थारु राष्ट्रिय दैनिक
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‘ सम्पादकीय ’

महिलाके समानुपातिक समावेशी नेतृत्वके अधिकार सुनिश्चित करी

पहुरा | २० चैत्र २०७८, आईतवार
महिलाके समानुपातिक समावेशी नेतृत्वके अधिकार सुनिश्चित करी

देशमे संघीय लोकतान्त्रिक गणतन्त्रात्मक व्यवस्थाके स्थापना हुइलसंगे राजनीतिक रुपान्तरणफे हुइल बा । यी संग्गे उपलब्धी संस्थागत हुइना देश सामाजिक आर्थिक सक्कु क्षेत्रमे रुपान्तरण खोज्ले बा । समाजमे महिला, पुरुष, यौनिक तथा लैङिक अल्पसंख्यकहरुबीच जात, वर्ग, यौनिक तथा लैंगिक पहिचान, भुगोल आदिके आधारमे सिर्जित असमान शक्ति सम्बन्धसे हम्रे खोजल परिवर्तनहे बाधा पुगैटी रहल बा । टबमारे आर्थिक सामाजिक रुपान्तरणके लाग अगुवाइ करे सेक्ना रुपान्तरित नेतृत्वके आवश्यकता बा । जेकर सवाल ओकर नेतृत्व स्थापित हुइना जरुरी बा । देशके आधासे ढेर जनसंख्या रहल महिलाके अर्थपूर्ण राजनैतिक नेतृत्व सामाजिक रुपान्तरणके लाग आधारभूत शर्त हो ।

अब्बे, राजनीतिक नेतृत्वसे यी यथार्थताहे हृदयंगम करटी आब अइना निर्वाचनमे संविधानके धारा ३८ के उपधारा ४ अनुसार राज्यके सक्कु संरचनामे महिलाके समानुपातिक समावेशी नेतृत्व सुनिश्चित कैना संख्याके आधारमे समानुपातिक सहभागिता (५० प्रतिशत) कराई सेक्लेसे केल देशके समग्र रुपान्तरणके आधार तयार हुई । महिलाके पहिचान, श्रम ओ शरीरउप्पर महिलाके अपन नियन्त्रण हुइना स्थिति हालसमफे सिर्जना हुई नइसेकल हो । यम्ने परिवर्तन हुई नइसेकल कारण देशमे स्थापित लोकतन्त्र, शान्तिके अनुभुति आम जनताके पहुँचसे बाहेर रहल बा ।

समाजमे विद्यमान असमान शक्ति सम्बन्धके कारण कुछ सीमित व्यक्ति, समूह ओ नेतृत्वसे केल फाईदा लेटी रहल अवस्था बा । यकर समाधानके लाग स्थानीय तहसे संघीय तहसम नेतृत्वमे रहल व्यक्तिहुक्रे अपनहे परिवर्तनके लाग तयार कैना ओ पुर्ण ईच्छाशक्तिके साथ रुपान्तरणकारी भुमिका निर्वाह कैना जरुरी बा ।

महिला पुनस्र्थापना केन्द्र (ओरेक) अपन ३१ औं वार्षिकोत्सवके शुभ–अवसरमे अइना निर्वाचनमे निर्णायक तहमे महिलाके अर्थपूर्ण समानुपातिक समावेशी सहभागिता सुनिश्चितताके वातावरण तयार कैना ‘महिलाके समानुपातिक समावेशी नेतृत्वके अधिकारः सामाजिक रुपान्तरणके आधार’ कना नारा सहित राष्ट्रव्यापी अभियान मिति २०७८ साल चैत १९ गते घोषणा करले बा । महिलाके समानुपातिक समावेशी नेतृत्वके अधिकार सुनिश्चित कैना राज्यके सक्कु संयन्त्रके ध्यानाकर्षण कैना ओ निर्णायक तहमे महिला जनप्रतिनीधिके उपस्थिति सुनिश्चित कैना राजनीतिक दलमे दबाव सिर्जना कैना मुख्य उद्देश्य सहित महिला अधिकारकर्मी, सामाजिक अभियन्ता, राजनीतिक दलके प्रतिनिधि, विद्यार्थी, संचारकर्मी, कलाकारहुकनके समन्वय ओ सहकार्यमे उ अभियान सफ बनैना जरुरी बा ।

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