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कैलालीमे ३० प्रतिशत रोपाई

पहुरा | १५ असार २०७९, बुधबार
कैलालीमे ३० प्रतिशत रोपाई

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १५ असार ।
कैलाली जिल्ला अब्बेसम ३० प्रतिशत केल रोपाई हुइल बा । सुदूरपश्चिम प्रदेशमे यी बरस मनसुन ढिला प्रवेश हुइलक कारण रोपाईफे ढिला हुके अब्बेसम करिब ३० प्रतिशत हुइल कृषि ज्ञान केन्द्र धनगढी जनैले बा ।

अशौक साल नेपालमे मनसुन जेठ १२ गते प्रदेश नम्बर १ मे प्रवेश करल रहे । कम्जोर रुपमे प्रवेश करल मनसुन पूर्णरुपमे सक्रिय हुइटी सुदूरपश्चिम प्रदेश पुग्न ठिक एक महिना (असार १२ गते) लागल ओरसे यहाँ खेती ढिला सुरु हुइल हो ।
किसानहुकनके वियारखेती तयार हुइल मने खोला नालामे समेट पानी सुखल रहे, यहाँके किसान बोरिङके भरके खेती सुरु करल रहिट, कृषि ज्ञान केन्द्र धनगढीके प्रमुख खगेन्द्र प्रसाद शर्मा कहलै । कैलाली जिल्लामे १४ गतेक तथ्याङक अनुसार ३० प्रतिशत केल रोपाई हुइल अनुमान करल उहाँ बटैलै । पानी विना रोपाई ढिला मने मनसुन सक्रिय हुइल ओरसे किसाननके व्यस्तता बह्रर्ना केन्द्रके प्रमुख शर्मा कहलै ।

कैलाली जिल्लाके जोशीपुर गाउँपालिका ओर करिब ५० प्रतिशत रोपाई हुसेकल बा,’ केन्द्रके प्रमुख शर्मा कहलै, ‘हम्रे सक्कु पालिकासे तथ्याङक पठाडेहो कहिके पत्र पठाइल मने वहाँसे खबर नइआइल कारण कहे सेक्ना अवस्था नइहो । कहु १५ प्रतिशत, कहु २०, कहु ३० प्रतिशतफे रोपाई हुइल बा ।’

कैलारी गाउँपालिकाके कृषि शाखा प्रमुख मैयाकुमारी चौधरी शाखाके तथ्याङकमे २० प्रतिशत रोपाई हुइल बटैली । उहाँ कहली, ‘यहाँके ढेर किसान अकाशे पानीमे निर्भर बटै, मनसुन सक्रिय हुइल ओरसे हाली रोपाईफे ओराई ।’
कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ५ किसान विरकुमार चौधरी जेठ पहिल साता छिटल वियार असार एक÷दुई गते ओर तयार हुइल मने पानी नइपाके बठौनी भर असार ६ गतेसे सुरु करल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘बोरिङके पानीसे खेती सुरुवाट करल रही । उप्परसे पानी नइपरल कारण बोरिङफे कम पानी आए । अशौक साल पानीफे ढिला बरसल खेतीफे ढिला हुइल बा ।’
गैल बरस असार ८ गते खेतुवा सेकल मने अशौं असार १६ गते १७ गते ओरैना किसान विरकुमार कहलै ।

कैलाली जिल्लामे असार १२ गते मजासे पानी बरसल रहे । मने किसानहुक्रे जेठ अन्तिम सातासे बैठौनी सुरु करल सेकल रहिट । कैलारी–५ पवेराके किसान टीकाराम चौधरी ढिला खेती करलेसे पाछे किराके प्रकोप लग्ना, रोग लग्ना हुइल हुइल ओरसे जेठ अन्तिम सातासे खेती सुरुवाट करल बटैलै । धान लगैना उचित समय असार १ से १५ गतेसम मजा रहल कृषि विज्ञहुक्रे बटैठै ।
घोडाघाडी नगरपालिका–१० के किसान श्रवणकुमार चौधरी अशौक साल असार ११ गते खेती लगैना सुरु करल बटैलै । उहाँ कहलै, बोरिङके पानीके खेती सुरु करल कना सोच्ले रहु, मने पानी बरसल कारण खेती लगैना सहजुल हुइल बा ।’ मनसुन सक्रिय हुइल कारण किसान धामधम खेतुवा लगाके सेक्टी बटै ।
सुदूरपश्चिममे ६० प्रतिशत धान लगैना बाँकी
धान लगैना मेरके वर्षा नैहुइलपाछे सुदूरपश्चिम प्रदेशमे धान बालीके खेती करजैना ६० प्रतिशत जग्गामे आभिन धान लगैना बाँकी रहल बा ।

आकाशके पानीके भरमे धान लगाइ पर्ना हुइल ओरसे खेट्वामे इ बरस पर्याप्त वर्षा नैहुइलपाछे ढिउर जग्गामे आभिन धान लगाइ नैसेकगैल हो । सिँचाइके भरपर्दो सुविधा पाइ नैसेकलपाछे ढिउर किसान आकाशके पानीके भरमे धान लगैना करठै ।
आजसम प्रदेशमे धानखेती करजैना क्षेत्रफलके जग्गामध्ये ४० प्रतिशतमे किल धान लगाइल कृषि निर्देशनालय दिपायल जनैले बा । सबसे ढिउर धान उत्पादन हुइना कैलाली जिल्लामे आजसम ३० प्रतिशत जग्गामे किल धान लगाके सेकल बा ।
ओस्टके कञ्चनपुरमे ४५ प्रतिशत जग्गामे धान लगाइल बा । ‘इ बेर कैलाली ओ कञ्चनपुरमे धान लगैना ढिला होसेकल”, निर्देशनालयके निर्देशक यज्ञराज जोशी कहलै, ‘सिँचाइके भरपर्दो व्यवस्थाके लाग बरवार सिँचाइ आयोजना लन्ना जरुरी होसेकल बा ।’

मनसुनी वर्षा सुरु हुइलपाछे धान लगैलेसे धानके उत्पादन ओ उत्पादकत्व वृद्धि हुइना कृषि प्राविधिक बटैठै । मने आजसम प्रदेशमे मनसुनी वर्षा हुइ नैसेकल हो ।
इ बरस मनसुन जेठ २२ गते पूर्वी नेपाल प्रवेश करल बटैलेसे फेन सुदूरपश्चिममे मनसुन सक्रिय हुइ सेकल नैहो । गैल एक महिनायहोर इ प्रदेशमे अन्य प्रदेशके तुलनामे कम वर्षा हुइल अनुमान करल बा ।

मनसुनी वर्षा हुइलपाछे धान लगाब कहिके आसमे बैठल सुदूरपश्चिम प्रदेशके किसान वर्षा हुइलपाछे भर कुछ राहत महसुस करले बाटै । भूमिगत ओ सतह सिँचाइके पानीके सहायतामे धान लगाइल खेट्वाके बाली सप्रक लाग आकाशके पानी आवश्यक पर्ना किसानके अनुभव रहल बा ।

एक लाख ८१ हजार ६०४ हेक्टर क्षेत्रफलके जग्गामे धान लगाजैना सुदूरपश्चिम प्रदेशके कैलाली जिल्लामे ७१ हजार ७०० हेक्टर ओ कञ्चनपुरमे ४७ हजार ५०० हेक्टर जग्गामे धान लगैना करल बा । पहाडी क्षेत्रके बाँकी सात जिल्लामे ६२ हजार४०४ हेक्टरमे धान लगाजाइठ् ।

अधिकांश जग्गामे आकाशके पानीके भरमे धान लगैना करजाइठ् । प्रदेशमे ७३ हजार ६१७ हेक्टर जग्गामे बरसभर सिँचाइ हुइना करलमे ३६ हजार ४८३ हेक्टर जग्गामे आंशिक सिँचाइके सुविधा रहल तथ्यांक क्षेत्रीय कृषि विकास निर्देशनालयसँग रहल बा । धान ढिउर उत्पादन हुइना कैलाली ओ कञ्चनपुरसे पहाडी जिल्लामे धान आपूर्ति हुइठ् ।

इ प्रदेशमे धानखेती करजैना जग्गामध्ये ५१ प्रतिशत खेट्वामे सिँचाइ सुविधा रलेसे फेन बाँकी जग्गामे इ बरस पर्याप्त सुविधा नैहो । रासायनिक मल डिएपीके अभावसे समस्या झेल्टी रहल किसानहे वर्षा नैहोके समयमे धान लगाइ नैसेक्ना औरे समस्या थपल बा ।

लगैलक दिन प्रयोग करेपर्र्ना रासायनिक मलके अभाव होके इ बेर सीमापार भारतीय क्षेत्रसे नुकछुपके कम गुणस्तरके रासायनिक मल भित्र्याके धान लगाइ पर्र्ना वाध्यता किसानके रहल बा । ‘सरकारसे कृषिहे प्राथमिकतामे राखल कना सुनेबर खुसी लागल रहे, कैलालीके कृषक मीनराज बोहरा कहलै, “मने आवश्यक मात्रामे डिएपी मल कबु नैपाजाइठ्, इ बेर इन्द्र भगवान फेन समयमे वर्षा नैकरैलै ।’

धानके लगाइक लाग खेट्वा तषर हुइलेसे फेन अपनेहुक्रे वर्षा हुइ ओ धान लगाब कहिके अस्रा लागके बैठल बटैलै ।
पहाडी क्षेत्रके जिल्लामे जेठ १५ से असार १५ सम ओ तराईके जिल्लामे असार १ से १५ गतेसमके समय धान लगैना उपयुक्त समय मानजाइठ् । ढिला लगाइन धानमे रोग किराके समस्या डेखा परे सेक्ना कृषि प्राविधिकके कहाइ रहल बा ।

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