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समयमे प्रजनन स्वास्थ्य सेवा पाइपरनामे जोड

पहुरा | ६ बैशाख २०७९, मंगलवार
समयमे प्रजनन स्वास्थ्य सेवा पाइपरनामे जोड

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ६ वैशाख ।
सुरक्षित मातृत्व तथा प्रजनन स्वास्थ्य सेवामे सक्कु सर्वसाधारणके पहुँच हुइ परना एक कार्यक्रमके सहभागीहुक्रे जोड डेले बटैं ।

सुदूरपश्चिम प्रदेश स्वास्थ्य निर्देशनालयके समन्वय तथा आईपास नेपाल एवं महिला, कानुन ओ विकास मञ्चके आयोजनामे मंगरके रोज धनगढीमे प्रजनन स्वास्थ्य तथा सुरक्षित गर्भपतनसम्बन्धी सरोकारवालाहुकनबीच हुइल अन्तरक्रिया कार्यक्रमके सहभागीहुक्रे सक्कु आम सर्वसाधारण समयमे सुरक्षित मातृत्व तथा प्रजनन स्वास्थ्य सेवा पाइपरना बटैले बटैं ।

कार्यक्रममे अधिवक्ता सविन श्रेष्ठ प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार ओ सुरक्षित गर्भपनतके अधिकार विषयमे कार्यक्रमपत्र प्रस्तुत करटि प्रत्येक व्यक्तिहे प्रजनन सेवाके मौलिक अधिकार रहल जानकारी करैलैं । उहाँ सुरक्षित गर्भपतन कानूनसे डेहल अधिकार रहल जनैटि इच्छा बेगर गर्भपनत करलेसे कानून बमोजिम कारवाही हुइना फेन जानकारी करैलैं । उहाँ सुरक्षित गर्भपतन सेवा सरकारीसे टोकल स्वास्थ्य केन्द्रमे निःशुल्क, सुरक्षित ओ गोप्य तरिकासे सेवा प्रदान हुइटि रहल बटैलैं ।

ओस्टेक, कार्यक्रममे उहाँ सुरक्षित मातृत्व तथा प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार ऐन, २०७५ मे रहल व्यवस्थाबारे फेन जानकारी करैले रहैं । यी ऐनके प्रस्तावनामे “नेपालके संविधानसे प्रदत्त महिलाके सुरक्षित मातृत्व तथा प्रजनन स्वास्थ्यसम्बन्धी हकके सम्मान, संरक्षण ओ परिपूर्ति करेक लाग मातृत्व तथा प्रजनन स्वास्थ्य सेवाहे सुरक्षित, गुणस्तरीय, सर्वसुलभ तथा पहुँचयोग्य बनैना सम्बन्धमे आवश्यक व्यवस्था करना वाञ्छनीय रहल उल्लेख करल बा ।”

अधिवक्ता श्रेष्ठ कौनो फेन महिला सरकारके टोकल मापदण्ड अनुसार स्वास्थ्य संस्थामे गर्भपतन कराइ अइलेसे सुरक्षित, गुणस्तरीय, सर्वसुलभ रूपमे गर्भपतन सेवा डेहे बटैलैं । उहाँक अनुसार १२ महिनासमके गर्भहे इच्छानुसार गर्भपतन कराइ मिलठ । अस्टेक, जवरजस्तीकरणी, डाइक स्वास्थ्यमे गम्भीर असर परेसेक्ना अवस्था, बच्चा बिकलांग रहलमे भर २८ महिनाके फेन गर्भ बेगाइ मिल्न व्यवस्था रहल बटैलैं ।

उ ऐनमे किहुनहे फेन करकाप कैके वा धम्की, प्रलोभन, भुलाफुस्लाके मञ्जुरी नैलेके बलपूर्वक परिवार नियोजन करे नैपैना, बलपूर्वक गर्भ निरोधकके साधान प्रयोग कराइ नैपैना, बलपूर्वक गर्भपतन नैकराइ पैना, लिंग पहिचान कैके गर्भपतन कराइ नैपैना, गोपनीयता कायम करेपरनालगायतके व्यवस्था रहल उहाँ जानकारी करैलैं । कोइ फेन अइसिपन कार्य करलमे यी ऐनबमोजिम कसूर मानजैना ओ कारवाही हुइना उहाँ बटैलैं । मने, असल नियतसे प्रजनन स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराइल विषयहे लेके कौनो फेन स्वास्थ्य संस्था तथा स्वास्थ्यकर्मी विरुद्ध कैनो मेरिक कानूनी कारवाही नैचलैना उहाँ बटैलैं ।

कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेश सामाजिक विकास मन्त्रालय स्वास्थ्य महाशाखाके प्रमुख सुरेन्द्र कार्की प्रत्येक स्थानीय तहसे लेके केन्द्रसम सुरक्षित मातृत्व तथा प्रजनन स्वास्थ्य सेवाके प्रवद्र्धन ओ सम्वद्र्धन करेपरना बटैलैं । उहाँ गर्भपतनलगायतके संवेदनशील स्वास्थ्य सेवा लेहेबेर सचेत हुइ परना बटैलैं । उहाँ कलैं, “गर्भपतनलगायतके सेवा लेहेबेर हतारमे निर्णय करना मने पाछे पस्टैनामेरिक नैकरेपरठ ।” “कोइ–कोइ असुरक्षित गर्भपतन सेवा लेहलबाद स्वास्थ्यमे गम्भीर असर परल ओरसे पाछेजाके पस्टैठैं,” उहाँ कलैं, “टबेमारे अइसिन स्वास्थ्य सेवाबारे समयमे सोचके कदम बह्राइक परठ ।” ओस्टेक, महाशाखाके प्रमुख कार्की बलात्कार जैसिन घटनाके गर्भपतन बरैनामे और जटिलता रहल बटैलैं ।

ओस्टेक, कार्यक्रममे स्वास्थ्य निर्देशनालयके प्रमुख डा. जगदिश जोशी गर्भपतन, सुरक्षित मातृत्व सेवा डेहुइया संघ संस्थामे दक्ष जनशक्ति नैहोके सर्वसाधारणहे सुरक्षित सेवा लेना समस्या रहल बटैलैं । उहाँ कलैं, “दुर्गम ठाउँमे सुरक्षित गर्भपतन सेवा लेना और कठिन बा ।” उहाँ दुर्गम ठाउँमे फेन सुरक्षित रूपमे गर्भपतन सेवा डेना तालिम डेहे परनामे जोड डेलैं ।

कार्यक्रम सेती प्रदेशिक अस्पतालके नर्सिङ निरिक्षक यशोदा ढकाल अस्पतालमे गर्भपतन करे आइल सेवाग्राहीहे पहिले परामर्श कैके सेवा प्रदान करल बटैलैं । उहाँ अस्पतालमे गर्भपतन कराइ आइलहुकनके सुरक्षित, गुणस्तरीय, सर्वसुलभ ओ गोप्यरूपमे गर्भपतन कराइल बटैलैं । कार्यक्रमके स्त्रीरोग विशेषज्ञ दीप श्रेष्ठ डंगोल उद्देश्यबारे जानकारी करैले रहैं ।

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