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महिलाहे अर्थपूर्ण नेतृत्वके माग

पहुरा | २८ चैत्र २०७८, सोमबार
महिलाहे अर्थपूर्ण नेतृत्वके माग

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २९ चैत ।
स्थानीय तहके निर्वाचनमे महिलाहुकनके समानुपातिक समावेशी नेतृत्वके अधिकार सुनिश्चितता करे पर्ना माग कैगिल बा ।

यिहे बैशाख ३० गते हुइना स्थानीय तहके निर्वाचनके लाग राजनीतिक दलहुक्रे उम्मेदवार छनौटमे लग्टी रहलबेला ओरेक नेपाल ओ दलित महिला अधिकार मञ्चके संयूक्त आयोजनामे सोम्मारके रोज हुइल छलफल कार्यक्रममे महिलाहुकनके समानुपातिक समावेशी नेतृत्वके अधिकार सुनिश्चितता करे पर्ना माग कैगिल हो । छलफल कार्यक्रममे महिला अधिकारकर्मी गोमा आचार्य स्थानीय तहके निर्वाचनके लाग उम्मेदवार छनौट करेबेर महिलाहुकन टरेक तहमे सिफारिस करटी रहल बटैली ।

आघे चुनावमे महिलाहुकन उपप्रमुखमे केल सीमित कैगिल, उहाँ कहली, ‘महिलाहे हेर्ना विभेदपूर्ण दृष्टिकोणसे सिर्जित हानिकारक परम्परागत अभ्यासके कारण राजनैतिक नेतृत्वमे महिलाहे सहजे स्वीकार कैना वातावरण नइहो । अब्बेफे आरक्षण कोटामे, वडा अध्यक्षमे सीमित पर्ना पार्टीहुकनके मनस्थिति डेखजैटी ।’

उम्मेदवारी सिफारिस करेबेर अत्याधिक शुल्क लेटी रहल ओरसे पार्टीके प्रावधान अनुसार शुल्क लेना उहाँ आग्रह करली । दुसर महिला अधिकारकर्मी सपना भण्डरी गठबन्धनके कारण डेखाके महिलाहुकनहे निर्णयक पदसे बन्चित कराई सेक्ना बटैली ।
तुलनात्मक रुपमे हेरेबेर २०७४ के स्थानीयतहके निर्वाचनमे १ लाख ४८ हजार ३६४ जाने उम्मेदवारी डेहल मन्से ६१.०१ प्रतिशतपुरुष ओ ३८.९८ प्रतिशत महिलाके सहभागिता रहे ।

निर्वाचित ३५ हजार ३४ जाने जनप्रतिनिधि मन्से ५९.०४ प्रतिशतपुरुष ओ ४०.९६ प्रतिशत महिला रहिट । समग्रमे स्थानीयतहके निर्वाचन महिलाहुक्रे ४० प्रतिशत सहभागिता सुनिश्चित करल रहे । जम्मा निर्वाचित प्रतिनीधि मन्से १८.७५ प्रतिशत दलित महिलाके उपस्थिति रहे । मने निर्णायक तहमे पुरुषके बाहुल्यता रहल बा ।

छलफलसे राजनीतिकहुकनहे बुझाईक लाग १२ बुँदे ध्यानार्कषणपत्रफे तयार पारल बा । जौन ध्यानाकर्षणपत्र आज यहाँक क्रियाशिल राजीतिक दलहुकनहे बुझैना ओरेक नेपालके जिल्ला संयोजक विनु राना बटैली ।

ध्यानाकर्षणपत्रमे नेपालके संविधानके धारा ३८ के उपधारा ४ मे मौलिकहकके रुपमे रुपमे व्यवस्था करल अनुसार राज्यके सक्कु संरचनामे महिलाके समानुपातिक समावेशी नेतृत्व अनिवार्य रुपमे सुनिश्चितके पर्ना, महिला महिलाभिटरके विविधताहे (दलित, जनजाति, यौनिक तथा लैंगिक अल्पसंख्यक, अपागंता आदि)सम्मान ओ स्वीकार करके उहे अनुसारके सहभागिता ओ निर्णायक तहमे प्रतिनिधित्व सुनिश्चितताके लाग अनिवार्य राजनीतिक दलहुकनके बिधानमे व्यवस्था करके कार्यन्वयनमे नाने पर्ना माग करल करल बा ।

स्थानीयतहके निर्वाचनममे महिलाके नेतृत्वदायी पद सुनिश्चितताके लाग उहे अनुसार राजनीतिक दलसे बिना कौनो शर्त महिलाके उम्मेद्वारी मनोनय नइहुइना ब्यवस्था करे पर्ना, निर्वाचनके लाग उमेद्वारी सिफारिस करेबेर चर्को शुल्क लेना बाट पार्टीके विद्यान विपरित हुइना ओरसे उ अभ्यास खारेज हुई पर्ना, निर्वाचन नियमावली ओ संविधानमे हुइल व्यवस्था विपरित कौनोफे राजनितिक दल महिलाहुकनके प्रतिनिधित्व घट्न करके सिफारिस करे नइहुइना, सक्कु राजनितिक दलसे महत्वकांक्षीके भरमे उम्मेद्वारी सिफारिससेफे अनुभवी, योग्यता ओ क्षमताके निश्चितमे पदन्द तयार करके कार्यन्वयन करे पर्ना लगायत माग रहल बा ।

दलित महिला अधिकार मञ्चके सृजना पराजुली दलित तथा सीमान्तकृत महिलाके सवालमे नागरिक घोषणपत्र तयार पारल बटैली ।

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