थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
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राजनीतिक दल ओइनहे मोर प्रश्न

पहुरा | १२ जेष्ठ २०७९, बिहीबार
राजनीतिक दल ओइनहे मोर प्रश्न

संघीय गणतन्त्र नेपालके जल्दाबल्दा सवालके इतिहासके मेर मेरके कालखण्डके अवशेष अध्ययन कर्ना बेला बखतमे न्यायपूर्ण आन्दोलन हुइल डेखजाइट् । जट्रा न्यायपूर्ण आन्दोलन हुइलेसेफे, उ सक्कु आन्दोलनहे निष्कर्ष विहिन शासकहुकरे बनाइल बटैं । नेपालमे जोन बेला २२ से २४ से राज्य रहे ओहे राज्य एकीकरणके नाममे भाषा, संस्कृति ओ इतिहास मेटाके भौगोलिक एकीकरण रहल बा । जुन एकीकरणके उद्देश्य भौगोलिक एकताके साथमे वहाँ हुइल पहिचान सहित हुइपर्ना । यि सवालमे नितान्त चुक्टि, चुकैटी अनइल बटैैं । यी विषय अभिनफे कायम रहल अवगत नै बाट । खास कैके झापा आन्दोलन, किसान आन्दोलन, सशस्त्र वर्गीय जनयुद्ध, जनआन्दोलन (विशेष पहिचान भाँसी डोरी, झलारी बोतल, गुलरिया सहिद गेट जरैना काण्ड) हुइल, उ सक्कु पहिचान सहितके अधिकारीके आन्दोलन रहे ।

आजके मनैनके डिमागमे दलाल पुँजीवादी चिन्तन ग्रसित हुइल ओरसे आर्थिक विकास किल सम्भव नैहोके यहाँ घटल घटना ओ परिणामले डेखाइल बा । जवसम नेपालमे दलाल पुँजीसंग राष्ट्रिय अर्थतन्त्रके विकास होके प्रतिस्पर्धाद्वारा, अपनत्व, पहिचान सक्कुनके स्वामित्व हुइना मेरके अधिकार सम्पन्न नैहुइ, तबसम यहाँ मेर–मेर उत्पीडनसे मुक्त हुइना असम्भव डेखाइट् । आज नेपालमे सक्कुनके पहिचान, स्वामित्व ओ अधिकार एक्केठो डालोमे गिजोलिएके बा । उ चिन्न चिनैना गाह्रो हुइल बा । यि शासकके कुटनीति कुत्सित मनसायके प्रतिफल हो । वास्तवमे यहाँ हुइल सम्पूर्ण जनताहे पहिचान सहितके अधिकार हो । जेम्मे कुछ शासक यि या उ रुपमे करोडौं जनसमुदायहुकन भ्रममे पारी शासन करले बटैं । यहाँ मेर¬मेर उत्पीडनमध्ये क्षेत्रीय, जातीय ओ वर्गीय उत्पीडनहे लोकतान्त्रिक माध्यमसे बाघ ओ बाख्राहे एक्केठो खोरमे डारल बा । यिहिन सामान्य रुपमे मनन् करे सेक्जाइट कि पहिलसे सत्ता शासनके बागदोर सम्हरलक ओ सम्हाल्न करटि रहल शुरुवातमे प्रतिस्पर्धा हुइबेर हिमालसे तराईमे आइल जस्टो हुइटैं । जब शासक ओ शासितहुकनके बिचमे प्रतिस्पर्धा हुइ बोर केकर हाटमे परि ? कना बाटमे सामान्य चेतना हुइल हुकनफे जानकारी बा । यहाँहुकन समान विकास करक लाग शासकहुकन संग रहल कला शासितहुकरे कलात्मक ओ मौलिकताहे आत्मसाथ कर्ना वातावरण बनाइल हुइपर्ना । संघीय नेपालके परिवेशमे संघीयता, गणतन्त्र, समावेशी ओ धर्म निरपेक्षता जसिन प्रगतिशील हुइलेसेफे आन्तरिक राष्ट्रियता मजबुत बनैना भाषा सहितके पहिचान हो ।

नेपालके प्रदेश नम्बर २ बाहेक अउरे कोनोफे प्रदेशमे मौलिकता, क्षेत्रीयता ओ जातीय उत्पीडनसे मुक्त हुइना खालके नै हो । यद्यपि संघीयता ओ गणतन्त्र नै बेठीक नै कहठु । केवल महेन्द्र राजाके बनाइल संरचना ५ विकास क्षेत्र, १४ अञ्चल, ७५ जिल्ला कहल झै ७ प्रदेश, ७५३ स्थानीय तह ओ केन्द्र शासित भौगोलिक आर्थिक करिडोर बाहेक कुछ नै हो । यहे कारण बहुमत उत्पीडित समुदायहुकनके अपनत्व स्वीकार करल नैडेख्ठैं । उल्ता ऐतिहासिक पहिचान ओ अस्तित्वके घाँटी कत्ना ओ संघीयताके फुर्ति लगैना बाहेक कुछ हुइ नाइसेकि । नेपालमे राष्ट्रियता मजबुत ओ विकास कर्ना स्थानीय जनसमुदायहुकनके पहरेदार उहाके पहिचान सहितके संघीयताके अवधारणा ओ अपनत्वसे आन्तरिक राष्ट्रियता व्यवस्थित करलेसे किल, समग्र राष्ट्रियता कायम करे सेक्जाइ । नेपालमे स्वाधीनताके प्रयोगमे रहल सवाल बहुट कम्जोर बा । काजे कि अधिकांश बहुसंख्यक मनै हुकरे शासितके महसुस हुइल डेखाइट् ।

प्रस्तुत विषय हरेक राजनीतिक दल संघसंस्थामे व्यापक छलफल हुइपर्ना परिवेशमे गुमराह, अन्योल, परनिर्भर ओ डराउ मनिस्थिति डेखाइट् । हाइमे उम्किन अपन अपन दल, मोर्चामे निर्भीक अटल निर्मम् कठोर हइटि मित्रतापूर्ण राष्ट्रियतामे एक हुइपर्ना । आज सम कोनो राजनीतिक दलमे असिन प्रकारके नेतृत्व छायामे परल हुहि, बाहेर नैडेखाइ हो, आफेनै डेहेल हुइट् ।

यहे कारण निरन्तर मित्रतापूर्ण अन्तर संघर्ष संगठित सम्बन्धित राजनीतिक दल, मोर्चा, समाज ओ परिवार भित्तर वस्तुगत वैज्ञानिक सक्कुजे स्वीकार करे सेक्ना मेरिक प्रतिस्पर्धा करेपर्ना । जब सक्कुनके समान बुझाईके हुइल, कलेसे किल राष्ट्रिय आकांक्षा सुखि नेपाली समृद्ध नेपालके उदृद्व हुइठ् । यि सक्कुनके साझा जिम्मेदारी हुइपर्ना । मने विडम्बना एक अर्को खुला प्रतिस्पर्धा करेपर्ना निषेधके प्रक्रिया प्रारम्भ हुइट् । असिन प्रकारके राष्ट्रिय परिवेशमे उत्पीडनमे पल समुदाय झन बढी मेहेनट करेपर्ना ।

बहुदलीय प्रतिस्पर्धाके राष्ट्रिय राजनीतिक परिदृश्यमे अस्तित्वमे रहल सककु जहन अंगिकार कैके अपन अपन परिवार, समाज, मोर्चा, संघसंस्था राजनीतिक दलभित्तर समान विचार, समान सोचके विकास हुइना जरुरि बा । आज समके घटनाक्रममे ‘फुटाउ ओ राज कर’ नीति अबलम्वन कैगिल द्वन्द्वात्मक भौतिकबादी दृष्टिकोणहे आत्मसात करेपर्ना । वस्तुमे गुण ओ अवगुण बा । यहसे के ग्रहण कर्ना मनै, परिवार, समाज, मोर्चा ओ दलटहुकन सम हुइपर्ना । एकर उप्पर उल्लेखित विषयहे सवाल जबाफ अपनेक ओ हमार काँधमे आइल बा हमार । धन्यवाद ।

कृष्णपुर–६, कञ्चनपुर

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