१४ बुँदे घोषणापत्र पारित
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ८ सावन । मर्यादित महिनावारीके लाग धामी–झाँक्री सम्मेलन २०७९ से १४ बुँदे घोषणापत्र जारी हुइल बा । सावन ५ से ७ गतेसम धनगढीमे हुइल सम्मेलनमे शनिच्चरके रोज उ घोषणापत्र जारी हुइल हो ।
घोषणापत्रके प्रस्तावनामे नेपाल पक्षराष्ट्र बनल मानव अधिकार सम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रिय दस्तावेज जस्टेः मानव अधिकार सम्बन्धी विश्वव्यापी घोषणापत्र–१९४८, मानव अधिकारके विश्वव्यापी घोषणापत्र–१९४८, नागरिक तथा राजनीतिक अधिकार सम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रिय अनुबन्ध–१९६६, आर्थिक, सामाजिक तथा साँस्कृतिक अधिकारसम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रिय अनुबन्ध–१९६६, महिला विरुद्वका सक्कु मेरिक भेदभावके अन्त्य करना महासन्धि–१९७९, बाल अधिकारसम्बन्धी महासन्धी–१९८९ के अनुसरण करना प्रतिवद्वता व्यक्त करल बा ।
नेपालके संविधानसे आत्मसाथ करल विभेदरहित, समतामूलक, न्यायपूर्ण समाज एवं समृद्वराष्ट्र निर्माणके लाग मौलिक हकके प्रभावकारी कार्यान्वयन करेपरना कना मान्यताहे आत्मसात करटि संविधान, कानून तथा लैंगिक न्यायके मान्य सिद्धान्त अनुरुप समाजमे विद्यमान विभेद ओ उत्पीडनके अन्त्य करेक लाग घोषणापत्र पारित करल बा ।

सम्मेलनसे पारित करल घोषणापत्रमे मर्यादित महिनावारी वातावरण निर्माण करेक लाग धामी–झाँक्रीहुक्रे महत्वपूर्ण भूमिका खेले सेक्ना तथ्यहे मध्यनजर कैके महिनावरीमे भेदभाव करना, छुवाछुत करना कुप्रथाके अन्त्य कैके महिनावारीहे मर्यादित बनैना, महिनावारीके रगत पवित्र हो । यी सृष्टिके आधार हो । यिहिनहे मर्यादित बनाइ परठ । मर्यादित महिनावारी हमार सबके जिम्मेवारी हो कान बोध कैके महिनावारी अवस्थामे रहल किशोरी ओ महिलाहे छुवाछुत नैकैके उचित सम्मान प्रकट करना कटिबद्व बटि कहल बा ।
ओस्टेके, समाजमे हरेक किशोरी ओ महिलाहे सम्मानपूर्वक जीवनयापन करना वातावरण सिर्जना करना उहाँहुकनहे कौनो फेन मेरिक लैंगिक भेदभाव नैकरना, घर परिवारमे मर्यादित महिनावारी मैत्री बनैना किशोरी, महिलाहुकनहे महिनावारी हुइल ५ दिन ओ महिनावारी नैहुइल २५ दिन समान व्यवहार करना, धामी–झाँक्रीसँग हेराइल आइल व्यक्तिहुकनमे आत्मविश्वास बह्राइक लाग मर्यादित महिनावारीके बारेमे सूसुचित करना, घरमे मर्यादित महिनावारी सम्बन्धी सूचना तथा सन्देश टाँस करना, महिनावारीके समयमे पोषण, आवास, सरसफाइ, स्वास्थ्य, शिक्षा, सहभागिताके लाग सकारात्मक सहयोग करना घोषणापत्रमे उल्लेख करल बा ।

ओस्टेके, विद्यालयहे मर्यादित बनैना गाउँपालिका तथा नगरपालिकासँग समन्वय कैके जनचेतनामूलक क्रियाकलाप करना तथा महिनावारी हुइल समयमे फेन किशोरीहुकनहे विद्यालय जैना प्रोत्साहित करना, विद्यालयमे मर्यादित महिनावारी सम्बन्धित सन्देश भित्तामे टाँस्ना, महिनावारी मर्यादित विद्यालय बनाइक लाग महिनावारी मैत्री चर्पी, पानी तथा महिनावारी सामग्री व्यवस्था करेक लाग पालिकाहे अनुरोध करना घोषणा कैगिल बा । प्रदेश तथा पालिकासंग समन्वय कैके समुदायमे मर्यादित महिनवारी सम्बन्धि जनचेतना जगैना, तालिम, गोष्ठी, सडक नाटक, पोस्टर, पम्प्लेट आदिके लाग बजेट व्यवस्थापन करना ध्यानाकर्षण करैना, पालिकासे धामी–झाँक्री, अभियन्ता, पत्रकार आदिहुकनहे मर्यादित महिनावारीके प्रचारप्रसार करना परिचालन करना घोषणापत्रमे कहल बा ।
ओस्टेके, घोषणापत्रमे समाजमे आध्यात्मिक ओ धार्मिक गुरुके रुपमे पहिचान पाइल धामी–झाँक्रीहुकनमध्ये मर्यादित महिनावारीहे प्रोत्साहन ओ प्रवद्र्धन करेक लाग उचित पुरस्कार ओ सम्मानके व्यवस्था करेक लाग सरकारी, गैरसरकारी तथा नीजि क्षेत्रहे अनुरोध करना, मर्यादित महिनावारी प्रवद्र्धनके लाग महिनावारी व्यवस्थापन दिवस मे २८ तथा मर्यादित महिनावारी दिवस, डिसेम्बर ८ अन्तर्राष्ट्रिय महिला दिवस तथा १६ दिने लैंगिक हिंसा विरुद्धके अभियान आदिहे महत्वके साथ मनैना ओ महिनावारी कानून (३ महिना जेल वा ३ हजार जरिवाना वा दुनु)के पालना करना करैना प्रचारप्रसार करना घोषणापत्रमे उल्लेख करल बा ।
सम्मेलनमे मुलुकी अपराध संहिता, २०७४, पन्ध्रौं आवधिक योजना (आर्थिक वर्ष २०७६/०७७–२०८०/०८१), घरेलु हिंसा (कसूर ओ सजाय) ऐन–२०६४, राष्ट्रिय लैंगिक समानता नीति–२०७७, सुरक्षित मातृत्व तथा प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार ऐन–२०७५, बालबालिका सम्बन्धि ऐन–२०७५, बालविवाह अन्त्यके लाग राष्ट्रिय नीति–२०७२, लगायतके कानूनके परिपालना करना प्रतिज्ञा फेन करल बा ।

ओकरबाद शनिच्चरके रोज सम्मेलनके सुदूरपश्चिम प्रदेशके आर्थिक मामिला राज्यमन्त्री अमर साउँद समापन करले रहैं । कार्यक्रममे राज्यमन्त्री साउँद मर्यादित महिनावारीके लाग धामी–झाँक्री सम्मेलनसे जारी करल घोषणपत्र कार्यान्वयन करनामे प्रदेश सरकारके सहयोग रहना प्रतिवद्धता जनैले रहैं । उहाँ महिनावारीके बेला हुइना विभेद ढिरेसे कम हुइना बटैलैं । उहाँ कलैं, “समाजमे समयसापेक्ष सचेतना अइटिरहल ओरसे महिनावारीके बेला हुइना विभेद आवश्वकता अनुसार अभिन काम नैहुइल हो । यि ढिरसे परिवर्तन हुइ ।”
ओस्टेके, कार्यक्रममे कोइकाके कार्यक्रम सल्लाहकार जोङ हा ली सुदूरपश्चिम तथा मध्यपश्चिममे विद्यामान रहल छाउपडी प्रथाहे व्यवस्थित करेक लाग अप्ने कोरियासे नेपाल पुगल बटैलि । उहाँ छाउपडी अर्थात् महिनावारीप्रति समाज हेर्ना दृष्टिकोण बडलेक लाग कौनो एक व्यक्ति लग्नासे फेन सक्कु सरोकारवालाहुकनके भूमिका महत्वपूर्ण रहल बटैलि ।
कार्यक्रममे पिसपिन बाजुराके सल्लाहकार लालबहादुर ओली धामी–झाँक्रीहुकनके विश्वास समाजमे रहल बटैटि उहाँहुक्रे फेन सन्देशमूलक कार्य करे सेक्न धारणा व्यक्त करलैं । उहाँ छाउपडी कना शब्दहे रुपान्तरण करना आवश्यक रहल बटैलैं ।
कार्यक्रममे मुगुके खत्याड गाउँपालिकाके उपाध्यक्ष सरिता रोकाया महिनावारी हुइल बेला हुइना विभेदके अन्त्यके लाग पालिकास्तरसे हुइना काममे अपन पूर्ण सहयोग रहना प्रतिवद्धता व्यक्त करलि । अप्ने पहिलचो महिनावारी हुइल बेला ९ दिनसम गोठमे बैठेपरल पीडा सुनैटि उहाँ आब ओइसिन अवस्था सिर्जना हुइ नैडेना मरिक काम करना धारणा व्यक्त करले रहि ।
कार्यक्रममे सहभागी धामी–झाँक्रीहुक्रे महिनावारीके बारेमे समाजमे रहल अन्धविश्वास टुरना अपन सहयोग रहना बटैले बटैं । अछामसे आइल धामी डिल्लीराज आउजी तालिमके क्रममे महिनावारीके बारेमे सिखल बाट कार्यान्वयनमे नन्ना बटैलैं ।
ओस्टेक, बाजुराके बडीमालिका नगरपालिकासे आइल धामी देवराज जोशी तालिमसे महिनावारीके बारेमे कानुनी बाट सिखल बटैलैं । “कौनो समय रहे । महिनावारीमे घरसे डुर अर्थात् अल्गे बैठेपरना बाध्यता, मने आब ओइसिन नैहो । समय बडलल बा । कानुन बडलल बा,” जोशी कलैं, “टबेमारे कानुनके दायरासे बाहेर जैना छुट किहुनहे फेन नैहो । हम्रे फेन ओहे भित्तर रहिके बैठब ।”
सम्मेलनमे महिला अधिकारकर्मी राधा पौडेल सहजीकरण करले रहि । कार्यक्रममे प्रदेश स्वास्थ्य शाखा प्रमुख दयाकृष्ण भट्ट, बलराम धामी, डबलबहादुर बोगटी, अमृता बुढालगायत मन्तव्य व्यक्त करले रहैं ।
कार्यक्रममे मुगु, बाजुरा, डोटी, अछाम ओ कैलालीके धामी–झाँक्री ओ स्थानीय तहके जनप्रतिनिधिहुकनके सहभागिता रहल रहे ।
“मर्यादित महिनावारी हमार सबके जिम्मेवारी” कना नारासहित हुइल सम्मेलन कोरिया अन्तर्राष्ट्रिय सहयोग नियोग (कोईका), गुड नेवर्स इन्टरनेशनल, गुड नेवर्स जापान, कर्णाली गरिबी न्यूनीकरण तथा विकास मञ्च मुगुलगायत साझेदार संस्था पीसविन किडार्क ओ केपीडिएफके आयोजनामे हुइल रहे ।


