नगरप्रमुख हमाल ओ प्रजिअ थापा ठठैलै गुरही
थारु समुदायके कला, संस्कृतिके सम्मान करे परठः नगरप्रमुख हमाल
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १७ सावन । धनगढी उपमहानगरपालिकाके नगरप्रमुख गोपाल हमाल, कैलालीके प्रमुख जिल्ला अधिकारी किरण थापा सोटा लेके गुरही ठठैटी थारु समुदायके गुरही पर्व मनैले बटै ।
मंगरके रोज धनगढीके गुरही चोकमे आयोजित वृहत गुरही अस्रैना कार्यक्रमके वडका पहुना रहल नगरप्रमुख हमाल, विशिष्ट पहुना रहल प्रमुख जिल्ला अधिकारी थापा, विशिष्ट पहुना नगर–उपप्रमुख कन्दकला राना, कैलालीके प्रहरी प्रवक्ता वेदप्रकाश जोशी, थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्दीय सदस्य प्रभातकुमार चौधरी सोटा लेके गुरही ठठैटी थारु समुदायके गुरही पर्व मनाइट हुइट ।

कार्यक्रममे वडका पहुना रहल नगरप्रमुख हमाल थारु समुदाय यहाँके आदिवासी जनजाति धर्ती पुत्र रहल ओरसे यहाँहुकनके कला, संस्कृतिके सम्मान करे पर्ना बटैलै । नगरप्रमुख हमाल कार्यपालिकाके बैठकसे छलफल करटी थारु समुदायके भल्मन्सा प्रथाहे प्रवद्र्धनके लाग नीति तथा कार्यक्रममे समेटल बटैलै । थारु समुदायके डेखा परल सिकलसेल एनिमिया रोग न्यूनिकरणके लाग पालिकासे विशेष ध्यान डेहलफे उहाँ बटैलै ।
प्रमुख जिल्ला अधिकारी किरण थापा थारु समुदायसे मनैना टरटिहुवारके संरक्षण कैना आवश्यक रहल बटैलै । अपनेफे तराईमे जलमल कहटी थारु समुदायके गुरही पर्वमे सहभागि हुई पाइलपाछे खुशी व्यक्त करटी पर्वके शुभकामना डेहल रहिट ।

संविधानके मर्म अनुसार सक्कु जातजातिके कला, संस्कृति, भेषभुषाहे बराबर मान्यता डेहल बा, प्रजिअ थापा कहलै, ‘थारु समुदाय कला, संस्कृतिके धनी समुदाय हुइट । थारु आयोगफे गठन हुइल बा । थारु भाषामे पाठयक्रमफे सुरु हुइल बा । कला, संस्कृति संरक्षणके लाग यैसिन कार्यक्रम भर आयोजना कैना जरुरी बा ।’
नगर उपप्रमुख कन्दकला राना आदिबासी जनजाति थारु समुदायके कला, संस्कृति संरक्षण करेसेक्लेसे पहिचान जोग्न बटैली । उहाँ कहली, ढेर जैसिन कला, संस्कृति औपचारिक कार्यक्रममे सिमित हुइटी जाइटा । हमार भाषा, कला, संस्कृति, पहिरन, लवाई खवाई परिवर्तन हुइटा यिहीहे जोगैलेसे केल हमार पहिचान बाँची ।’
गुरही पर्वके जानकारी डेटी थारु कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रीय सदस्य प्रभातकुमार चौधरी घरेम दुःखके बज्रपात नैपर्ना, रोगव्याधी ओ महामारी घरमे प्रवेश नैकैना जनविश्वासके साथ परम्परासे गुरही पर्व मनैटी आइल बटैलै । थारु समुदाय प्रकृति पूजक हुइट, उहाँ कहलै, ‘और समुदायहे यिहे नागपञ्चमी कहिके मनैलेसेफे थारु समाजमे ‘गुरही’ पर्वके रुपमे मनैटी आइल बटै ।’

थारु समुदायमे ‘गुरही’ मनैनाके अर्थ, नाग बाबाहे पुजा कैके विसहा साप विच्छी, गोजरके प्रवेश घरेम नहोए, रोगव्याधी ओ महामारी घरमे प्रवेश नकरे कना जनविश्वास रहल उहाँ बटैलै ।
संखी संजालके कार्यवाहक संयोजक उन्नती चौधरीके अध्यक्षतामे हुइल कार्यक्रममे संचालन सुनिता चौधरी‘सानु’ करले रहिट ।
ओस्टेक कैके, क्याम्पसरोडके सबसे ढेंग लाइट टावरमे गुरही चोक फेन लिख गैल बा । यिहिनसे आघे फेन पहिलेक सिडिओ गोबिन्द रिजाल, सहायक सिडियो हिरालाल चौधरी लगायत प्रहरी प्रमुखसे गुरही चोक कहिके उद्घाटन कैसेकल रहैं ।

धनगढी उपमहानगरपालिका–८ क्याम्पसरोडके गुरही चोकमे आयोजना करल वृहत कार्यक्रममे धनगढी उपमहानगरपालिकाके बजारमे बसोबास करटी रहल हजारौ थारु लउण्डीहुक्रे गुरही अस्रैले रहिट । ओस्टेक धनगढी उपमहानगरपालिका–१६ भादा गाउँमे वृहत कार्यक्रम सहित गुरही पर्व मनाइल भादा थारु होमस्टेके अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण चौधरी बटैलै । ओस्टेक करके काठमाण्डौ लगायत थारु समुदायके बसोबास रहल चितवनसे पश्चिमके थारु समुदायसे हरेक गाउँगाउँमे भव्ययताके साथ गुरही पर्व मनैले बटै ।
कैसिक मनाजाइठ् गुरही ?
साँझके समयमे जब गोरु बछरु गयरवन आपन–आपन घारीमे करयइठैं टब गाउँक् अघरिया (चौकीदरवा, चिरकिया) के पहलमे गाउँक डाडुभैया ओ डिडीवहिनियाहुक्रे लावा–लावा लुगरा लगाके टठियामे मेरमेराइक भुजा, डुब्बा घाँस, रंगी बिरंगी लुग्रक गुरही लेले गुरही–गुरहा ठटैना ठाउँमे गैल रठैं । प्रायः कैके गाउँक् चौराहामे ठटैना गुरहीमे सक्कु गाउँभरिक लउण्डा–लउण्डी ओ बुह्राइल मनैफेन गुरहीक भुजा मागक लाग चौराहाओर जम्मा रठैं ।

जब गाउँक् अघरिया एक संस्सु डुब्बा घाँसम् गाँठ पारठ अथवा एकठो गुरही बनाइल चिरकुटमे गाँठ पारके गुरहीगुरहा ठटैैना आदेश डेहठ् टब उपस्थित हुइल सक्कु लौंरा लर्का अपन–अपन रंगीचंगी सोंटा ओ लम्मा–लम्मा भांगक, बेरसरमक् ओ और चिजसे बनल सोंटासे ‘घुघरी डेउ’ ‘घुघरी डेउ’ कटि ठटैना काम कर्ठैं । ऐसिक गुरही ठटैलसे गाउँघरमे रहल पुरान रोगव्याधी सब नास हुइठैं ओ गाउँहे रोगव्याधि ओ दुःखसे छुटकारा मिलठ् कना बाटके हमार थारु समाजमे गहिंर जनविश्वास रहल बा । मने रहस्यमय बाट का बा कलसे एक्ठो लुग्रक जन्नी–थारु मनैयक संकेत करके बनाइल गुरहीहे काकर ठटाजाईठ् टे ?
गुरही ठटाके सेकके सक्कुजाने जम्मा हुइल चौराहामे डिडीवहिनियाहुक्रे गुरही ठटैना ठाउँमे भुजा छिटकर्ना ओ सक्कु जम्मा हुइल लर्कापर्का ओ बुरहाइल मनैनफे अपन टठिया मनिक् बोकके नानल मेरमेराइक भुजा जस्टे– मकैक भुजा, चना, केराउ, भरठर आदिके भुजा सक्कुहुन एक–एकचुटि प्रसादके रुपमे बँट्ना काम कर्ठैं ।

जवसम टठियक भुजा नै ओरैैठिन टबसम लरकाहुक्रे ‘भुजा डेउ, भुजा डेउ’ कर्टि पाछे–पाछे लागल रठैं । ऐसिक ठटाइल गुरही ओ रंगी विरंगी चिरकुट ठटाइल ठाउँसे उठाके आपन घरक डुवारीम् बन्धबो कलसे ओ गुरही ठटाके बचल डुब्बा ओ भुजागुडा अपन घरक छपरम लबडैलसे घरम रहल दुःख चिन्ता दूर हुइना ओ घरक भित्तर रहल साँप गोजर फेन घरसे बाहर निकरके भग्ठै ओ घरम शान्ति सुख हुइठ् कना हमार थारु समाजमे पुरान जनविश्वास कायम बा ।
गुरही पूजा भगवान नागसे जुरल बा । नागपञ्चमीहे हम्रे गुरही टिहुवार मन्ठी । गुरही ठटैलसे सक्कु उप्पर निकरल अथवा खुलारुपमे, छाडारुपमे चरहे निकरल साँप गोजर विच्छी गुरही ठटाइल दिनसे आपन–आपन घरम दोन्डरमे नुकके बैठना ओ दोण्डरके भित्तर लोप हुइठैं ओ साँप, गोजर हुक्रनके यकरपाछे डर नैरना बाटके फेन हमार समाजमे ओत्रै मजासे चर्चा चलठ् ।
नाग अथवा साँप कना भगवानके बहुट प्यारा चिज हुइलक कारणसे होकि नागपञ्चमी मनागिल हो कहिके फेन विश्वास कैजाइठ् घर–घरमे साँपनके मूर्ति बनाके दुवारीमे चप्टैना ओ अगरबत्ती धुप बारके भगवान नागके पूजा कर्ना चलन हमार नेपालीनके बा । मने हमार थारु समाजमे नागके पूजा नै कैके उहिनहे गुरही ठटाके मन्ना काम कर्ठि । गुरही मन्नाके सारतत्व प्रमाणित नैहुइलसेफे पुर्खासे चलनचल्टीमे रहल यी टिहुवारके बारेमे थप खोज अनुसन्धानके आवश्यकता बा ।

रंगीविरंगी चिरकुटसे गुरही–गुराहा बनैना, उहीहे सोंटासे ठटैना, ओकर खुशीयालीमे भुजा लुटैनाके रहस्य बरवार बा । यकर रहस्यहे भित्तर झाँकके हेर्लसे कुछ खराव चिजके अन्त्येष्टि करके खुशीयाली मनाइल संकेट हुइठ् मने यी कर्नाके औचित्य का ? खोजके विषय हुइसेकी । दिनदिने लोप हुइटि गैल यी टिहुवारके बारेमे थारु समाजके आँखी उघ्रना जरुरी बा । थारु समाज भित्तर अन्य तिहुवारके तुलनामे यी तिहुवार कम मनागिलसेफे कमजोर आँकलन कर्ना भर संस्कृतिके उपेक्षा करल सावित हुइसेकी ।
गुरही पर्वमे कैलालीके चार पालिकासे स्थानीय विदा
थारु समुदायके गुरही पर्वके अवसरमे कैलालीके चार पालिका १७ गते स्थानीय विदा डेहल रहे ।
कैलालीके कैलारी गाउँपालिका, जोशीपुर गाउँपालिका, भजनी नगरपालिका ओ धनगढी उपमहानगरपालिकासे गुरही पर्वके अवसरमे स्थानीय विदा डेले रहिट ।


