सुदूरपश्चिम प्रदेश गरिबीमे दुसरा स्थानमे

लक्ष्मी चौधरी
धनगढी, ५ बैशाख । सुदूरपश्चिम प्रदेश गरिबीमे दुसरा स्थानमे रहल फियान नेपाल जनैले बा । कलेसे सात प्रदेशमे कर्णाली प्रदेश गरिबीमे पहिल स्थानमे रहल बा । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे २०६८ सालके जनगणनामे सुदूरपश्चिमके जनसंख्या २५ लाख ५२ हजार ५१७ जनसंख्या रहलमे २५.३ प्रतिशत जनसंख्या गरिबीके रेखाटरे रहल फियान नेपालके कार्यकारी निर्देशक अशोक बहादुर सिंह बटैलै ।
कर्णाली प्रदेशमे १५ लाख ७० हजार ४१८ जनसंख्या रहलमे ३९.५ प्रतिशत जनसंख्या गरिबीके रेखा टरे रहल बटै । लुम्बिनी प्रदेशमे ४४ लाख ९९ हजार २७२ जनसंख्या रहलमे १८.२ प्रतिशत गरिबी, गण्डकी प्रदेशमे २४ लाख ३ हजार ७५७ जनसंख्या मन्से ७ प्रतिशत गरिबी, प्रदेश २ मे ४४ लाख ४ हजार १४५ जनसंख्या रहलमे २४.२ प्रतिशत गरिबी ओ प्रदेश नम्बर १ मे ४५ लाख ३४ हजार ९४३ जनसंख्या मन्से १५.९ प्रतिशत गरिबी रहल बटै ।
नेपालमे गरिबी तथा भोकमरीके अवस्था हेरेबेर १७.४ प्रतिशत गरिबीके रेखाटरे रहल बा । ग्रामीण क्षेत्रमे ३३ प्रतिशत, शहरी क्षेत्रमे ७ प्रतिशत गरिबी रहल कार्यकारी निर्देशक सिंह बटैलै । कलेसे भोकमारी ओ कुपोषितके संख्या ४० लाख रहल उहाँ जनैलै ।
ओस्टेक जिल्ला खाद्य अधिकार संजाल कैलालीके आयोजना तथा फियान नेपाल, याक नेपालके सहकार्यमे हुइल खाद्य अधिकार प्रत्याभुतिके लाग नागरिक समाजके भूमिका विषयक छलफल कार्यक्रममे फियान नेपालके कार्यकारी निर्देशक अशोकबहादुर सिंह खाद्य अधिकार सम्बन्धी कार्यपत्र प्रस्तुत करले रहिट ।
कार्यक्रममे गैरसरकारी संस्था महासंघ सुदूरपश्चिम प्रदेश अध्यक्ष देवीप्रसाद खनाल ओ फियान नेपालके सुदूरपश्चिम प्रदेश प्रमुख मुकुन्द राना सहजीकरण करले रहिट । कार्यक्रममे फाया नेपालके कार्यक्रम निर्देशक शेरबहादुर बस्नेत, दलित महिला अधिकार मञ्चके अध्यक्ष सावित्रा घिमिरे, मुक्तकमैया महिला विकास मञ्चके कौशिला चौधरी लगायत खाद्य अधिकार सुनिश्चितताके लाग नागरिक समाजके भूमिका अहम रहे पर्ना बटैले रहिट । छलफल कार्यक्रम जिल्ला खाद्य अधिकार संजाल कैलालीके संयोजक धनपति ढुङेलके अध्यक्षतामे हुइल रहे । संचालन देवीप्रसाद खनाल करले रहिट ।
लौवा समितिके संयोजकत्वमे फेरसे ढुङेल

ओस्टेक करके फेरसे धनपति ढुङेलके संयोजकत्वमे लौवा समिति गठन हुइल बा । जेकर सहसंयोजकमे कौशिला चौधरी, सचिवमे सावित्रा घिमिरे रहल बटैलै । ओस्टेक संजालके सदस्यमे अपाङता उत्थान समाज, सेवक नेपाल, याक नेपाल, फियान नेपाल, डब्लुएचआर, सिएसएसडी, नेपाल पत्रकार महासंघ, फेडो, एनएनडिएसडब्लुओ, मुक्तकमैया समाज, महिला पैरवी मञ्च, ओरेक, इन्सेक, राष्ट्रिय कृषक समुह महासंघ, माइती नेपाल, कमैया प्रथा उन्मुलन समाज, गैसस महासंघ, मुक्तकमैया महिला कृषक समुह लगायत रहल बटै ।
