बंगुरमे स्वेन फिबर भाइरस डेखा परल

बंगुरके मासु ओहोरदोहोर नइकैना÷नइकरैना आग्रह
पहुरा समाचारदाता
हसुलिया, १४ कुवाँर । कैलालीके कैलारी गाउँपालिकामे बंगुरमे क्लासिकल स्वेन फिबर भाइरस पोजेटिभ डेखल परल बा ।
वडा नम्बर १ रानामुडास्थित सम्झना पशुपति तथा तरकारी फर्मके बंगुरके नमुना परिक्षण करेबेर क्लासिकल स्वेन फिबर भाइरस पोजेटिभ डेखल गाउँपालिकाके पशु सेवा शाखाके पशु चिकित्सक सुर्य प्रसाद चौधरी बटैलै ।
उहाँ कहलै, उ फर्मके बंगुर विमार परे लागलपाछे चेकजाँचके लाग गाउँपालिकाके पशु सेवा शाखामे सम्पर्क करल रहिट । हम्रे उ बंगुर खोरेत तथा सिमा विहिन पशु रोग अन्वेशन प्रयोगशाला चपली, बुढानिलकण्ठ काठमाण्डौमे पठैले रही ।’
उ प्रयोगशालाके पत्र संख्या २०७९÷०८० के चलानी नम्बर १२३, कुवाँर १३ गतेक पत्र अनुसार उ फर्मके बंगुरमे क्लासिकल स्वेन फिवर भाइरस पोजेटिभ डेखल पशु सेवा शाखाके पशु चिकित्सक चौधरी बटैलै ।
गाउँपालिकाके अध्यक्ष राजसमझ चौधरी क्लासिकल स्वेन फिबर भाइरस पोजेटिभ डेखा परल ओरसे मुवल बंगुर, छेगरी, मुरगी लगायत मासुजन्य जनावरके शिकार नइखैना आग्रह करलै ।
उहाँ कहलै, ‘बहुट जैसिन मनै घरेम सुव्वर, छेगरी, पालल मच्छरी मुगैलेसे खाडरठै । अब्बे क्लासिकल स्वेन फिबर भाइरस पोजेटिभ डेखा परल बा । उहीसे मनैनके स्वास्थ्यहेफे असर पर्ना ओरसे सचेत अपनैना जरुरी बा ।’
उहे विच कैलारी गाउँपालिकासे बंगुरके मासु ओहोरदोहोर नइकैना÷नइकरैना शुकके रोज सक्कु वडामे पत्रचारफे करले बा ।

क्लासिकल स्वाइन फिबर का हो टे ?
क्लासिकल स्वाइन फिबर स्वाइनके अत्यधिक संक्रामक भाइरल रोग हो जौन एक्युट, सबएक्युट, क्रोनिक वा लगातार रूपमे हुइठ । तीव्र रूपमे रोग उच्च जुरी, गम्भीर अवसाद, बहु सतही ओ आन्तरिक रक्तस्राव, उच्च रोगिता, मृत्यु दर यकर विशेषता हो । पुरान रूपमे अवसाद, एनोरेक्सिया, ओ जुरीके लक्षण तीव्र रूपसे कम गम्भीर बा ।
शास्त्रीय स्वाइन फिभर एक अत्यधिक संक्रामक, सम्भावित घातक भाइरल रोग हो । जे सुँगुरहुकनहे असर करठ । यी रोग आदिवासी जनजातिहुकनके सुँगुर पालन प्रणालीके विकासके लाग प्रमुख बाधा हो । जहाँ अधिकांश घरपरिवारहुकनके जीविकाके मुख्य स्रोत सुँगुर पालन हो ।
