थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १४ बैशाख २६४९, अत्वार ]
[ वि.सं १४ बैशाख २०८२, आईतवार ]
[ 27 Apr 2025, Sunday ]
‘ खोज/अनुसन्धान ’

बन्जरिया गाउँ : एक परिचय

पहुरा | १८ चैत्र २०७८, शुक्रबार
बन्जरिया गाउँ : एक परिचय

चिन्हाँपर्चि

नेपालके सबसे पस्छिँउ पर्ना जिल्ला हो कंचनपुर । ओहे कंचनपुर जिल्लाके सबसे पुरुबमे पर्ना नगरपालिका हो कृष्णपुर नगरपलिका जहाँ कैलालीके सिमानासे जोरल बा । हाँ ओहे कृष्णपुर नगरपालिकाके वडा नम्बर ६ भिट्टर पर्ना गाउँ हो बन्जरिया । इ आलेखमे बन्जरिया गाउँक् बारेम् कुछ चर्चा कैगैल बा ।

जैना डग्गर

सुदूरपश्चिमके प्रवेशद्वार मानजैना कैलालीक् अत्तरिया बजार से ६ किलोमिटर पस्छिँउ गुलरिया बजार परठ् । अत्तरिया बजारसे बसमे चहुँरके गैलेसे २० रुपयिामे गुलरिया बजार पुगे सेक्जाइठ् । अझकल अटोरिक्सा फेन चलठ् जेम्ने ३० रुपिया टिरके पुगे सेक्जाइठ् । ओहे गुलरिया बजारसे २ किलोमिटर डख्खिन ओर जैबि टे प्राकृतिक सौन्दर्यसे मुस्कुरैटि भेटैबि बन्जरिया गाउँ ।

घरक् बनावँट

बर्का बन्जरिया ओ छुट्कि बन्जरिया अलग अलग गाउँ हो । लकिन बन सामुदायिक कामके लाग डुनु गाउँक् सबजे मिलके काम करठैं । डग्गरिक् आँजर पाँजर पुरख्यानि पुरान चलनके घर लाइल लागल डेख्के लागठ् इ सब जे दांग डेउखरसे आइल हुँइट । कहुँ कच्ची डग्गर कहुँ ग्राबिल डग्गर । घरक् बनावँट हेरलेसे घर, अंगना, घारि, पलाँगि, रुख्वा बरिख्वा डेख्के सबके मन मोहनियाँ लेहठ् । फिलिम सुटिंगके लाग नाटक सुटिंगके लाग फेन एकडम उपयुक्त ठाउँ बा बन्जरिय गाउँ । इ गाउँमे पुरान संस्कृति फेन झल्कठ् गाउँक् दृश्य डेख्के । इ गाउँक् अपन पुरान इटिहास बटिस् । थारु बस्ती रहल कंचनपुर जिल्लाके गाउँ मनसे एकठो गाउँ फेन हो इ बन्जरिया ।

कृषि पेशा

बर्का ओ छुट्कि बन्जरिया गाउँ मिलाके एक सय ६ ठो घर रहल इ गाउँक् मुख्य पेसा जो कृषि हुँइन । यहाँक् खेटिपाटिके लाग समठर जग्गा जमिन बहुट मलगर बा । यहाँ धान, मकै, गहुँ, मसरि, आलु लागयट बाली फरगरसे फरठ् । कुलुवा, लहर, लडिया सुबिढा नैरलेसे फेन बोरिंगसे सिचाइ कैना मजा व्यवस्ठा बा । घर घर लनमे मोटर जोरल बा । ठाउँ ठाउँमे डिप बोरिंग फेन गारल बा । पुरान चलन गोरु भैंससे हर जोट्ना चलन अभिन पलि बा । आधुनिक जबाना मे अझकल घरघर टेलिपावर टेक्टर पुगसेकल बा । कोइ कोइ किल जागिर मे छिरल बटैं । अझकल कोइ व्यापार मे फेन अपन जिन्गी गुजरटि बटैं ।

वनजंगल

प्रकृटिसे मिल्ना हर चिज इ गाउँक् बासिन्डा लोग महाकाली सामुडायिक वैज्ञानिक बनसे सेवा सुबिढा लेठैं । इ बनुवँम्से काठि, पाटा, खर, माटि, यहैंसे लेठैं । बन सामुडायके अध्यक्ष बीरबहादुर राजवंशीक् कहाइ अनुसार २ सय १९ घर परिवार बनुवँक् उपभोक्ता बटैं । ओहे मनसे १ सय ६९ आदिबासी जनजाती, ७६ गैरु थारु, ४ घर परिवार दलित हे समेट गैल बा । १९७.५८ हेक्टर क्षेत्रफल मे फैलल् बा इ महाकाली सामुडायिक बनुवाँ । इ बनुवँक् भविस्य हेरलेसे ओज्रार बिलगाइठ् । संरक्षण ओ बिकास करे सेक्लेसे अइना डिनमे यहैं बन्जरियक् युवा लोग स्वरोजगार पैना मजा सम्भावना बिलगाइठ् ।

कृषि बचत समूह

कृष्णपुर नगरपालिका वडा नं ६ बन्जरिया बासी एकठो कृषि बचत समुह घर बनैले बटैं । बन्जरिया कृषि बचत समुह नाउँसे २०६७÷०६८ सालमे विधिवत रुपमे दर्ता हुइल बा । जेकर दर्ता नं ४९८ बा । तालिमके लाग हल, सभागोस्ठी, छलफल करक् लाग कृषि बचत समुह के घर काफी बा । इ जग्गा समुहके अपने आम्दानीसे किनल् हो । यहाँ कृषि क्षेत्रमे मजा उत्पादन हुइल डेख्के कृषि विकास कार्यालय कंचनपुरसे मोटर ओ बोरिंग किनक् लाग एक लाख रुपिया अनुदान मिलल् रहे । ओस्टेके प्रधानमन्त्री आधुनिक कृसष परियोजना धान सुपर जानसे कार्यक्रमिक् अनुडान २ लाख ५० हजार फेन हाँठ लागल रहे । सुदूरपश्चिम सिचाइ डिभिजन कार्यालयसे एक लाख, सुपर जोनसे चार कोठे भवनके लाग ५ लाख २८ हजार ९ सय ६५ रुपिया, चौधरी भुसे इँट्टा उद्योगसे ८ हजार इट्टा बराबरके ८० हजार मिलल् । जम्मा मिलाके २५ लाख २८ हजार ९ सय ६५ रुपिया बराबरके सम्पत्ति जोर सेक्ले बा कृषि बचत समुह घर ।

वि.स.२०६५ सालसे ३५ जाने किसान मिलके महिन्वाँरि ३ सय बचत करटि आइल बटैं । अब्बे सम २५ लाख से ढेर कारोबार करटि आइल बटैं । १२ प्रतिशत व्याज दरमे समुह भिट्टर रिन लगानी डेना व्यवस्ठा फेन बा । यडि एक बरसमे रिन चुक्टा करे नैसेक्लेसे तीन महिना ठप कैके १८ प्रतिशत व्याज लेजाइठ् । अझकल इ सेवा सुबिढा गाउँ भरिक् मनैंनहे डेटि आइल बीरबहादुर राजवंशी जानकारि डेलैं ।

छारा

बन्जरिया बासि दांग डेउखरसे छारा कैके आइल हुँइट । दांगके गोल्हौरा, बेलभार, डेउखरके मजगाउँ, महाडेवा, सिसनियाँ लगायट ठाउँसे आइल हुँइट । बन्जरियामे अइना से पहिले पुरान सिंघपुर (महेन्द्रनगर सिंघपर) बैंठलैं । शुक्लाफाँटा आरक्ष बने लागल टे वहाँ से बिस्थापिट होके आइल हुइटैं । इ गाउँमे लोक कथा, लोक गीत, जन्ना मनैं फेन अभिन टमान बटैं । पुरखनसे खोज अनुसन्धान कैके पास्टा प्रकासन कैना जरुरि बा ।

ऐटिहासिक काम

बन्जरिया थारु सामुडाय रहल गाउँ हो । एकर छुट्टे पुरान इटिहास, महत्तव ओ पहिचान बटिस् । वि. स.२०७५ साल कात्तिक १७ गते सनिच्चर के रोज हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक, सुमिरन पत्रिका के आयोजनामे ओ बन्जरिया गाउँक् व्यवस्थापनमे बट्कुहि बिसेस साहित्यिक बाचन कार्यक्रम फेन हुइल बा । इ कार्यक्रममे कपिलवस्तुसे रामअवतार अन्जान, दागंसे छविलाल कोपिला, नीमबहादुर थापा, सुर्खेतसे बिन्तीराम महतो, कृष्णाकुमारी चौधरी, बर्दियासे सुशील चौधरी, सुदिन चौधरी, रीता थारू, कालीराम थारू, नारायणी चौधरी, जग्गुप्रसाद चौधरी, कल्पना चौधरी, कैलालीसे अंकर चौधरी, रामचरण चौधरी, बलराम चौधरी, वसन्ती चौधरी, कंचनपुरसे मोहनप्रसाद चौधरी, अनिताकुमारी चौधरी, अस्मिता चौधरी, महिमा चौधरी, वीरबहादुर राजवंशी, खुशीराम चौधरी लगायट साहिट्यकार लोग अपन अपन रचना वाचन कैले रहिंट । यि कार्यक्रम गजलकार सागर कुश्मीके विसेस अगुवाइमे हुइल रहे कलेसे वीरबहादुर राजवंशी, सन्तराम चौधरी, रामप्रसाद चौधरीके विसेस योगडान रहल बा । इ कार्यक्रममे बन्जरियावासी अइना डिनमे साहिट्यिक सांस्कृतिक कार्यक्रमके लाग निरन्तर रूपमे हरेक साल उत्सवके रूपमे कार्यक्रम कैना योजना बटिन् । साहिट्यिक कार्यक्रममे बन्जरिया गाउँक् सखिया नाच, छोक्रा नाच फेन डेखागैल रहे । इ कारेकरम बन्जरियाके सबसे खनगर काम हुइल बा ।

इ गाउँक् पुरुबमे मौरीफाँटा गाउँ, उत्तरमे गुलरिया बजार, पस्छिउमे सिंगपुरुवा गाउँ, डख्खिनमे छुट्की बन्जरिया गाउँ परठ् । महेन्द्र राजमार्ग अर्थात् गुलरिया बजारसे २ किलोमिटर डख्खिनमे परठ् बन्जरिया गाउँ ।

(लेखक कैलालीक् धनगढीसे लगाटार प्रकासिट हुइटि रहल हरचाली साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिकाके प्रकासक ओ प्रधान सम्पादक हुँइट ।)

जनाअवजको टिप्पणीहरू