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अभिन २० प्रतिशत मुक्त हलिया पुनस्र्थापनाके पखाईमे

पहुरा | २० भाद्र २०७९, सोमबार
अभिन २० प्रतिशत मुक्त हलिया पुनस्र्थापनाके पखाईमे

पहुरा समाचारदाता
धनगढी,२० भदौ ।
हलिया मुक्तीके १४ औं बरस पुग्लेसेफे अभिनसम २० प्रतिशत पुनस्र्थापनासे बन्चित रहल राष्ट्रिय मुक्त हलिया समाज महासंघ नेपाल जनैले बा ।

सोम्मारके रोज धनगढीमे आयोजित पत्रकार सम्मेलनमे महासंघके केन्द्रीय अध्यक्ष ईश्वर सुनार सरकार २०६५ साल भदौ २० गते पाँच बुँदे सहमति सहित मुक्त हलियाके घोषणाके करल मने सम्झौताके कार्यान्वयन नइकरल बटैलै । मुक्तहलिया पुर्नस्थापनाके अवस्था हेरेबेर नेपाल सरकारसे प्रमाणिकरण हुइल १६ हजार ९५३ घरधुरी मन्से १३ हजार ५४६ घरधुरी पुनस्र्थापनाके प्याकेज प्राप्त करल उहाँ जनैलै । पुनस्र्थापना प्याकेज पाइलमन्सेफे ९ प्रतिशत घरधुरी पुनस्र्थापनाके अन्तिम किस्ता रकम पाई नइससेकल अध्यक्ष सुनार जनैलै ।

अभिन २० प्रतिशत मुक्त हलिया पुनस्र्थापनके पखाईमे रहल बटै,’ महासंघके अध्यक्ष सुनार कहलै, ‘नेपाल सरकार प्रतिवद्धता करल पुनस्र्थापनाके समयावधी नम्मा हुइटी जाईबेर पुनस्र्थापनाके पर्खाइमे रहल मुक्त हलियाके बसोबासके उचित व्यवस्थापन हुई नइसेकल हो । बाँधा श्रमसे मुक्त हुइल १४ वर्ष विटलेसेफे मुक्तहलिया सम्मानित जीवन व्यतित करे नइसेकल हुइट । टमान मुक्तहलिया परिवार फेरसे हलिया बैठना बाध्य हुइल बटै ।’

मुक्त हलिया दिवसहे हलिया समुदायसे उत्साह, उमङ ओ खुशीयालीके साथ मनाई पर्ना घडीमे नेपाल सरकार ओ हलिया महासंघ बिच हुइल ५ बुँदे सम्झौताके भावना ओ मर्म अनुरुप हलिया पुनस्र्थापनाके कार्यमे अपेक्षाकृत रुपमे प्रगती हुई नइसेक्के १४ औं मुक्तहलिया दिवसहे प्राप्त उपलब्धीके रक्षा करटी थप अधिकारके लाग संघर्षके रुपमे मनैटी रहल अध्यक्ष सुनार बटैलै ।

महासंघसे तत्कालिन समयमे लगतमे नाउँ छुटल मुक्त हलियाके पहिचान हुई नइसेकल हलिया पुनस्र्थापनाके साथे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगारी, दिगो जिविकोपार्जन, सामाजिक सशक्तिकरण ओ समावेशीकरण सम्बन्धी मुद्दाहे सरकारसे विशेष प्राथमिकतामे धारके प्रभावकारी रुपमे कार्यान्वयन कैना माग करले बा ।

संघीय सरकारसे हलिया महासंघके समन्वयमे मुक्त हलिया, कमैया, कम्लहरी तथा हरवा चरवा समुदायके अवस्था अध्ययन कैना ५ सदस्यीय वस्तुस्थिति अध्ययन समिति गठन करके सुमदायसे भोग्टी रहल समस्याहे सम्बोधन कैना प्रयत्न स्वरुप २०७९ सावन २ गते संघीय सरकारसे मधेश प्रदेशमे बँधुवा मजदुरके रुपमे काम करटी रहल हजारौ हरवा–चरवा समुदायके मुक्तिके घोषण करल समितिके सदस्य सविधानसभा सदस्य हरि श्रीपाइली बटैलै ।

१४ औ मुक्तहलिया दिवसको सन्दर्भमे हुइल पत्रकार सम्मेलनमे उहाँ संघीय भुमिव्यवस्था, सहकारी तथा गरिवी निवारण मन्त्रालयसे गठन करल ५ सदस्यीय वस्तुस्थिती अध्ययन समितीके प्रतिवेदनहे तत्काल कार्यान्वयनके प्रक्रियामे लैजैना ओ मुक्तहलिया समुदायके दीगो ओ न्यायोचित पुनःस्थानपनाके लाग तीनु तहके सरकारसंग जोडदार माग करलै ।
पत्रकार सम्मेलनके मुक्तकमैया आन्दोलनके अगुवा यज्ञराज चौधरी, कौशिला चौधरी, बालाराम भट्टराई लगायतके सहभागिता रहे ।

‘पुनःस्थापना कैना नाउँमे मुक्त हलियाहे धोखा’

मुक्त हलियाहुकनके पुनःस्थापनाके नाउँमे सरकार १४ बरससे धोखा डेटी आइल एक कार्यक्रमके सहभागीहुक्रे बटैले बटै ।
१४औं मुक्त हलिया दिवसके सन्दर्भके मुक्त हलियाके समस्या ओ राज्यके दायित्व विषयक सोम्मारके रोज धनगढीमे हुइल प्रदेश स्तरीय अन्तर सम्वाद कार्यक्रमके सहभागीहुक्रे उ बाट बटवाइल रहिट । सुदूरपश्चिम प्रदेशके प्रदेश प्रमुख देवराज जोशी सरकार ओ मुक्त हलिया विच हुइल सहमति कार्यान्वयन नइहुइना दुर्भाग्यके बाट रहल बटैलै ।

उहाँ कहलै, ‘१४ बरससम टमान सरकार परिवर्तन हुइल, व्यवस्था परिवर्तन हुइल बा । नेपाल सरकारसे प्रमाणिकरण हुइल मन्से अभिन पुनःस्थपनासे बञ्चित हुइना दुःखके बाट हो ।’ प्रदेश प्रमुख जोशी अवसिक चुनावमे मुक्तहलियाके लाग काम कैना व्यक्तिहे चुन्ना आग्रह करटी अपन क्षेत्राधिकारसे हुइना सहयोग कैना बटैलै ।

सविधान सभा सदस्य हरिश्रीपाइली मुक्त हलिया १४ बर्षसम आश्वासन केल पाइल कहटी न्यायिक पुनःस्थापनाके लाग निरन्तर आन्दोलन आघे बहै्रना बटैलै । उहाँ कहलै, प्रदेश सरकार पाँच बरसमे ६७ ठो कानून बनाइल मने मुक्त हलिया, कमैया, कमलरीके लाग पेश हुइल ऐन पास करे नइसेक्ना दुःखके बाट रहल बटैलै ।

मुक्तकमैया अभियन्ता यज्ञराज चौधरी सरकार मुक्त हलिया, कमैया, कमलरीके मुद्दामे सम्बेदनशिल नइरहल बटैलै । उहाँ कहलै, ‘कमैया मुक्तीके २२ बर्ष, कमलरी मुक्तीके १८ बर्ष, हलिया मुक्तीके १४ बर्ष हुइल बा । परम्परागत दासत्वसे मुक्ति हुइलसेफे ओइने चरम गरिवी ओ स्रोत साधनमे पहुँच नइहुके ढेर परिवार शहरीया मजदुरके रुपमे परिणत हुइल बटै ।’

कार्यक्रममे मुक्त हलिया, कमैया अभियन्ता बालाराम भट्टराई प्रदेशके पाँच बर्षे कार्यकालमे मुक्त हलिया, कमैया, कमलरी, बादी समुदायके मुद्दा कबु नइबनाइल बटैलै । प्रदेश सरकारसे बनाइल ६७ ठो कानून मन्से १० ठो केल जनजिविकाके सम्बन्धित रहल उहाँ जनैलै । उहाँ सरकार संघीयताके मर्मफे विस्राइल आरोप लगैलै ।

मुक्त हलिया अभियन्ता कौशिला दमाई हलियाके मुक्ती हुइल १४ बरस विटलेसेफे पिडा जस्टेक टस्टे रहल बटैली । उहाँ कहली, मुक्त हलियाहुकनहे भोट बैंक केल बनाइल मने ओइनके पक्षमे कोई नेता नइलागल हुइट । जेकर कारण मुक्त हलिया अभिन जमिनदार हाली जीवन विटैना बाध्य बटै ।’

मुक्तकमैया महिल विकास मञ्चके अध्यक्ष कौशिला चौधरी मुक्त कमैया, हलिया, कमलरीके पुनस्र्थापनाके काम अभिन बाँकी रहल मने सरकार बजेट विनियोजना करे छोरल बटैली । प्रदेश ओ स्थानीय सरकार मन्दिरके करौडौके बजेट छु५याइल मने मुक्तकमैया, हलिया, कमलरीके लाग अक्को रुप्या नइछुटाइल उहाँ बटैली । भुमिहिनहे जग्गा डेहक लाग गठन हुइल भुमि आयोगफे मुक्तकमैया, हलियाहे विभेद करटी ओइने बैठल जग्गामे नापजोख नइकरल उहाँ बटैली ।

मुक्त हलिया बाजुराके संस्थापक सचिव हिक्मत भुल पहिले साहु गोठमे बैठकेफे सुखके निद सुटल मने अब्बे मुक्तीपाछे ढेर हलिया घरवार विहिन हुइल बटैलै । मुक्तीपाछे अधिया हलियाके रुपमे काम कैना बाध्य रहल उहाँ बटैलै ।

कार्यक्रममे पत्रकार मनमोहन स्वाँर, मिलन परियार, पत्रकार महासंघ बाजुराके अध्यक्ष छक्क मल्ल, एनएनडिएसडब्लुओके अध्यक्ष चक्र विकलगायत अपन बाट राखल रहिट । कार्यक्रममे राष्ट्रिय मुक्त हलिया समाजके महासंघ नेपालके कार्यकारी निर्देशक हरिसिंह बोहरा मुक्त हलियाके अवस्थाबारे कार्यपत्र प्रस्तुत करले रहिट ।

कार्यक्रम राष्ट्रिय मुक्त हलिया समाजके महासंघ नेपालके केन्द्रीय अध्यक्ष ईश्वर सुनारके अध्यक्षतामे हुइल रहे । कलेसे संचालन महासचिव राजुराम भुल करले रहिट । कार्यक्रमके आयोजना राष्ट्रिय मुक्त हलिया समाजके महासंघ नेपाल लगायत टमान संस्थासे कैगिल रहे ।

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