२० प्रतिशत मुक्तहलियाके पुनर्स्थापना बाँकी

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २६ जेठ । मुक्त घोषणापाछे अभिन २० प्रतिशत मुक्तहलिया पुनर्स्थापना हुइना बाँकी रहल बटै । सुदूरपश्चिम प्रदेशके ९ जिल्ला ओ कर्णाली प्रदेशके ३ जिल्ला करके १२ जिल्लामे अभिन २० प्रतिशत मुक्तहलिया पुनर्स्थापना हुइना बाँकी रहल राष्ट्रिय मुक्तहलिया महासंघके केन्द्रीय अध्यक्ष ईश्वर सुनार बटैलै ।
पुनस्र्थापना कार्यक्रमके प्रगति हेरेबेर हालसम सुदुरपश्चिम प्रदेशके ९ जिल्ला ओ कर्णाली प्रदेशके ३ जिल्ला करके १२ जिल्लामे घरमर्मत ९,२०५, घरनिर्माण १,१९६, घर निर्माण, जग्गा खरिद २,३४२, जग्गा खरिद ८०३ जाने करके जम्मा १३ हजार ५४६ घरधुरी मुक्तहलिया पुनर्स्थापना प्याकेज प्राप्त करल उहाँ जनैलै ।
नेपाल सरकारसे तथ्यांक लेहल १९ हजार ५९ घरधुरी मुक्त हलियाके पूनस्र्थापनाके प्रकृयामे कुछ जटिलता सृजना हुइल बा, केन्द्रीय अध्यक्ष सुनार कहलै, ‘हालसमके प्रगति ८० प्रतिशत रहल बा । २० प्रतिशतके पुनस्र्थापना हुइना बाँकी रहल बा ।’
नेपाल सरकार २०७० सालसे सुदुरपश्चिम प्रदेशके सक्कु (९ जिल्ला) ओ कर्णाली प्रदेशके सुर्खेत, जाँजरकोट ओ हुम्ला जिल्लामे मुक्त हलिया समुदायके तथ्याङक संकलन करटी पुनर्स्थापनाके काम आघे बढाइल रहे ।
उहाँ कहलै, ‘१२ जिल्लामे अभिन करिब १५ हजार मुक्तहलिया तथ्यांकमे छुटल बटै । ओइनके पहिचान हुई नइसेकल हो । मने बैतडी, डडेल्धुरा ओ डोटीके ८ ठो स्थानीय तह छुट मुक्तहलियाके लगत संकलनके शुरुवात करले बटै ।’
उ स्थानीय तह ३ हजार ८५२ घरधुरीके लगत संकलन करले बा । तथ्यांकहे संस्थासे एकिकृत करके पैरवी सामग्रीके रुपके प्रकाशनमे नानल अध्यक्ष जनैलै । ओस्टेक सुदुरपश्चिम प्रदेश सरकारसे गैल बर्ष कैलाली ओ कञ्चनपुरके १ हजार ५५५ घरधुरीके तथ्यांक संकलन करल बा ।
संस्थाके निरन्तर पैरवीसे हाल नेपाल सरकार भूमिव्यवस्था, सहकारी तथा गरिवी निवारण मन्त्रालयसे मुक्तहलियाके समस्या समाधान कैना मुक्तहलिया, कमैया, कम्लहरी, हरवा, चरवा बस्तुस्थिति अध्ययन समिति गठन करके समितिसे सक्कु जिल्लामे अध्ययन करके मन्त्रालयहे विस्तृत अध्ययन प्रतिवेदन बुझाइल राष्ट्रिय मुक्तहलिया महासंघ जनैले बा ।
छुट मुक्तहलियाके अन्तिम चो तथ्याङक संकलन हुईः मुख्यमन्त्री त्रिलोचन भट्ट
विभिन्न समुदायसे उठाइल माग पुरा नइहुइना चिन्ताके विषय रहल बटैले बटै । राष्ट्रिय मुक्तहलिया महासंघके बुधके रोज धनगढीमे हुइल छैठौ केन्द्रीय महाधिवेशनके उदघाटन कार्यक्रममे मुख्यमन्त्री भट्ट बाट बटाइल रहिट ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशमे मुक्तहलिया, कमैया, कम्लरी, वादीके समस्या जारी बा, कुछ मात्रमे पुरा हुइल बा । नेपाल सरकारसे माग माग मुद्दा समाधान कैना सहमति सम्झौता हुइठ मने लागु नइहुना चिन्ताके विषय हो उहाँ कहलै, नेपाल सरकारसे हुइल सम्झौता प्रदेश सरकारसे कार्यान्वयन कैना कानूनी जटिलता बा,’ मुख्यमन्त्री भट्ट कहलै, प्रदेशके तथ्याङकमे छुटल मुक्तहलियाहुकनके अन्तिम चो काहे पुनर्लेखन काहे नइ कैना टे ?, तीन तहके सरकार नीति निर्माण कैके एक चो आघे बह्रलेसे यकर समस्या समाधनमे भारी बाट नइहो ।’
उहाँ कहलै, पुनस्र्थापनाके काम आघे नइबह्रैना कारणबारे एक चो छलफल हुई पर्ना जरुरी बा । कबु–कबु हम्रे सक्कु जे यकर समाधान होए कहटी चाहठी मने कारण पत्ता नइलागल ओरसे पुरा नइहुइठ ।’
सुदूरपश्चिम प्रदेशमे छुट मुक्तहलिया, कमैया, कमलरी, वादीके समस्या पेचिलो बन्टी गैल ओरसे प्रदेश सरकार अन्तिम चो तथ्याङक संकलनके समस्या समाधान कैना चाहले बा, यम्ने संघीय सरकार ओ स्थानीय सरकारकेफे आवश्यकता पर्ना उहाँ बटैलै । मुख्यमन्त्री भट्ट मुक्तहलिया, कमैया, कमलरी, वादीके समस्या समाधानके लाग नीति तथा कार्यक्रममे सम्बोधन हुइल बटैलै ।
प्रदेशके भूमि व्यवस्था तथा कृषि सहकारी मन्त्री मानबहादुर सुनार मुक्तहलिया, कमैया, कमलरी, वादीके समस्या समाधान काहे नइहुइना कारण खोजे पर्ना बटैलै ।
सविधानसभा सदस्य हरिश्रीपाइली मुक्तहलिया, कमैया, कमलरी, वादीके समस्या समाधानके लाग तीन तहके सरकारहे बारम्बार ज्ञापनपत्र, प्रतिवेदन बुझैलेसेफे सुनुवाई नइहुइल बटैलै । उत्पीडित वर्गके लाग फेरसे बजेट नइहुइलेसे अबसिक भारी आन्दोलन कैना उहाँ बटैलै ।

