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवाके गठन सञ्चालन ओ सेवाके सर्त सम्बन्धमे व्यवस्था कैना बनल विधेयक २०७८ ओ प्रदेश प्रहरी सम्बन्धमे व्यवस्था कैना बनल विधेयक झण्डे नौ महिनासे समितिमे थन्कल बावै । समितिके सभापति नेपालु चौधरी उ विधेयकउपर छलफल कैके कुछ दिन आघे टुंगो लगा सेकल जानकारी डेलै । ‘इ दुई विधेयक उपर दफावार छलफल कैके टुंगो लगैले बाटी,’ उहाँ कहलै, ‘संघके विधेयक नै आइल कारण थप प्रक्रिया अब्बे आघे बह्रल नैहो ।’
संघीय संसद्मा निजामती सेवासम्बन्धी कानुन नबन्टी प्रदेश सरकारसे इ दुई विधेयक झण्डे एक बरस आघे प्रदेशसभामे टेबुल करल रहे । दलित सशक्तीकरण सम्बन्धमे व्यवस्था कैना बनल विधेयक प्रदेशसभाके सम्बन्धित समितिमे झण्डे एक बरससे थन्कल बावै ।


