असन्तुष्टिके बिच प्रदेश सरकारके बजेट पारित
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ३० असार । सत्तापक्षके अन्तिुष्टिके बिच सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे लानल बजेट पारित हुइल बा । सत्ता पक्षके प्रदेशसभा सदस्य बजेटके बिरुद्धमे उत्रलपाछे बजेटउपर संसदमे छलफल शुरु हुइ सेकल नैरहे । प्रतिपक्षी दलसंगके १४ बुँदे सहमति ओ सत्ता पक्षके हुइप जारीसे एक दिनके छलफलसे आगामी आर्थिक बरसके लाग प्रदेश सरकारसे लानल बजेट पास हुइल हो ।
असार १ गते प्रदेशसभामे आर्थिक मामिला मन्त्री प्रकाश रावल ३६ अर्ब ढिउर बजेट प्रस्तुत करल रहिट । बजेट प्रस्तुतसँगे सरकार बिरुद्ध उत्रल प्रदेशसभा सदस्य बजेटउपर छलफलके लाग तयार नैहुइल रहिट । सत्ता पक्षमे बजेट बिरुद्ध चर्काचर्की शुरु हुइलपाछे बजेटउपर फेन छलफल शुरु हुइ नैसेकल रहे । मने असार अन्तिममे आके संबैधानिक संकट अइना डरसे प्रदेश सरकार बजेट पास करे पगल हो । सत्ता पक्षके बहुसंख्यक प्रदेशसभा सदस्य बजेटके बिरुद्धमे रलेसे फेन दलके हुइपके कारण उहाँहुक्रे बजेट पासके लाग ताली बजैना बाध्य हुइल रहिट । संसदमे प्रदेश सरकारउपर प्रश्न ओ गुनासा पोख्टी सांसद बजेट पास कैना बाध्य हुइल बाटै ।
सत्ता पक्षके प्रदेशसभा सदस्य सुशिला बुढाथोकी सरकारके बजेट मान्य नैहुइना बटाइल रही । बजेटउपरके छलफलमे धारणा रख्टी उहाँ अपने मन्त्री फेन पर्याप्त योजना नैडेहल गुनासो पोखल रही ।‘मोर क्षेत्रमे १० करोड नैपुगल । केक्रो वडामे १५ करोड पुगठ् । दुई मन्त्री होके फेन आवश्यक बजेट नैआइल’, उहाँ कहली, ‘भौतिक पूर्वाधारसे काट डेलै । अर्थमन्त्री अपने क्षेत्रमे २ अर्ब लैगिल बाटै । ४० मन्दिर बनैलै । हमार अक्के मन्दिर फेन आवश्यक नैठन्लै ।’
भौतिक विकास ओ आर्थिक मामिला डुनु नेकपा एस ओरके मन्त्री हुइट । उहाँ बजेटके सन्तुलन नैमिलल् कहटी ओकर सक्कु दोष मुख्यमन्त्री त्रिलोचन भट्टहे लेहे पर्ना बटाइल रही ।‘सरकार प्रमुखहे दोष जाइ । सक्कु मन्त्रालयमे ध्यान डेहे पर्ना हो । बजेट बिग्रल अनुभूति हम्रे करले बाटी’, उहाँ कहली, ‘सक्कु मन्त्रीनके जिल्लामे बजेट बा । मने माननीयके जिल्लामे अवस्था चिन्ताजनक रहल बा ।’
उहाँ उद्योग पर्यटन वन तथा वातावरणमन्त्री मनबहादुर धामीप्रति फेन असन्तुष्टि व्यक्त करली । बुढाथोकी कहली, ‘पर्यटनमन्त्रीहे धन्यवाद ! पोहोर फेन लिस्ट गायब करडेलै । अब्बे फेन गायब करले बाटै । मोर वडामे मोरिक कहल योजना नैपरल । औरे केक्रो कहल आयोजना परल बा ।’
दलके हुइपसे प्रदेश सरकारके बजेट पास कैना प्रदेशसभामे पुगल सदस्य पास करक लाग हुइप लग्लेसे फेन बोलक लाग हुइप नैलग्ना तर्क राखल रहिट । कमिशनमे योजना बाँटलसे मन्त्रीके क्षेत्रमे अर्बौँ बजेट लगायतके बिषयमे प्रदेशसभा सदस्य अशन्तुष्ट रहिट । अब्बे बजेट पास हुइलेसे फेन सच्याके कार्यान्वयन कैना प्रदेशसभा सदस्यनके सुझाव रहल बा ।
सत्ता गठबन्धनमे रहल नेपाली कांग्रेसके प्रदेशसभा सदस्य भरतबहादुर खड्का बजेटप्रति कुछ मन्त्रीबाहेक अधिकांश विरोधमे रहल बटैलै । ‘सरकारके नियत ठीक नैहुइल । हम्रे सल्लाह डेले रही । मोर पार्टी फेन सरकारमे सहभागी रहल बा । विगतके जैसिन लाने नैमिली कले रही । मने, ओइसीन नैआइल’, उहाँ कहलै, ‘प्राविधिक दृष्टिकोणसे पास हुइ । मने, स्वतन्त्र निर्णय करेबर ११ मन्त्रीमध्ये ४÷५ जाने किल डरही ।’
उहाँ विभागीय मन्त्रीहे फेन योजनाबारे पता नैरहल बटैलै । ‘विभागीय मन्त्रीहे फेन योजना काटल पता नैहो । कौन मन्त्रालयमार्फत योजना डारल नैहो । इ कैसिन क्याबिनेट हो’, उहाँ कहलै, ‘अब्बे सत्तामे रहेबर आपन वडामे बजेट डरलो काल्ह जाके का हुइ ?’ उहाँ अब्बे प्रदेश सरकारप्रति चर्को विरोध हुइटी रहल जनैलै । सुदूरपश्चिम सरकारके कारण सङ्घीयताप्रति फेन निराशा पैदा हुइटी रहल उहाँके कहाइ रहे ।
‘अस्टे सरकार फेनसे सुदूरपश्चिममे अइलेसे १० बरसमे इ सङ्घीयता हटके जाइ । ओत्र घृणा पैदा हुइल बा’, उहाँ कहलै, ‘काल्ह घरमे आगी लग्ना ओ भग्ना दिन नआए ।’ सत्ता पक्षके सांसद प्रतिपक्षी दलके सांसदसे ढिउर रुष्ट रहल उहाँ बटैलै ।
सरकारके नेतृत्व कैटी रहल माओवादी केन्द्रके सांसद नै बजेटउपर आक्रोश व्यक्त करले बाटै । प्रदेश सरकारसे लानल बजेटहे धारणा रख्ना क्रममे माओवादी केन्द्रके प्रदेशसभा सदस्य महेशदत्त जोशी सरकारसे व्यापारी ओ बिचौलियाके प्रभावमे बजेट लानल बटाइल रहिट । ‘दलालके योजना छिरल जैसिन बा । कौनो निर्वाचन क्षेत्रमे ३ अर्ब बा, कौनोमे डेढ दुई करोड फेन नैहो । जहाँ आवश्यकता नैहो, वहाँ फेन बजेट बा । वहाँ बिचौलियाहे चाहल हो ? बिचौलियाके पोल्टामे नैजैना मेरके बजेट कार्यान्वयन करे परल’, उहाँ कहलै ।
सवारीमे छुट डेना बातमे सरकारके नियतमे प्रश्न उठल सांसद जोशी बटैलै । ‘बिचौलियाके सल्लाहमे छुट डेहल बा । किसानमारा निर्णय दलाल ओ व्यापारीहे पोस्ना निर्णय करल बा’, जोशी कहलै, ‘त्रुटि संशोधन करे परल । पेवा सम्पत्ति बाँटल जैसिन बाँटे नैपरल । बजेटके सन्तुलन मापदण्ड कुछ फेन पूरा हुइल नैहो ।’ उहाँ बजेटमे रहल त्रुटिके विषयमे सरकारसे छानबिन समिति गठन करे पर्ना बटैलै । ‘सरकारसे यम्ने छानबिन समिति गठन करे’, उहाँ कहलै, ‘आर्थिक मामिलामन्त्रीके घरक वा अन्य एक–दुई जाने मन्त्रीके घरके बजेट नैहो । सरकार गम्भीर बने परल ।’
नेकपा एमालेसे सुशासन ऐन बिपरितके योजना कटौती कैना, १० लाख ढिउरके योजना उपभोक्ता समितिसे कार्यान्वयन नैकैना, स्थानीय तहहे डेना समपुरक अनुदान बह्राइ पर्ना, मन्दिर, चर्च तथा नाफामुलक संस्थामे बिनियोजित बजेट कटौती करे पर्ना लगायतके माग राखल रहे । एमाले सहित प्रतिपक्षी ३ दलसे राखल १४ बुँदे माग प्रदेश सरकारसे सम्बोधन करे पर्ना सहमति करलपाछे संसदमे छलफल शुरु हुइल रहे ।
छुटल क्रमागत योजना बजेटमे समावेश करे पर्र्ना, प्रदेश गौरवके ओ बहुबार्षिक योजनामे रकम थप्ना लगायतके माग रहल बावै ।
एमालेके प्रदेश सभा सदस्य पठानसिंह बोहरा सरकारसे वितरणमुखी बजेट लानल बटैले बाटै ।‘सरकारसे गलत चिन्तन राखके आघे बह्रल बजेटसे पुष्टि हुइठ्’ उहाँ कहलै, ‘आघेक बरससे य बरस आउर परिष्कृत होके आइ पर्ना हो । मने, उहीसे फेन खराब बजेट आइल बा । माननीयहुक्रे सिफारिस करल योजना, क्रमागत, बहूबर्षिय योजना काटल बावै । उ योजनामे न्यून बजेट बा । वितरणमुखी बनाके दामासाहीसे बाँटल बा ।’ विद्यालय स्वास्थ्यसे मन्दिरमे करोडौँ बजेट डारल कहटी उहाँ विरोध करलै ।
अन्तः सत्तापक्षके प्रदेशसभा सदस्य बजेटप्रती असन्तुष्ट रलेसे फेन पास हुइबर भर ताली बजैना बाध्य हुइल रहिट ।


