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चेतनास्तर बृद्धि नैहुइटसम महिला हिंसाके घटना कम नैहुईः राज्यमन्त्री

पहुरा | १३ श्रावण २०७९, शुक्रबार
चेतनास्तर बृद्धि नैहुइटसम महिला हिंसाके घटना कम नैहुईः राज्यमन्त्री

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १४ सावन ।
सुदूरपश्चिम प्रदेशके सामाजिक विकास राज्यमन्त्री टेकबहादुर रैका समाजमे चेतनास्तर बृद्धि नैहुइटसम महिला हिंसाके घटना कम हुइ नैसेक्ना बटैले बटैं ।

महिला, कानून र विकास मञ्च (एफडब्ल्युएलडी) के आयोजना तथा आइपासके सहकार्यमे शुकके रोज धनगढीमे हुइल लैंगिक हिंसाके मुद्दामे पीडितमैत्री सम्बोधनसम्बन्धी नीति तथा कार्यक्रमबारे प्रादेशिक संवाद कार्यक्रममे राज्यमन्त्री रैका जनचेतनासे जनता सचेत नैहुइटसम महिला हिंसाविरुद्धके कानून कार्यान्वयन करना समस्या रहना बटैलैं ।

“हमार समाज कानून तथा नीतिके बारेमे जानकार नैहो,” राज्यमन्त्री रैका कहलै, “कानून कार्यान्वयन कराइक लाग समाजमे जाके कानून ओ नीतिके बारेमे जानकारी कराइ परना आवश्यक बा । समाज कानूनके बारेमे अनविज्ञ होके कानून व्यवहारमे लागू हुइ नैसेकल हो ।” उहाँ लैंगिक हिंसा सामाजिक व्यवहारसे फेन हुइना करना बटैलैं ।

विद्यायन तथा प्रदेश मामिला समिति सभापति नेपालु चौधरी महिला हिंसा विरुद्धके कानून प्रदेश सरकार बनैलेसे फेन प्रभावकारी रूपमे लागू हुइ नैसेकल बटैलैं । उहाँ अभिनसम कमजोर पक्ष न्याय नैपाइल उल्लेख करलैं । उहाँ पीडितहुक्र न्याय पाइ परनामे जोर डेले रहैं ।

कार्यक्रममे नेपाली काँग्रेस संसदीय दलके सचेतक अम्बीकुमारी थापा अभिनसम वास्तविक हिंसा पीडित महिलाके आवाज उठे नैसेकल बटैलि । उहाँ लैंगिक हिंसा अन्त्यके लाग अपन ठाउँसे लागे परना बटैलैं । उहाँ कलैं, “मानसिकता परिवर्तन कैके महिला हिंसा न्यूनीकरण करेपरल ।”

कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेश सभा सदस्य भरत खड्का चेतना ओ गरिबीके कारण छाउपडी प्रथालगायतके लैंगिक हिंसाके घटना बह्रल बटैलैं । उहाँ चेतना बृद्धि कैके लैंगिक हिंसा क्रमिक रूपमे न्यूनीकरण करे सेक्ना बटैलैं । “पहिले समाजमे हुइना करल लैंगिक हिंसाके गज का हो यकर खोज करे परल,” उहाँ कलैं, “कौनो फेन कार्य करेबेर ओकर प्रभावके बारेमे ख्याल करे परठ, चेतना बहै्रना लगायतके मजा काम करना करे परल । यी हमार सब सरोकारवाला निकायके दायित्व हो ।”

प्रदेश सभा सदस्य खड्का प्रदेश सरकारसे प्राथमिकता क्रम निर्धाण कैके कानून बनाइ परनामे जोड डेलैं । “कौन कानून नैबनैलेसे ढेर नोक्सान हुइ उ कानून बनाइक परठ,” उहाँ कलैं, “यहाँ दवावमे कानून बनटा । सक्कु सरोकारवाला निकायहुक्रे समन्वय कैके उपलब्धिमूलक काम करेपरल ।”

समाज रूपान्तरण कलेक उपलब्धि हो कहटी समाज रूपान्तरणमे लग्ना हमार सकबे दायित्व रहल उहाँ बटैलैं ।

कार्यक्रममे सुदूरपश्चिम प्रदेश मुख्यमन्त्री तथा मन्त्री परिषद् कार्यालयके कानूनी सचिव गंगाबहादुर खरेल कौनो फेन ऐन कानून बनाइबेर वृहत छलफल करले परना बटैलैं । उहाँ कानून ओ नीति बनलपाछे सेवाहे चुस्तदुरुस्त प्रवाह करे सेक्ना बटैलैं ।

सुदूरपश्चिम प्रदेशके मुख्य न्यायाधिवक्ता कुलानन्द उपाध्याय व्यापक छलफल कैके कानून बनैलेसे प्रभावकारी न्याय प्रवाह करे सेक्ना बटैलैं । “न्यायके सिद्धान्त सबसे भारी हो,” उहाँ कलैं, “न्यायके काम सबजे करे परठ । पीडितहे क्षतिपूर्ति डेना कोष सक्कु तह समन्वय कैके बनाइ परल । ”

कार्यक्रममे सामाजिक विकास मन्त्रालयके कानून अधिकृत दानबहादुर सुनार सुदूरपश्चिम प्रदेशमे महिला ओ बालबालिकासम्बन्धी नीतिगत तथा कानूनी व्यवस्थाबारे कार्यपत्र प्रस्तुत करले रहैं । कार्यपत्र प्रस्तुत करटि उहाँ छाउपडी य्रथाजन्य कुरीति उन्मुलन नीति–२०७६, प्रदेश स्वास्थ्य नीति–२०७८, प्रदेश बालबालिकासम्बन्धी नीति–२०७६, गर्भवती ओ सुत्केरी अवस्थामे ज्यान जोखिममे परल महिलाहे हवाइ उद्धार गरनासम्बन्धी कार्यविभि–२०७७, महिला सशक्तीरण कार्यक्रम सञ्चालन निर्देशिका–२०७८, अल्पकालीन सेवा सञ्चालन कार्यविधि–२०७७, अपांगता रहल बालबालिका पहिचान ओ उपचार कार्यक्रम सञ्चालन कार्यविधि–२०७८, सानै छु बढ्न देउ, बालविवाह होइना पढ्न देउ कार्यक्रम सञ्चालन कार्यविधि–२०७८ लगायतके बारेमे जानकारी करैले रहैं । उहाँ छाउपडी प्रथाजन्य कुरीति उन्मुलनके लाग संघ, प्रदेश ओ स्थानीय तहबीच समन्वय, सहकार्य ओ सहभागिता बह्राके लैंगिक संवेदनशील संस्कृतिके विकास करे परना बटैलैं । यकर लाग शिक्षा ओ जनचेतनामे अभिबृद्धि कराइ परनामे उहाँक जोर रहे ।

ओस्टेके एफडब्ल्युएलडीके कार्यकारी निर्देशक सविन श्रेष्ठ लैंगिक हिंसा सम्बोधनके लाग प्रदेशसे निर्माण करेपरना नीति, कानूनसम्बन्धी कार्यपत्र प्रस्तुत करले रहैं । उहाँ सुदूरपश्चिम प्रदेश सरकारसे घरेलु हिंसा कसुर तथा सजाय ऐन–२०६६ लगायतके बारेमे जानकारी करैले रहैं । उहाँ प्रदेश सरकारसे हिंसा पीडित महिलाके लाग लैंगिक हिंसा निवारण कोष, स्थानीय लैंगिक हिंसा निवारण कोषके स्थापना करेपरनामे जोर डेले रहैं । उहाँ हिंसामे पीडित महिलाके उपचारके लाग पीडकहे व्यहोरेपरनाहे कार्यान्वयन करेपरना फेन बटैले रहैं ।

कार्यक्रममे सहायक जिल्ला न्यायाधिवक्ता कविराज शर्मा, ओरेक नेपालके बिनु राना, यशोदा ढकाल, गणेश ऐरलगायत मन्तव्य व्यक्त करले रहैं ।

एफडब्ल्युएलडीके संस्थापक सदस्य तथा निर्वतमान अध्यक्ष मीरा ढुंगानाके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रमके सञ्चालन अधिवक्ता रेनु प्रधान श्रेष्ठ करले रहि ।

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