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पत्रकारिता छोरके अध्यक्षके उम्मेदवार बन्टी गणेश चौधरी

पहुरा | ९ बैशाख २०७९, शुक्रबार
पत्रकारिता छोरके अध्यक्षके उम्मेदवार बन्टी गणेश चौधरी

मदन चौधरी
काठमाडौं, ९ वैशाख ।
दुई दसक ढेर पत्रकारितामे सक्रिय रहल कैलाली टीकापुरके गणेश चौधरी राजनीतिमे होमल बटै । उहाँ टीकापुरसंंगे रहल जानकी गाउँपालिकामे अध्यक्ष पदमे उम्मेदवारी डेटी बटै । उहाँ रेशम चौधरी नेतृत्वके नागरिक उन्मुक्ति पार्टीसे उम्मेदवारी डेहे लागल हुइट ।

देशके भारी मिडिया हाउसके जागिर छोरके गणेश चौधरी काहे राजनीतिमे लग्टी बटै ? उ फे भर्खरे दर्ता करल रेशमके पार्टीमार्फत् काहे ? काहेकी उहाँ थरुहट आन्दोलनहे लग्गेसे नियल्ले बटै । मुक्ति संघर्ष ओ थरुहट आन्दोलनके टमान आयामहुकनके साक्षी बटै गणेश चौधरी । ओटकर केल नाही, थारु समुदायहे बदनाम कराइल टीकापुर घटनाके प्रत्यक्षदर्शीफे हुइट गणेश चौधरी ।

७ भदौके घटनामे उहाँ टीकापुर अस्पतालमे शरण नइलेहल हुइलेसे सायद उहाँ उप्पर बर्बरतापूर्ण मुक्का, लात्ती, भाटा बर्से सेकट । प्रहरी मुनाके रिस उहाँ उप्पर बर्से सेकट । थारु हुइल कारण उहाँ अपन ज्यान बचैना ओर लागे परठ ।

८ भदौके घटनाके उहाँफे प्रत्यक्षदर्शी हुइट । जहाँ प्रहरी, प्रशासनके आडमे थारुहुकनके रिसोर्ट, एफएम, व्यापार, व्यवसाय ओ थारुहुकनके घर छान छानके जरागिल । मने आजके दिनमे आपुग्के अपराधि सावित हुइल बटै टे केवल थारुहुक्रे । अधिकारके आन्दोलनके क्रममे भीडसे हुइल घटनामे जैसिक थारुहुक्रे अपराधि सावित हुइलै, खै टे ८ भदौमे थारुके रिसोर्ट, एफएम ओ व्यापार व्यवसाय जरुइया अपराधि सावित हुइल ?

गणेश चौधरी यिहे प्रश्नके जवाफ खोज्टी राजनीतिमे होमल बटैठै । उहाँ पहिचानके मुद्दा उठैना माओवादी पार्टी सबसे ढेर दोषी रहल बटैठै । ‘माओवादीसे मजा काम करल डेहल हुइलेसे आज रेशम चौधरीसे जेलसे पार्टी खोल्न जरुरी रहे टे ? उहे माओवादी नइहो टे, काल्हके दिनमे पहिचान ओ अधिकारके बाट करल, थरुहट थारुवान कहल ?, ‘उहाँ प्रश्न करठै, ‘उ मुद्दा–एजेण्डा कहाँ पुगल ? उ टे बिरुरासेकल यी एजेण्डा । उ बाट आब कैसिक स्थापित कैना, कै कैना ? ओकर लाग गणेश चौधरीहुक्रे नइलग्लेसे के कैडेना ?’

‘काल्हके दिनमे फोरम कहिके भोट मग्लै । पहिचानके नारा लगैलै । ओइने का करलै टे ? थारुहुकनके भुटला बराबरफे नइडेब कहुइयाके पाछे लग्लै । थारुहुक्रे काहे ओइनके पाछे टँस्लै ?

कैलालीमे पहिचानके बाट कैना ढेर बटै, मने पछिल्का समय पहिचानके मुद्दा बोक्न रेशम चौधरी केल रहल उहाँक बुझाइ बा । ‘कैलालीमे पहिचानके बाट कैना औरफे बटै । लक्ष्मण थारुहुक्रेफे पहिचानके बाट करही । मने पहिचानके नेतृत्व के करी कना खास बाट हो,’ थरुहट आन्दोलनताकाके बाट स्मरण करठै, ‘काल्हके दिनमे टीकापुर क्षेत्रमे रेशम चौधरी पत्रकार हुइटी रहेबेर, एमालेके थारु, कांग्रेसके थारु, माओवादीके थारु हात जोरके कहले बटै– रेशमजी हमार नेता कोई नइहुइलै । नेता बनडेहे परल । उहाँहुक्रे हो टीकापुर क्षेत्रके संयोजक बनाइल ।’

उहीसे पहिचानके नेतृत्व रेशम चौधरी बाहेक और करे नइसेक्ना उहाँक बुझाइ बा । ‘यिहीसे का प्रमाणित हुइही कलेसे पहिचानके नेतृत्व कैना टे और कोई नेता नइहुइट । टबमारे लक्ष्मण थारु का करे सेक्ही, रेशम चौधरी का करे सेक्की कना खास बाट हो,’ उहाँ थप्ठै, ‘लक्ष्मण थारुहुक्रे जाटिक पहिचान पक्षधर हो कलेसे ओइने रेशम चौधरीके पार्टीमे समाहित हुई परी ।’

थरुहट आन्दोलनताके विजय गच्छदार नेतृत्वके फोरम लोकतान्त्रिकके रजगज फे रहे कैलालीमे । गणेश चौधरी उम्मेदवार बन्टी करल गाउँपालिकाफे फोरम लोकतान्त्रिकसे जिटल क्षेत्र हो । मने ओकर अस्तित्व आजके दिनमे नइहुइट । थारु पहिचानके भारी बाट कैना कांग्रेसी हुइल डेख्के गणेश चौधरी उदेक मन्ठै । थारुहुक्रे अधिकारके आन्दोलन करेबेर उ बेला कांग्रेस सभापतिसमेत रहल शेरबहादुर देउवा थारुहुकनहे ‘रौँ बराबरफे नइडेना’ अभिव्यक्ति डेहल रहिट ।

‘खास बाट पहिचानके आन्दोलन हो । यी आन्दोलनसे अभिनसम पूर्णता पाइल अवस्था नइहो । पहिचानके आन्दोलनहे पूर्णता डेना यी क्षेत्रके, भेगके जनता भोट डरही, उहाँ कहठै, ‘टीकापुरके ७ गते घटेके घटनाममे थारुहुक्रे अपराधि हुइना, मने ८ गतेके घटनामे कोइ अपराधि नइहुइना ? यी अन्याय हो कि नइहो ? शोषण दमन हो कि नइहो ? शोषण दमन सहके यहाँके जनता रुखुवामे, सूर्यमे, हँसिया हथौडामे भोट डरही जैसिन मही नइलागठ ।’

पहिचानके आन्दोलनफे एक दिन स्थापित हुछोरना उहाँ बटैठै । ‘यैसिन आन्दोलन विश्वभर हुइल हम्रे डेखले बटी । मने उ आन्दोलन कुछ न कुछ बाट स्थापित कराई । काल्ह कांग्रेससे संविधानसभाके मुद्दा आघे नन्ली । पाछे उ मुद्दा माओवादीफे बोकल ओ संविधानसभाके निर्वाचन हुइल, देशमे संविधानफे बनल,’ उहाँ कहठै, ‘अब पहिचानके बाट उठल बा । उ बाट स्थापित हुइनाहे समय लागी मने, मने कौनो ना कौनो रुपमे आन्दोलन जारी रही ।

जितके दुसर आधार उहाँ थारु मत रहल बटैठै । जानकी गाउँपालिकामे ३५ हजार मतदाता बटै । उ मन्से ५६ प्रशतिशत अर्थात् १९ हजार ढेर थारु बटै । अघिल्का स्थानीय निर्वाचनमेफे एमाले ओ माओवादी दुई–दुई वडा जिटेबेर फोरम लोकतान्त्रिक ऐक्केली ५ ठो वडा जिटल रहे । उहे भोट अपने पैना गणेशके दाबी बा ।

साभारः अन्नपूर्ण पोस्ट

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