थारु समुदायमे अँट्वारीके रौनक
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १२ भदौ । पश्चिम नेपालके थारु समुदाय अट्वारी टिहुवार घर घरमे मनैटी रहल बाटै । गैल बरस कोरोनासे प्रभावित बनल टिहुवार इ बरस जारी निशेधाज्ञा खुकुलो हुइलसंगे गाउँघरमे अँट्वारी मनाइल लागल हुइट ।
धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व बोकल टिहुवार शनिच्चरसे थारु समुदायमे अँट्वारीके रौनक छाइल बा । भाद्र शुक्ल पक्षके पहिल अँटवार अर्थात श्रीकृष्ण जन्माष्टमीपाछेक डुसरा अँट्वारहे अट्वारीके वर्त बैठ्ना परम्पराअनुसार थारु समुदाय अट्वारी मनैटी रहल बाटै ।
कैलारी गाउँपालिका वडा नम्बर ७ छटकपुर बसन्ता गाउँक स्थानीय विकाक चौधरी अन्य बरस कोरोनासे प्रभावित बनाइल अँट्वारी इ बरस आपन गाउँक अधिकांश घर अट्वारी मनैना बटैलै । अँट्वारीके सक्क तयारी फेन करसेकल उहाँ बटैलै । उहाँ अन्डीक पिठा, खरिया फुलौरीके लाग आवश्यक सरसमान, फलफुल समेत जुटासेकल बटैलै ।
दुई दिनसम मनैना अट्वारी शनिच्चरके मध्यरातमे दर (भिन्सर्या) खाके थारू समुदायके विधिवत रूपमे शुरुआत हुइना करल बा । अट्वारी मनैनाबारे थारू समाजमे टमान मत एवं धार्मिक विश्वास रहटी आइल बा ।
द्वापर युगमे पाँच पाण्डवमध्येके मन्झला भैया भीम थारू समुदायके एक जाने छाइहे ओहकान उपर हुइटी रहल अत्याचारसे मुक्त करल स्मरणमे अँट्वारके दिनभर भीमके नाउँमे व्रत बैठ्ना ओ पूजाआजा कैना चलन रहल बा । औरे थरि मत अनुसार भीम थारू राजा दंगिशरणहे युद्धमे सहयोग करल कारण ओहकान पूजाआजा, व्रत बैठ्ना चलन रहटी आइल बा ।
भीम नेपालके सुर्खेत जिल्लामे रहल काक्रेबिहार घुमे आइल बेला शत्रुसे राजा दंगिशरण चौधरीउपर आक्रमण हुइल रहे । उ बेला रोटी पकैटी रहल भीम काम छोरके भोकभोके राजा दंगिशरणहे सहयोग करल रहिट ।

दंगिशरण शत्रुउपर विजय प्राप्त करल उहे दिनसे हरेक बरस भीमके पूजाआजा कैना चलन चलल् थारू समुदायके विश्वास रहल बा । अट्वारीमे दादाभैया दिदीबहिनीयाके रक्षाके कामना कैटी पानी समेत नैपिके दिनभर निर्जल, निराहर व्रत बैठ्ना करठै ।
अँट्वारके दिनभर व्रत बैठके दादाभैया साँझके पूजापाठ कैके फलफूल ओ अन्दीक रोटी खैना करठै । वर्त बैठल बर्तालुहुुक्रे फलफूललगायतके पकुवान खैनासे पूर्व आपन खानासे आधा भाग निकारके अलग रख्ना प्रचलन रहल बा । ओइसीक छुट्याइल परिकार विवाहित छाइचेलीहे कोसेलीके रूपमे उपहार डेना चलन रहल बा ।
अट्वारीके डुसरा दिन अर्थात सोम्मारके सकारे पतौला खरिया, खुर्मा, फुलौरी, भात, गब्दा ओ तामासहितके टिनाटान ओ सात मेरके टमान परिकार तयार कैके ब्रतालुहुक्रे नुहाइधुवाइ पूजापाठ कैना करठै । पूजापाठपाछे ब्रताल आपन खानाके परिकारसे आधा भाग दिदीबहिनीयाके लाग छुट्याइलपाछे भोजन कैना चलन रहल बा । सोम्मारके सकारेक भोजनहे थारु भाषामे ‘फ्राहार’ कहिजाइठ् ।
आघेक दिन अँट्वार ओ डुसरा दिन सोम्मारके ब्रतालु दादाभैया आपन खैनासे पहिलेक दिदीबहिनीयाके लाग कहारल फलफूल तथा खानाके परिकार विवाहित छोरीचेलीबेटीहे डेहे जैना चलन रहल बा । छाइचेलीहे बरसभरके सम्झनास्वरूप पठैना कोसेलीहे ‘अग्रासन’ कहिजाइठ् ।
विवाहित छाइचेली दादाभैयाहुक्रे आपन भागसे दिदीबहिनीयाके लाग राखल खानाके परिकारलगायतका पकवानसहितके कोसेली आइ कहिके दिदीबहिनीया दादुभैयनके अस्रा लागके बैठल रहठै । बरसभर लहेर आइ नैपाइल दिदीबहिनीयाहुक्रे इ टिहुवारके अवसरमे दादुभैयनसे भलाकुसारी कैना मौका पैठै । अट्वारी टिहुवार पश्चिम नेपालके कञ्चनपुर, कैलाली, बर्दिया, बाँके ओ दाङ जिल्लाके थारू समुदाय मनैना करल बाटै ।
अँट्वारीमे सार्वजनिक विदा
कुछ बरस यहोर अँट्वारी टिहुवारमे प्रदेश सरकार लगायत थारु बाहुल क्षेत्र रहल स्थानीय तह फेन सार्वजनिक विदा डेना करल बा ।
थारु संघ संगठन लगायत थारु अगुवाहुक्रे थारु समुदायके टरटिहुवारमे सार्वजनिक विदा माग सहितके आवाज उठाइलपाछे सार्वजनिक विदा डेहे लागल हो । इ बरस फेन सुदूरपश्चिम प्रदेशसे अँट्वारी टिहुवारके अवसरमे इहे भदौ १२ गते थारु बहुल क्षेत्र कैलाली ओ कञ्चनपुरमे सार्वजनिक विदा डेले बा ।
ओस्टके लुम्बिनी प्रदेश फेन दाङ, बाँके, बर्दिया लगायतके जिल्लामे एक दिन सार्वजनिक विदा डेना निर्णय करले बा । कलेसे कैलाली कञ्चनपुर लगायत दाङ, बाँके, बर्दिया जिल्लामे थारु बहुल क्षेत्र रहल स्थानीय तहसे अँट्वारीमे दुई दिन स्थानीय बिदा डेना करल बाटै ।
कैलालीके कैलारी, जोशीपुर, भजनी ओ कञ्चनपुरके बेलौरी, पुर्नवास लगायतके स्थानीय तहसे दुई दिन विदा डेटी आइल बाटै ।


