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‘ सुदूरपश्चिमके तीन जिल्लामे गरिबीदर उच्च ’

सबसे ढेर गरिबीदर डोटीमे ६३.७ प्रतिशत

पहुरा | २२ असार २०७९, बुधबार
सबसे ढेर गरिबीदर डोटीमे ६३.७ प्रतिशत

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, २२ असार ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके तीन जिल्लामे गरिबी दर उच्च डेहल बा । भूमि व्यवस्था, सहकारी तथा गरिबी निवारण मन्त्रालयसे करल सर्वेक्षणअनुसार सुदूरपश्चिम प्रदेशके पहाडी तीन जिल्लाके गरिबी दर उच्च डेहल हो । उ सर्वेक्षणअनुसार दार्चुलामे ६२.२, डोटीमे ६३.७ प्रतिशत ओ डडेल्धुरामे ५३.७ प्रतिशत गरिबी रहल बा ।

सरकारसे थप २३ जिल्लाके दुई लाख २३ हजार ३३० परिवारहे गरिब सूचीमे रख्ले बा । मंगर बैठल मन्त्रिपरिषद् बैठकसे २३ जिल्लाके २ लाख २३ हजार ३३० परिवारहे गरिब परिवारके सूचीमे सूचीकृत करल सञ्चार तथा सूचना प्रविधिमन्त्री ज्ञानेन्द्रबहादुर कार्की जानकारी डेलै ।

भूमि व्यवस्था, सहकारी तथा गरिबी निवारण मन्त्रालयसे उ जिल्लाके ११ लाख २४ हजार दुई सय ९ परिवारमन्से गरिब परिवार पहिचान करल हो । मन्त्रालयसे उ परिवारके तथ्यांक विश्लेषण करके अति गरिब, मध्यम गरिब ओ सामान्य गरिबके रुपमे पहिचान करले बा ।

मन्त्रालयसे ‘गरिब परिवार पहिचान तथा परिचयपत्र वितरण निर्देशिका–०७५’ मे उल्लेखित गरिब पहिचान कैना टमान सूचकके आधारमे गरिब घरधुरी पहिचान करल हो । निर्देशिकासे परिवारके आकार, शैक्षिक अवस्था, औसत आयु, आम्दानीके स्रोत ओ आश्रित व्यक्ति, घरके स्वामित्व, छानो ओ कोठा, पिना पानी, शौचालय ओ इन्धनके उपयोग, सवारी साधन, सञ्चार सुविधा, चौपाया, भौगोलिक बनावट, जातिगत समूह ओ अन्य सम्पत्तिके आधारहे गरिब पहिचानके सूचक तोकल बा ।

तीनु सूचकके आधारमे मन्त्रालयसे स्थानीय तहमार्फत आर्थिक वर्ष २०७६÷७७ मे गणक परिचालन करल रहे । उहे सर्वेक्षणअनुसार ताप्लेजुङमे २८.३, संखुवासभामा ३१.५, सोलुखुम्बुमा २०.४, धनकुटामे १४.२ ओ पाँचथरमे १५.९ प्रतिशत गरिबी रहल बा ।

ओस्टेक, उदयपुरमे २६.३, महोत्तरीमे २९.३, रसुवामे २२.८, धादिङमे १४.४, काभ्रेमे १३.६, मकवानपुरमे २३.४, म्याग्दीमे १३.९, लमजुङमे १८.९ ओ स्याङजामे ७.५ प्रतिशत गरिबी रहल बा । ओस्टेक, पाल्पामे ११.४, दाङमे १७.८, बाँकेमे ३०.१, दैलेखमे ३९.२, सल्यानमे २३.६ ओ सुर्खेतमे २६.५ गरिबी रहल मन्त्रालय जनैले बा ।

मन्त्रालयसे उ जिल्लाके स्थानीय तहमार्फत चार सय ५६ गणक ओ ८४ जाने सुपरीवेक्षक परिचालन करल रहे । उ गणक ओ सुपरीवेक्षकमार्फत संकलन हुइल ११ लाख २५ हजार दुई सय ९ परिवारके अवस्थाके विश्लेषणपाछे गरिब परिवार पहिचान करल हो ।

सरकारसे गरिब घरधुरीके पहिचान कैना ओ ओकर अवस्थाके आधारमे परिचय पत्र डेके गरिबी निवारणके लाग टमान सेवा सुविधा डेना उद्देश्यसे गरिब पहिचान कार्यक्रम सञ्चालन करल रहे । यैसिक पहिचान हुइल मन्से अति गरिबहे लाल, मध्यम गरिबहे हरडयार ओ सामान्य गरिबहे नीला रंगके परिचयपत्र वितरण करजाइठ । मने, सरकारी ढिलासुस्तीकेृ कारण पहिचान हुइल गरिब परिवार भर कौनोफे सुविधा पैले नइहुइट ।

सरकारसे ०६९ मे गरिब घरपरिवार पहिचान कैना’ समन्वय बोर्ड’ गठन करल रहे । मने, उ खारेज हुसेकल बा । अब्बे मन्त्रालयके एक ठो शाखासे यी कार्यक्रम हेरटी आइल बा । गरिब पहिचानमे ढिलाइ हुइल कारण गरिबसे भर राज्यके ओरसे कौनोफे सुविधा पैले नइहुइट ।

मन्त्रालयसे यी आघे २६ जिल्लाके तीन लाख ९१ हजार आठ सय ३१ गरिब परिवारके पहिचान करसेकल बा । कलेसे ओखलढुंगा, सप्तरी, धनुषा, सर्लाही, बारा, पर्सा, दोलखा, सिन्धुपाल्चोक, नुवाकोट, मनाङ, मुस्ताङ, गुल्मी, रुपन्देही, कञ्चनपुर ओ बैतडीमे गरिब पहिचानके लाग तथ्यांक संकलन करसेकल बा ।

ओस्टेक चालु आर्थिक वर्षमे इलाम, झापा, मोरङ, सुनसरी, तेह्रथुम, ललितपुर, भक्तपुर, काठमाडौं, चितवन, कास्की, पर्वत, नवलपरासी पूर्व ओ नवलपरासी पश्चिममेफे तथ्यांक संकलन कैना योजना बा ।

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