डसैंहा घर पोट्ना माटि अभाव
पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १४ कुँवार । कैलारी गाउँपालिकाके वडा नं. ७ के रजनी चौधरीके घर बाढसे सक्कु भत्कैले बा । डशै लच्क्याइलमे उहाँहे घर लिपपोत कैना हटार हुइल बा ।
उहाँ कहली, ‘पहिले निर्वाधरुपसे बनुवासे माटी लानी ओ लिपपोत सहज रुपमे करी । मने अब्बे सामुदायिक बनुवा माटी लाने नैडेहठ् । नुकछिपके ठोरठोरचे माटी लैजाके लिपपोत कैठी ।’
ओहकान अनुसार इ बरस बाढसे सक्कु घर भत्काइलपाछे सामुदायिक बनुवा एक दिनके लाग माटी खोलल् रहे । जौन कारण उहाँ सक्कु काम छोरके हटार हटारमे माटी बोकट रही ।
ओहकानसँगे आइल राशी फेन डशैमे आपन घरहे चिटिक्क पारक लाग डल्लब लेके माटी लेहे आइल बटैली । घर सक्कु भत्कल ओरसे इ बरस ढिउर माटी प्रयोग हुइना उहाँके कहाइ रहे । ‘डशै डेवारीक बेला देवीदेउताहे ढारक लाग डिहुरारसे पुरे घर लिपपोत करे परठ्, औरे कार्यके लाग फुर्सद नैहो, डशै अँगनामे आसेकल बा, घर लिपपोत नैकैलेसे औरेजाने खिज्झोइँठा ।’
परम्परागत रूपमे थारू समुदायमे औरे बेला घर लिपपोत नैकैलेसे फेन डशैके लाग अनिवार्यरूपमे लावा माटीसे घर लिपपोत कैना चलन रहल बा । जेउँरा ढर्ना कोठासे पूरै घर लिपपोत करे पर्र्ना पुराने चलन हो । स्थानीयवासी मीना चौधरी इहीहे अब्बे फेन जीवन्त राखल बटैठी ।
लावा माटीसे घर लिपपोत कैना, सफा सुग्घर बनैना, नयाँ आगीसे डिहुरारमे बत्ती बर्ना चलन रहल बा । इ थारू समुदायके संस्कृतिसँग जोरल ओरसे बचैना प्रयास करल मीना बटैली ।
माछापालनके कारण घर लिपपोतके लाग आजकल टलुवामे माटी नैमिलठ् । ओहेमारे यहाँके स्थानीय सामुदायिक वनसंग अनुमति मागलपाछे वनसे एक दिनके लाग माटी खोलल् उहाँ बटैली ।


