थारु राष्ट्रिय दैनिक
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कैलारी गाउँपालिकासे गुरही पर्वके स्थानीय विदा

पहुरा | १६ श्रावण २०७९, सोमबार
कैलारी गाउँपालिकासे गुरही पर्वके स्थानीय विदा

पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, १६ सावन । कैलालीके कैलारी गाउँपालिकासे थारु समुदायके गुरही पर्वके अवसरमे मंगरके रोज स्थानीय विदा डेना निर्णय करले बा गाउँ कार्यपालिकाके सावन १६ गते हुइल निर्णय अनुसार सावन १७ गते मंगरके रोज गुरही टिहुवारके अवसरमे स्थानीय बिदा डेना हुइल हो । गाउँपालिकाके प्रमुख प्रशासकीय अधिकृत विरबहादुर ऐरसे हस्ताक्षरिक पत्र अनुसार सावन शुक्ल पञ्चमीके दिन गाउँ कार्यपालिकाके कार्यालय, वडा कार्यालय, स्वास्थ्य संस्था तथा विद्यालयमे स्थानीय बिदा रहना जनाइल बा ।

थारु समुदायमे ‘गुरही’ मनैनाके अर्थ, नाग बाबाहे पुजा कैके विसहा साप घरम नैअइना, घरमे बाज नै मर्ना, आगलागी नैहुइना, दुःखके बज्रपात नैपर्ना, रोगव्याधी ओ महामारी घरमे प्रवेश नैकैना विश्वास करजाइठ् । नागबाबाहे घरके डुवारमे टाँसके पूजा कैनाके आशय दुःख, कष्ट ओ रोगव्याधीहे नागबाबा घरमे प्रवेशसे रोक्ना कना हो । इहीहे नागपञ्चमीके रुपमे फेन मनाजाइठ् । थारु समाजमे ‘गुरही, गुर्या’ कहिके मनाजैना इ टिहुवारहे नेपाली समाज नागपञ्चमी कहिके मनैठै ।

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नागपञ्चमीमे विशेष कैके नेपाली नागबाबाके पूजा–आजा करठै कलेसे थारु समाजमे ‘गुरही’ पूजा हुइठ् । थारु समाजमे फेन ठाउँअनुसार ‘गुरही’ फरक फरक ढंगसे मनैठै । इ टिहुवार गाउँके युवती गाउँसे डुरके चोकमे जाके कपडासे बनाइल छोट छोट गुरही (गाइने कीराके प्रतीक) असरैना (सेलैना) चलन रहल बा । इ टिहुवारहे बालबालिकासँग सम्बन्धित टिहुवारके रूपमे फेन लेना करल बा । यिहे आघे जोशीपुर गाउँपालिकाफे गुरहीके सार्वजनिक विदा घोषणा करले बा ।

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