बेतबाँसले बदलल पूर्व कम्लहरी बिजन्तीके जीवन

अनिता चौधरी
धनगढी, २ सावन । धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर १४ ‘एच’गाउँ के पूर्व कम्लहरी बिजन्ती चौधरी शारीरिक रूपले अपांगता रलेसे फेन अब्बे उहाँके भ्याइनभ्याइ बा । २०५७ सालमे कमैया मुक्त हुइलबाद बर्दिया पस्परियास्थित पठ्रहियासे विक्रम् संवत् २०५८ मे कैलाली आइल उहाँ अब्बे ‘एच’गाउँमे बेतबाँसके सामग्री बनैना कामसे फुर्सद नैहो ।
गाउँमे एक संस्थासे लक्ष्मी महिला समूहसे २०६९ सालमे बेतबाँसके सामग्री बनैना २ महिने तालिम लेहल बाद उहाँ अपन लगानीमे उद्योग सञ्चालन करले रहि । शारीरिक रुपमे अपांता रलेसे फेन अप्ने चहलेसे जौनफेन काम करे सेक्जैना कना उदाहरण बनल बटि, उहाँ ।
प्रौढ शिक्षा किल पह्रल चौधरी सीपसे आत्मनिर्भर बनल बटि । खोकोसे सुरु करल व्यावसायी अब्बे एक सटरमे काम करलेसे फेन मागअनुसारके सामग्री पुगैना समयके अभाव रहल उहाँक कहाइ बा ।

“पहिले रुप्यक लाग गोसियक मुख हेरेपरना रहे । अब्बे सीपसे आर्थिक रूपमे फेन बलगर बनैले बा,” उहाँ केल, “बेतबाँससे अब्बे मै हेंगर, टेबुल, कुर्सी, सोफा, ¥याक, टोकरी, मुढा, फुलदानीलगायत घर सजावटके सामग्री बनैटि आइल बटुँ ।”
उहाँक गोसिया ओहे ठाउँमे केराके नयाँ बोट उत्पादनके लाग ‘टिस्युकल्चर’ व्यवसायीमे सक्रिय बटैं ।
सिखल सीपहे अपनमे किल सीमित नैढैके समाजके अन्य ५ जाने महिलाहे फेन बेदबाँसके सामग्री उत्पादन करे सिखासेकल उहाँ अब्बे सफल उद्यमीके रूपमे परिचित हुइल बटि । १४ हजारके लगानीमे सुरु हुइल उद्यमसे अब्बे उहाँ मासिक रुपमे ३० हजारसे ५० हजार रुपैयाँसम कमाइ करटि आइल उहाँ बटैलि ।
“मागअनुसार बेतबाँसके सामग्री बनाके बिक्री करटि आइल बटुँ, टबफेन कहल जत्रा पुगाइ नैसेक्ठु,” उहाँ कलि, “महिनामे ५० से ८० ठोसम सामग्री निर्माण करटि आइल बटु । लागत खर्च कटाके सोचलानुसार आम्दानी हुइल बा ।”
सुदूरपश्चिम महोत्सवमे चौधरीहे उद्यमीके रुपमे कैलाली उद्योग वाणिज्य संघ स्टल ढारे बोलैना करल उहाँ बटैलि । उहाँ कलि, “महोत्सव लग्नासे १ महिना आघेसे तयारी कैके स्टलके लाग महोत्सव पुग्ठु ।”

विगतके वर्षमे जीवन चलाइक लाग औरे घरमे कम्लहरी बैठके ओ मजदुर करलेक दुःखके दिन सम्झटि उहाँ कलि, “विगतमे दिनभर काम कैके फेन मजा खाइ ओ लगाइ नैपुग्न अवस्था रहे, अब्बे उ दुःखके दिन डेखे परल नैहो ।”
कच्ची घरमे बैठटि आइल उहाँक परिवार अब्बे बेतबाँसके सामग्री निर्माण कैके कमाइल आम्दानीसे गाँउमे घडेरी किनके पक्की घर उठैले बटि । यी काममे उहाँहे श्रीमानके पूर्ण साथ ओ सहयोग रहल उहाँ बटैलि । उहाँ कलि, “घरके खर्चसँगे छावाछाइक पह्राइ खर्च सक्कु बेतबाँसके सामग्री बेचके पुगैले बटुँ ।”
कैलालीके सत्तिसे बेतबाँस खरिद कैके नाने परना रहल ओरसे सामग्री उत्पादनके लाग कच्चा पदार्थके व्यवस्थापन करना भर समस्या रहल उहाँ बटैलि । उहाँ एक चोमे १० क्वन्टिल बेतबाँस नन्ना करल बटैलि ।
उद्योग सञ्चालनके लाग सुरुमे समूहके अनुदानसे ग्यास, बेतबाँस खरिदलगायत कुछ मात्रामे किला, पेन्ट खरिद करले रहि । अब्बे उ सक्कु खर्च अप्नही व्यहोरटि आइल उहाँ बटैलि ।
उहाँक अनुसार बेतबाँससे बनल सामग्री ४ सयसे लेके एक हजार रुपैयाँसममे बिक्री हुइठ । खर्च कटाके एक सामग्रीसे १ सय ५० से ३ सयसम नाफा हुइना उहाँ बटैलि ।
