कठरिया थारुनके पोस्टा महाँ कम
सागर कुस्मी
धनगढी, ६ जेठ । कैलाली जिल्लामे किल बसोबास रहल एक्ठो किल समुदाय हो कठरिया थारु समुदाय । इ समुदायके अपन छुट्टे संस्कृति, भेसभुसा, खानपीन, रीतिरिवाज, चालचलन, नाचगान, परम्परा, गीतबाँस, टरटिहुवार बा ।
अट्रै किल नाही इ समुदायके अपन भासा, साहित्य फेन बा । कुछ समय पहिले कठरिया थारुनके भासा साहित्यके पोस्टा ओ पत्रिका प्रकासन फेन हुइल बा । जिहिसे कठरिया थारुनके साहित्यमे दस्तावेज हुइल बिल्गाइठ । अउरे समुदायके पत्रपत्रिका ढेर प्रकाशन हुइलेसे फेन यहाँ कठरिया थारु समुदायके भासा साहित्य अभिन अंगरीमे गने सेक्ना एकदम सीमित रुपमे कृति ओ पत्रपत्रिका प्रकाशन हुइल बिल्गाइठ ।
साहित्यकार सुरेन्द्र कठरिया ०६० के दशक ओर कुछ पत्रिका प्रकाशन हुइल मने नियमित हुइ नैसेकल उहाँ बटैलैं । उहाँके बटाइल अन्सार उहाँके प्रकाशन ओ सम्पादनमे ‘रहिवार’ अर्धवार्षिक पत्रिका २०६२ सालमे प्रकाशन हुइल । इहे पत्रिका कठरिया थारु समुदायके पहिल पत्रिका साबित हुइल । मने रहिवार ३ अंक सम प्रकाशन होके डुबारा प्रकाशन हुइ नैसेकल उहाँ बटैठैं ।
ओस्टेके, अमरसिंह कठरियाके प्रकाशन ओ सम्पादनमे ‘रोसनी’ त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका २०६४ सालमे प्रकाशन हुइल । इहो पत्रिका फें २ अंकसे जेडा निकरे नैसेकल । इ पत्रिका कठरिया थारु समुदायके डुसरा पत्रिका हो । सम्पादक अमरसिंह कठरियाके बटाइल अन्सार, अपने समुदायके लेखक ओइनके लेख, रचनाके कमि हुइल ओर्से पत्रिका समयमे नियमित निकारे नैसेकल उहाँ बटैलैं ।
समय करोट फेरट संगे कठरिया समुदायके टिसरा पत्रिका प्रकाशन हुइक लाग १३ बरसके असरा लागे परल । पहलमानपुर कैलालीक् राजेन्द्र कठरियाके प्रकाशन ओ सम्पादनमे ‘कठरिया सन्देश’ साहित्यिक त्रैमासिक पत्रिका २०७७ सालमे प्रकाशन हुइल बा । इ पत्रिका जिल्ला प्रशासन कार्यालय कैलालीमे विधिवत रुपमे दर्ता होके प्रकाशन हुइटी बा । मने इहो पत्रिकाफें नियमित प्रकाशन हुइ नैसेक्ठो । पत्रिकाके प्रधान सम्पादक टिआर कठरियाके बटाइल अन्सार लेख रचना ओ आर्थिकके अभावसे पत्रिका नियमित कैना बहुत साँसट हुइटी रहल बटैलैं ।
अनलाइन पत्रपत्रिका
इ समय आधुनिक प्रविधिके हो । अझ्कल सारा चिज इन्टरनेट से खोजे भेटाइ सेक्जाइठ । प्रविधिके विकास संगे अझ्कल अनलाइन पत्रिका फेन ढमाढम संचालनमे अइटी बा । ओस्टेके कठरिया थारु भासाके दुइठो अनलाइनफें संचालनमे आइल डेख्जाइठ । कठरियन पोस्ट डटकम अनलाइन फें अपन गतिविधिहे आघे बर्हैटी गैल बा । एकर सम्पादक सुरेन्द्र कठरिया, जनक कठरिया, सुबेश कठरिया लगायतके समूह बा ।
ओस्टेके, कठरिया सन्देश डटकम फें संचालन हुइल बा । जेम्ने राजेन्द्र कठरिया प्रकाशक/सम्पादक बटैं कलेसे टिआर कठरिया प्रधान सम्पादकके जिम्मा निभैटी बटैं । एम्ने नेपाली भासाके समाचार लेख रचना स्थान पैटी बा ।
पोस्टा प्रकाशन
जानकी गाउँपालिका–२, मुनुवाँ कैलालीके राजकुमार बडायकके ‘निरास यी जीवन’ उपन्यास २०६६ सालमे प्रकाशन हुइल बा । इ उपन्यास कठरिया भासाके पहिल उपन्यास हो । अब्बेसम कठरिया थारु समुदायसे प्रकाशित हुइल इहे किल पोस्टा बा । हुँकार टुटल दिल गजल संग्रह प्रकाशकके अभावमे प्रकाशन हुइल नैहुइल उहाँके कहाइ बा ।
अस्टेके, घोडाघोडी–११, सिसैया कैलालीके टिआर कठरिया मुक्तक बिधामे कलम चलाइल बिगाइठ । उहाँके ‘निसानी’ मुक्तक संग्रह प्रकाशनके तयारीमे रहल जानकारी डेलैं । उहाँ कहलैं, ‘लगानीके अभावसे इ मुक्तक संग्रह फेन डायरीके पन्नामे सिमित हुइल बा ।’
गीति एल्बम
थारु समुदाय मन्से कठरिया थारु समुदाय फेन एक हो । कठरिया थारुनके फेन अपन छुट्टे पहिचान, गीतबाँस, रहनसहन, टरटिहुवार, चालचलन बा । कठरिया समुदायके फेन अपन अलग मेरके बोली, भासा, साहित्य ओ गीत बा । यहाँ कठरिया भासामे प्रकाशन हुइल गीति एल्बमके फेन आइलमे आइल बा ।
राजकुमार बडायक ओ सुरेन्द्र कठरियाके संयुक्त प्रकाशनमे ‘टुम्हर बिना’ गीति एल्बम २०६३ सालमे प्रकाशन हुइल बिल्गाइठ । इ एल्बम कठरिया भासाके पहिल एल्बम हो । एम्ने ६ ठो कठरिया भासाके आधुनिक गीत संग्रहित हुइल बा । जेम्ने स्वर डेले बटैं, रामकुमार कठरिया, कविता चौधरी, दिलकुमार कठरिया, सरिता कठरिया लगायत गायकनके मिठास स्वर बा ।
ओस्टेके कठरिया भासाके डुसरा गीति एल्बमफें बजारमे आइल बिल्गाइठ । सजल सपना २०६४ सालमे सुरेन्द्र कठरियाके गायनमे प्रकाशन हुइल बिल्गाइठ । इ कठरिया भासाके डुसरा गीति एल्बम हो । एम्ने फे ६ ठो आधुनिक गीत संग्रहित हुइल बा ।
थारु डंगौरा भासा गीत संगीतमे गायक रामकुमार कठरियाके नाउँ आघे आइठ । आधुनिक गीतमे हुँकार गाइल गीत बजारमे ढेर आइल बिल्गाइठ । एक समयमे गायन क्षेत्रमे अपन मजा छवि बनाइल रामकुमार कठरिया अझ्कल गायनमे ओट्रा सक्रिय नैबिल्गैठैं ।
ओस्टेके, आधुनिक गीत लेखनमे सुबेश कठरियाके नाउँ फें आघे आइठ । हुँकार लिखल गीत मन्से, मन लागेना आब बिन टोहाँर, सोलहा सिँगार अइहो चुरिया गुरिया हो, लगायत गीत एक समयमे गज्जप रंगमंच ढिकैले रहे । उहाँ अब्बेसम ३ दर्जनसे ढेर गीत रचना कैसेकल उहाँ बटैलैं ।
कठरिया समुदायके बस्ती
नेपाल देश पुरुब मेचीसे लेके पस्छिउँ महाकालीसम थारुनके बस्ती रहल देश हो । ओस्टेके कैलाली जिल्ला फेन पुरुब कर्णालीसे लेके पस्छिउँ सेतीसम थारुनके गाउँ बरा गझिनके बा । कठरिया समुदायफेन कैलालीके बहुत बहुत पालिकामे बस्ती रहल डेख्जाइठ ।
कठरिया थारुनके बस्ती कैलारी गाउँपालिका, गौरीगंगा नगरपालिका, टीकापुर नगरपालिका, लम्कीचुहा नगरपालिका, जानकी गाउँपालिका, भजनी नगरपालिका, घोडाघोडी नगरपालिका, बर्दगोरिया गाउँपालिका, जोशीपुर गाउँपालिका लगायत पालिकामे कठरिया समुदायके बस्ती रहल बा ।


