कञ्चनपुरके राना थारुमे सावनके डोलाके रौनक
पहुरा समाचारदाता
कञ्चनपुर, २ सावन । कञ्चनपुरके राना थारु गाउँमे सावनके डोलाके रौनक छाइल बा । राना थारु समुदायसे गाउँके बीच भागमे दिदीबहिनीयाके लाग डोला (पिङ) रख्ले बाटै ।
सावन महिनाके सुरुमे राना समुदाय डोला राखल हुइट । इ राना थारु समुदायके परम्परागत चलन हो । राना थारु बसोबास कैना गाउँमे सावन महिनामे सार्वजनिक स्थानमे पिङ रख्ना करजाइठ् । परम्परागत पहिरनमे सजल राना थारु महिला अपने पारामे गीत गैटी पिङमे मचमचके आनन्द लेना करठै । पिङ भर महिला नैरख्ठै ।
सामूहिक भेला हुइना सार्वजनिक ठाउँमे दादुभैया दिदीबहिनीयनके लाग पिङ रख्नना चलन पुरान रहल बा ।‘इ चलन परम्परागत रुपमे चल्टी आइल बा’, धनबहादुर राना कहलै–‘दिदीबहिनीया पिङमे रमाइलो कैटी माङ्गलिक गीत गैना करठै । पिङहे रानाथारु भाषमे डोला कहठै । चारठो कठ्वक खम्बामे डोरीमे कठ्वक फलिया बाँधके पिङके रुपमे प्रयोग करजाइठ् ।’
पिङ खेलुइया दिदीबहिनीयाके उत्साह थपक लाग जोरसे दादुभैया गीत गैना चलन इ समुदायमे रहल बा । इहीसे दिदीबहिनीया ओ दादुभैयाबीच आत्मीयता बह्रना हुइल ओरसे इहीहे ढिउर महत्व डेना करल राना थारु अगुवा नवलसिंह राना बटैलै । दिदीबहिनीया पानीसमेत नैपिके निरहार बैठके दादुभैयाके दीर्घायुके कामना कैके इ अवसरमे तिज मनैना करठै । निरहार बैठके दिदीबहिनीया प्रसादके रुपमे परम्परागत पकवान सिमही, पपरा, पुरी, गुलगुला बनैना करठै ।
गडरौँदा जातके घाँसमे विवाहिता सात गाँठ ओ अविविहीत पाँच गाँठ पारके चाँदीके गहनासे काटके लडियाके बीच भागमे पुगके बत्तीसँगे विर्सजन कैना चलन रहल बा । विर्सजन कैना बेला दिदीबहिनीया दाजुभैयाहे धन सम्पत्ति, उन्नति ओ लडियाके धारजस्टे दादुभैयाके आयु बढे कहिके बरदान मग्ना करठै । जत्रा डुर घाँस पुहके जाइठ् ओत्रे ढिउर नै दादुभैयाके आयु बह्रना विश्वास इ सामुदायमे रहल बा ।
‘विर्सजन करे जैना बेला गाँउके युवा दिदीबहिनीयाहे डगरामे लम्मा डोरीमे बेरके घेर्र्ना प्रयत्न कैके हस्यौली ठट्यौली ओ मनोरञ्जन लेना करठै’, नवल सिंह कहलै ।। ‘जिहीहे राना थारु भाषामे झुडकी छिरैना कहिजाइठ् ।’ लहेरमे जाके आपन नाटपाट नैभेटे पाइल दिदीबहिनीया इ अवसरके सदुपयोग कैटी भेटघाट करे अइना हुइल ओरसे इहीसे बरसभरके सुखदुःख साटासाट कैना अवसरके रुपमे लेना करजाइठ् । इ अवसरमे घरघरमे बनाइल परम्परागत पकवान सिमही, पपरा, पुरी, गुलगुला बनाके नाटपाटनहे बाँट्टी घरक सक्कु जाने बैठके सँगे खैना चलन इ समुदायमे रहल बा ।
तीजके अवसरमे महिला घंघरिया, अंगिया, फतुइ ओ घुँगट लगैना करल बाटै कलेसे आभूषणमे पैडा, कठुला, हरवालगायत घाँटीसे गोरसम लगैना करठै । कैलाली ओ कञ्चनपुरमे किल बसोवास रहल राना समुदायके इ महत्वपूर्ण पर्वके रुपमे रहल बा । दिदीबहिनीया दादुभैयाके दीर्घायुके कामना कैटी इ पर्वहे मनैठै । सावनके शुक्ल तृतीयाके दिन इ पर्वके विधिवतरुपमे समापन कैना करजाइठ् ।
दादुभैया तीज पर्व अइना १५ दिनआघे दिदीबहिनीयाके घरमे जाके नेउटा डेके बोलैना चलन रहल बा । परम्परागत राना थारु समुदायके महिला मैना इ पर्व सावन महिनाभर मनैना करजाइठ् । संस्कृति बचाइ परठ् कना भावना हाल राना थारु समुदायके युवा पिँढीमे रहल ओरसे इ पर्वहे जीवित राखक लाग प्रत्येक बरस गाउँमे सावनके डोला रख्ना कार्य कैटी आइल बाटै । गाउँके दिदीबहिनीया समेत इ कार्यमे साथ डेटी आइल बाटै ।


