बैंक जग्गा धितोमे नैलेहठ
पहुरा समाचारदात
धनगढी, २८ भदौ । असौ खेतुवक कित्ता लडियक यिपार बा, औरे साल कटान हुके उपार पुगजाइठ । यी पीडा हो, सीमाके रखवारी करटी परापूर्वकालसे कञ्चनपुर पुनर्वास नगरपालिका–७, परासन बस्तीमे बसोबास करटी आइल आदिवासी जनजाती रानाथारु समुदायहुकनके ।
सीमापारसे हाठी लगायत जंगली जानवर दिनहँु आतांक मचैटी आइल बटै, रोजना जैसिन एक ना एक पलाट धानवाली खाके चलजैठै रामबहादुर राना कहलै ।
यहोर दोदा लडिया कटान पटान ओ बालीनाली डुबान वर्षे पिच्छे करटी आइल बा,’ उहाँ कहलै, ‘आज यी खेतुवा यिपार बा, अइना साल दोदा लडियासे कटान करके कित्ता उपार पुगाडेहठ । धानवाली मजा हुइलेसेफे कटान, पटान ओ डुबानसे सखाप हुजाइठ ।’
गैल बरस बेमौसमी बाढसे हुइल हुवाइल धानबाली घर भित्रयाइ नइपैटी दोदा लडियामे पुहल पीडा सम्झटी ओकरसंगे गोहुँवालीफे लगाई नइपाइल, गन्नाबालीफे निकर्ना एकदम अप्ध्यारो हुइल रामबहादुर पीडा सुनैठै ।
राना कहलै, ‘हमार थेन जग्गाके लालपुर्जा बा, लालपुर्जावाला जमिन बैंक धितो नइधारठ । हम्रे कौनो व्यापार, व्यवसाय करे खोज्लेसेफे बैंकसे पैसा लेहे नइपैठी । हमारठे और कुछ विकल्प नइहो । भैभरके सम्पति कहलेसेफे उहे जग्गाके लालपुर्जा हो ।’
परासनबासी रामदुलारे राना दोदा लडियामे तटबन्ध करलेसे डुबान ओ कटानसे बाँच्न कहटी नगरपालिकाहे तटबन्धके लाग माग करटी आइल बटैठै । उहाँ कहलै, ‘मोरफे अब्बे पाँच विघा जमिन कटानमे बा । कुछ खेती लगाइ नैपैले हुँ । नम्बरी जग्गा विगतमे कटान हुइल । अब्बे कित्ता नइडेखा परठो । लडियक उपार गैलपाछे नम्बरी जग्गा ऐलानीमे परिणत हुइल बा ।’
पहिल दोदा कहाँ रहे, नक्सा हेरेबेर कुछ नइमिलठ । नापी शाखासे अमिन नन्लेसे ५/६ हजार रुप्या खर्च हुजाइठ । यैसिन समस्यामे बटी, राना कहठै ।
दोदा लडिया बर्षेणी कटान तिब्र बनैटी नम्बरी जग्गा भारतओर मिलैटी गैल, अपन खेतुवा जोटेबेरफे अपनहे प्रहरी प्रशासनके डर बा, तारादेवी राना कहठी । बैंकमे धितो धारेबेर बोर्डरके जग्गा धितोमे कहाँ धारे मिली कहटी लौटाइल उहाँ बटैठी । तारादेवी कहली, ‘परासन बस्ती चारुओरसे घेराबन्दीमे बा । एक ओर सीमा पारीके जंगली जनवारसे प्रभावित बटी । दुसरओर खेती कैना जमिनमे दोदा लडिया बहटा । अब्बे जीवन धन्ना अप्ध्यारो हुगैल बा ।’
दोदा लडियक कारण परासनबासी बनवारी रानाके पीडा और दुखद बटीन । मोर छाई यी क्षेत्रके टप विद्यार्थी रहे, ओकर चाहना कलेक एमविविएस कैके डाक्टर बन्ना रहिस,’ उहाँ कहलै, ‘छाई प्लस टु पास हुइलपाछे मै काठमाण्डौ लैगिनु । २०६६/२०६७ सालके बाट हो, काठमाण्डौके नेम्स कना ठाउँमे एमविविएस पह्रना कटरा लागठ कहिके पुछेबेर, महीहे ४० लाख लग्ना बटागिल ।’
बनवारी कहलै, ‘मै सोच्नु जग्गा धितो ढारु कलेसे बैंक नइलेहठ । छाईके कैसिक पह्रैना हो टे ? जग्गा बैंकमे धारके लोन नइपाइलपाछे छाईक एमविविएस पह्रना सपना अधुरा हुइल ।’
एमविविएस पह्रैना पैसा नइहुइलपाछे फार्मेसीके कोर्ष पुछेबेर १६/१७ लाख कहलपाछे छाईहे इण्डियामे पहै्रनु वहाँ ४ लाखमे कोर्ष पुरा हुइल बनवारी कहलै । इण्डियासे छाई वि.फार्मेसीमे मजा करलपाछे वहाँक उपराष्ट्रपतिसे गोल्ड मेडलसे सम्मानितफे हुइल अनुभव सुनैलै । अब्बे एम. फर करके पिएचडीके लाग अमेरिकामे रहल उहाँ बटैलै ।
पुर्खौली सम्पतिके नाउँमे ३ विघा जमिन बा । यहाँ सीमा तथा दोदा लडिया प्रभावित हुइलक कारण छाई सपना पुरा करे नइसेक्नु, बनवारी कहलै ।
पुनर्वास नगरपालिकाके योजना अधिकृत शंकर बोगटी सीमामे जंगली जनावरसे धानवाली बचाइकल विद्युतिय तारवारके अवधारणा नानल बटैलै । नदि कटानके विषयमे तटबन्धके लाग केन्द्रीय सरकारहे गुहारे पर्ना अवस्था रहल उहाँ बटैठै । उहाँ कहलै, ‘हम्रे तटबन्धके लाग पाँच करोडके परपोजल डरले रहि मने यी बर्ष तटबन्धके लाग १ करोड ३० लाख सम्बोधन हुइल बा ।’ परासनबासी सीमा तथा दोदा लडिया प्रभावितहुकनहे नगरपालिकाके समन्वय रख्नाफे योजना अधिकृत बोगटीके आग्रह बा ।
राष्ट्रिय मानव अधिकार आयोगके सुदुरपश्चिम प्रदेश संयोजक मोहनदेव जोशी सरकार जनताके कर उठाइल कारण माग, समस्या समाधानके उपाय खोज्ना जरुरी रहल बटैठै । मानव अधिकार आयोगके काम नागरिकहुकन संविधानसे डेहल अधिकार मिलल बा की नइहो कना पहरेदारके रुपमे भूमिका निभैना रहलफे संयोजक जोशी बटैठै । पुनर्वास नगरपालिकामे बन्ना योजना, नीति तथा कार्यक्रममे मानव अधिकारमुखी विकास पद्धतिसे जोरटी सरोकारवाला निकायहे प्रत्यक्ष सहभागिता करैना अनिवार्य रहल उहाँ बटैठै ।
खाद्य अधिकारके क्षेत्रमे कार्यरत संस्था फियान नेपालके सुदूरपश्चिम प्रदेश संयोजक मुकुन्द राना सीमा तथा दोदा लडिया प्रभावित परासनबासीहुकनहे स्थानीय सरकारसे निरन्तर समन्वय सहकार्य बह्रैना जरुरी रहल बटैठै ।
समस्याबारे जानकारी करैलेसे स्थानीय सरकारसे अपन सेक्ना माग पुरा उहाँ बटैठै । कञ्चनपुर जिल्लाके पुनर्वास–७ परासनमे सीमा तथा दोदा नदि प्रभावित खाद्य अधिकार समूहफे गठन हुइल बा ।


