आज थारू समुदायके गुरही पर्व
पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, १७ सावन । थारु समुदायसे आज भव्यताके साथ गुरही पर्व मनाइल लागल बटै ।
घरेक दुःखके बज्रपात नैपर्ना, रोगव्याधी ओ महामारी घरमे प्रवेश नैकैना जनविश्वासके साथ परम्परासे गुरही पर्व मनैटी आइल थारु अगुवाहुक्रे बटैठै । नागपञ्चमीमे विशेष कैके नेपाली नागबाबाके पूजा–आजा करठै कलेसे थारु समाजमे ‘गुरही’ पूजा कैना थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य प्रभातकुमार चौधरी बटैलै ।
थारु समुदायमे ‘गुरही’ मनैनाके अर्थ, नाग बाबाहे पुजा कैके विसहा साप विच्छी, गोजरके प्रवेश घरेक नहोए, रोगव्याधी ओ महामारी घरमे प्रवेश नकरे कना जनविश्वास रहल उहाँ बटैठै ।
थारु समाजमे फेन ठाउँअनुसार ‘गुरही’ फरक फरक ढंगसे मनैठै । इ टिहुवार गाउँके युवती गाउँसे डुरके चोकमे जाके कपडासे बनाइल छोट छोट गुरही (गाइने कीराके प्रतीक) असरैना (सेलैना) चलन रहल बा ।
थारु समाजमे ‘गुरही, गुर्या’ कहिके मनाजैना इ टिहुवारहे नेपाली समाज नागपञ्चमी कहिके मनैठै ।
कैसिक मनाजाइठ् गुरही ?
साँझके समयमे जब गोरु बछरु गयरवन आपन–आपन घारीमे करयइठैं टब गाउँक् अघरिया (चौकीदरवा, चिरकिया) के पहलमे गाउँक डाडुभैया ओ डिडीवहिनियाहुक्रे लावा–लावा लुगरा लगाके टठियामे मेरमेराइक भुजा, डुब्बा घाँस, रंगी बिरंगी लुग्रक गुरही लेले गुरही–गुरहा ठटैना ठाउँमे गैल रठैं । प्रायः कैके गाउँक् चौराहामे ठटैना गुरहीमे सक्कु गाउँभरिक लउण्डा–लउण्डी ओ बुह्राइल मनैफेन गुरहीक भुजा मागक लाग चौराहाओर जम्मा रठैं ।
जब गाउँक् अघरिया एक संस्सु डुब्बा घाँसम् गाँठ पारठ अथवा एकठो गुरही बनाइल चिरकुटमे गाँठ पारके गुरहीगुरहा ठटैैना आदेश डेहठ् टब उपस्थित हुइल सक्कु लौंरा लर्का अपन–अपन रंगीचंगी सोंटा ओ लम्मा–लम्मा भांगक, बेरसरमक् ओ और चिजसे बनल सोंटासे ‘घुघरी डेउ’ ‘घुघरी डेउ’ कटि ठटैना काम कर्ठैं । ऐसिक गुरही ठटैलसे गाउँघरमे रहल पुरान रोगव्याधी सब नास हुइठैं ओ गाउँहे रोगव्याधि ओ दुःखसे छुटकारा मिलठ् कना बाटके हमार थारु समाजमे गहिंर जनविश्वास रहल बा । मने रहस्यमय बाट का बा कलसे एक्ठो लुग्रक जन्नी–थारु मनैयक संकेत करके बनाइल गुरहीहे काकर ठटाजाईठ् टे ?
गुरही ठटाके सेकके सक्कुजाने जम्मा हुइल चौराहामे डिडीवहिनियाहुक्रे गुरही ठटैना ठाउँमे भुजा छिटकर्ना ओ सक्कु जम्मा हुइल लर्कापर्का ओ बुरहाइल मनैनफे अपन टठिया मनिक् बोकके नानल मेरमेराइक भुजा जस्टे– मकैक भुजा, चना, केराउ, भरठर आदिके भुजा सक्कुहुन एक–एकचुटि प्रसादके रुपमे बँट्ना काम कर्ठैं । जवसम टठियक भुजा नै ओरैैठिन टबसम लरकाहुक्रे ‘भुजा डेउ, भुजा डेउ’ कर्टि पाछे–पाछे लागल रठैं ।
ऐसिक ठटाइल गुरही ओ रंगी विरंगी चिरकुट ठटाइल ठाउँसे उठाके आपन घरक डुवारीम् बन्धबो कलसे ओ गुरही ठटाके बचल डुब्बा ओ भुजागुडा अपन घरक छपरम लबडैलसे घरम रहल दुःख चिन्ता दूर हुइना ओ घरक भित्तर रहल साँप गोजर फेन घरसे बाहर निकरके भग्ठै ओ घरम शान्ति सुख हुइठ् कना हमार थारु समाजमे पुरान जनविश्वास कायम बा ।
गुरही पूजा भगवान नागसे जुरल बा । नागपञ्चमीहे हम्रे गुरही टिहुवार मन्ठी । गुरही ठटैलसे सक्कु उप्पर निकरल अथवा खुलारुपमे, छाडारुपमे चरहे निकरल साँप गोजर विच्छी गुरही ठटाइल दिनसे आपन–आपन घरम दोन्डरमे नुकके बैठना ओ दोण्डरके भित्तर लोप हुइठैं ओ साँप, गोजर हुक्रनके यकरपाछे डर नैरना बाटके फेन हमार समाजमे ओत्रै मजासे चर्चा चलठ् ।
नाग अथवा साँप कना भगवानके बहुट प्यारा चिज हुइलक कारणसे होकि नागपञ्चमी मनागिल हो कहिके फेन विश्वास कैजाइठ् घर–घरमे साँपनके मूर्ति बनाके दुवारीमे चप्टैना ओ अगरबत्ती धुप बारके भगवान नागके पूजा कर्ना चलन हमार नेपालीनके बा । मने हमार थारु समाजमे नागके पूजा नै कैके उहिनहे गुरही ठटाके मन्ना काम कर्ठि । गुरही मन्नाके सारतत्व प्रमाणित नैहुइलसेफे पुर्खासे चलनचल्टीमे रहल यी टिहुवारके बारेमे थप खोज अनुसन्धानके आवश्यकता बा ।
रंगीविरंगी चिरकुटसे गुरही–गुराहा बनैना, उहीहे सोंटासे ठटैना, ओकर खुशीयालीमे भुजा लुटैनाके रहस्य बरवार बा । यकर रहस्यहे भित्तर झाँकके हेर्लसे कुछ खराव चिजके अन्त्येष्टि करके खुशीयाली मनाइल संकेट हुइठ् मने यी कर्नाके औचित्य का ? खोजके विषय हुइसेकी । दिनदिने लोप हुइटि गैल यी टिहुवारके बारेमे थारु समाजके आँखी उघ्रना जरुरी बा । थारु समाज भित्तर अन्य तिहुवारके तुलनामे यी तिहुवार कम मनागिलसेफे कमजोर आँकलन कर्ना भर संस्कृतिके उपेक्षा करल सावित हुइसेकी ।
गुरही पर्वमे तीन पालिकासे स्थानीय विदा
थारु समुदायके गुरही पर्वके अवसरमे कैलालीके तीन पालिका आज (१७ गते) स्थानीय विदा डेले बा ।
कैलालीके कैलारी गाउँपालिका, जोशीपुर गाउँपालिका ओ भजनी नगरपालिकासे गुरही पर्वके अवसरमे आज स्थानीय विदा डेले हुइट । उ तीनु पालिकासे थारु समुदायके गुरही पर्वके अवसरमे मंगरके रोज स्थानीय विदा डेना निर्णय करले बटै ।
उ पालिकासे सार्वजनिक करल पत्र अनुसार सावन शुक्ल पञ्चमीके दिन (मंगर) नगर/गाउँ कार्यपालिकाके कार्यालय, वडा कार्यालय, स्वास्थ्य संस्था तथा विद्यालयमे स्थानीय बिदा रहना जनाइल बा ।


