ओरेक नेपालके ३१ औं वार्षिकोत्सव
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १८ चैत । महिला पुनस्र्थापना केन्द्र (ओरेक) नेपाल शुकके रोज ३१ औं वार्षिकोत्सव मनैले बा । उहे अवसरमे ओरेकसे ‘महिलाके समानुपतिक समावेशी नेतृत्वके अधिकारः सामाजिक रुपान्तरणके आधार’ कना नाराके साथ राष्ट्रव्यापी अभियानके सुरुवाट करले बा ।
उ अभियान सुरुवाट कार्यक्रमके बर्का पहुना तथा धनगढी उपमहानगरपालिकाके नगर उपप्रमुख सुशीला मिश्र भट्ट करल रहिट । कार्यक्रममे बोल्टी उहाँ महिलाहुक्रे आव उपप्रमुखके केल सीमित नइहुके प्रमुखके जिम्मेवारी पाईपर्नामे जोड डेहल । अघिल्का निर्वाचननमे महिलनके संख्यात्मक सहभागिता रहल मने आब निर्णयक भूमिका रहल गुणात्मक सहभागी अनिवार्य हुई पर्ना जरुरी रहल बटैली ।
वार्षिकोत्सव कार्यक्रममे कैलालीके प्रमुख जिल्ला अधिकारी किरण थापा, राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोग सुदूरपश्चिम प्रदेश संयोजक मोहनदेव जोशी, फाया नेपालके धनपति ढुङेल, महिला अधिकारकर्मी निर्मला बागचन्द लगायत अपन बाट राखल रहिट । उहे बीच कार्यक्रममे परिवर्तनके संवाहक बासुदेवी सुनार ओ माया जोगी अपनेहुक्रे भोगल संघर्षके कथा सुनैले रहिट ।

कार्यक्रममे ओरेक नेपाल कैलालीके परियोजना संयोजक विनु राना संस्था सन् १९९१ दर्ता हुके महिला अधिकारके क्षेत्रमे कार्य करटी आइल बटैली । उहाँ कहली, कैलाली जिल्लामे भर १५ बरस हुइल बा । यी अवधिमे २०६४ सालसे २०७८ सम २ हजार ३५ ठो घटना अभिलेखीकरण हुइल उहाँ जनैली । ओम्नेसे ४ सय ४५ ठो फैसला हुइल, ४ सय ४० ठो मिलापत्र, ५ सय ४५ ठो मुद्दा दर्ता, ६ सय ५ जनहनहे सुरक्षा आवास सेवा डेहल परियोजना संयोजक राना बटैली ।
यी अवधिमे घरेलु हिंसाके १ हजार ८२, यौन हिंसा तथा यौन दुव्र्यवहार १ सय ३२, चरित्रा उप्पर आरोप ८२, जबरजस्ती करण २ सय ५, बहुविवाह १ सय ३, स्रोत साधानसे बन्चित १ सय १४, सामाजिक हिंसा १ सय ३, सामुहिक बलात्कार २१ रहल बा ।
ओस्टेक करके बोक्सीनियक आरोप ३७, बालश्रम ८, आत्महत्या २५, अपहरण ६, हत्या ६, ज्यान मर्ना उद्योग १२, मानव वेचविखन १४, बलात्कारके प्रयास १८ ओ बालविवाह ३३ जाने रहल ओरेक संयोजक राना बटैली ।
ओरेक नेपालके बोर्ड सदस्य संगिता अधिकारीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे ओरेक नेपाल केन्द्रीय कार्यालयके कार्यक्रम अधिकृत निर्मला केसी कार्यक्रमके उद्देश्य तथा स्वागत मन्तव्य व्यक्त करल रहिट ।
कार्यक्रमके संचालन प्रिति नेपाली करले रहिट । वार्षिकोत्सव कार्यक्रमके अवसरमे किशोरी समूहसे थारु नृत्य डेखागिल रहे ।


