पार्टी छोटभारी नैरहठ, जनता किहि साथ डेना कना हो
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ४ भदौ । राष्ट्रिय दलित मुक्ती अभियानके केन्द्रीय संयोजक प्रेम बिसी नागरिक उन्मुक्ती पार्टीमे प्रवेश करले बटै ।
शनिच्चरके रोज एक कार्यक्रमके विच नागरिक उन्मुक्ती पार्टीमे प्रवेश करल उहाँहे पार्टीके केन्द्रीय उपाध्यक्ष सुनिता चौधरी, पार्टीके नेता लक्ष्मण थारु लगायतसे टिका लगाके स्वागत करल रहिट ।
नागरिक उन्मुक्ती पार्टी देशके गरिब मजदुर, सर्वहारा उत्पीडित जातिके हकअधिकार, पहिचान सुनिश्चित करटी संगठित हुके आघे बह्रटी रहल ओरसे यी पार्टीमे प्रवेश करल विसि बटैलै ।
उहाँ कहलै, ‘दलित समुदायके हक अधिकारहे स्थापित करेक लाग मै फे राष्ट्रिय दलित मुक्ती अभियान लेके आघे बह्रटी रहल रहु, यी पार्टीके नारा विचार ओ राष्ट्रिय दलित मुक्ती अभियानसे लेहल नारा विचार मिलल बा । गरिब, दलित समुदाय, मजदुर, उत्पीडितवर्ग हकअधिकारसे बन्चित पहिचान प्राप्त करेक लाग संघर्ष कैना पार्टीके रुपमे नागरिक उन्मुक्ती आघे बह्रटी रहल ओरसे यी पार्टीसे मिल्के हम्रे संयूक्त रुपले उत्पीडित जाती पहिचानसे बन्चित हुइल समुदायके लाग अधिकार डेहुवइक लाग लागे परठ कहिके यी पार्टीमे समाहित हुइल हुँ ।’
‘स्थानीय तह चुनावपाछे यी पार्टीके संरचना झन बल्गर हुइल बा,’ उहाँ कहलै, ‘यी पार्टी जन्मल दुई महिनामे स्थानीय चुनाव हुइल, स्थानीयतह चुनावमे नतिजा हेरेबेर चार पालिका प्रमुखसहित कैलालीमे पहिल पार्टी बनल बा । स्थानीयतह चुनावपाछे काँग्रेस, एमाले, माओवादीके टमान शक्तिशाली नेता यी पार्टीमे प्रवेश करले बटै । कैलाली जिल्लाके पाँचु निर्वाचन क्षेत्रके गाउँ–गाउँ, टोल–टोलमे संरचना समिति गठन हुइल बा ।’

उहाँ कहलै, ‘नागरिक उन्मुक्ती पार्टी आब सबसे बल्गर पार्टीके रुपमे आघे बह्री । यी पार्टी वास्तविक गरिब, मजदुर, दलित, उत्पीडित समुदाय, अधिकारसे बन्चित रहल समुदायके पार्टी हो । आबके अभियानमे पार्टीके नाराहे परिचित करटी जनताके विच जैबी, यी पार्टीहे बहुत हाली अगहन ४ गतेके चुनावमे सबसे भारी पार्टी बनैबी स्थापित करके जैबी ।’
पार्टी छोट भारी नइरहठ, जनता किही साथ डेना कना हो,’ विसी कहलै, ‘हम्रहिन विश्वास बा यहाँके दलित समुदायके संघरीय, यहाँके थारु समुदाय, यहाँके उत्पीडित संघरीय आब नागरिक उन्मुक्ती पार्टीहे अपन पार्टी हो कहिके साथ डिही । यी पार्टी यी देशके गरिब, मजदुरके नारा लेके आघे बह्री कना विश्वास डेहुवाके पार्टीहे सबसे बल्गर ओ शसक्त पार्टी बनाके हम्रे आघे बह्रैबी ।’
उहाँ कहलै, ‘मोर राजनिति नेकपा एमालेसे सुरुवाट हो मने पाछे नेकपा माओवादी हुके आघे बह्रनु, उ पार्टीमे गरिब, मजदुर, दलित, उत्पीडित समुदायके हक अधिकार पहिचानके लाग नारा केल बाटीन ओकर लागु, कार्यान्वयन कबु नइकरठै । भोट लेना समयमे जनतामे झुक्याइना ठग्ना हिसावसे नारा उठैठै । वास्ताविक रुपसे उ पार्टी २०औ बरषसे सत्तामे बटै । अब्बे हेरबेर आदिवासी जनजाती, थारु, दलित, पिछडावर्ग उत्पीडनमे परल समुदायके लाग कटरा काम करले बटै छर्लङ बा । ओइनसे हक अधिकार सुनिश्चित कैना काम हुइही नइसेकल हो । खाली जनताहे ठग्ना काम केल हुई बा ।’
जनता आब विकल्प खोज्टै,’ उहाँ कहलै, ‘जनताके विकल्पके रुपमे वैकल्पिक शक्तिके रुपमे नागरिक उन्मुक्ती पार्टी आघे आइल बा । स्थानीय चुनाउमे चार–चार पालिकामे जिटना कहलेक एमाले, काँग्रेस, माओवादीप्रति जनताके आर्कषण नइहो कना संकेत हो । और पार्टी आदिबासी जनजाती, थारु, दलित, पिछडावर्ग उत्पीडनमे परल समुदायहे अधिकार डेहे नइसेक्ना प्रमाणित हुइल बा ।’


