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कानूनसे भारी धामीझाँक्री हुइलपाछे ब्यूँउटल छाउप्रथा

पहुरा | १२ कार्तिक २०७९, शनिबार
कानूनसे भारी धामीझाँक्री हुइलपाछे ब्यूँउटल छाउप्रथा

पहुरा समाचारदाता
बाजुरा, १२ कार्तिक ।
बाजुरामे पछिल्का समय फेर छाउप्रथा ब्यूउटलपाछे धमाधम छाउगोठ फेरसे निर्माण हुई लागल बा ।
स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रहरी लगायतके सहकार्यमे बाजुरामे २०७६/७८ साल माघमे झण्डे पाँच सयसे ढेर छाउगोठ भत्कैले रहिट । छाउगोठ भत्कैना अभियान सेलैटी गैलपाछे धामीझाँक्रीके डरमे गाउँमे फेरसे धमाधम छाउगोठ निर्माण हुई लागल स्थानीय महिला बटैठै ।

बूढीगङ्गा नगरपालिका–१० के कविता विक, कानूनसेफे गाउँके धामीझाँक्री भारी हुइलपाछे गाउँमे धमाधम गोठ निर्माण हुई लागल बटैली । उहाँ कहली, ‘कुछ वर्ष पहिले गाउँमे छाउगोठ भत्कैना अभियानसे घरके कोठामे बैटना करल रही । अब्बे अभियान सुस्त बनलपाछे छाउप्रथाफे ब्यूँउटटी गैल । ओ महिनावारी हुइल समय महिलाफे धमाधम छाउगोठमे बैठना बाध्य हुइल बटै ।’

जिल्ला प्रशासन कार्यालय बाजुराके पहलमे प्रहरी प्रशासन तथा स्थानीय निकायसे सुरु करल छाउगोठ भत्कैना अभियानहे यहाँके ढेर महिला महिनावारी हुइल बेलामे घरमे बैठटी आइल रहिट ।

पछिल्का समय उ अभियान बहुट सुस्त हुके सक्कु महिला छाउगोठमे बैठे लागलपाछे फेर अब्बे धमाधम छाउगोठ निर्माण हुई लागल हुइट । यैसिक अब्बे छाउगोठ निर्माण हुई लागलपाछे महिनावारी हुइल समयमे महिला फेर पाँच दिनसम उ गोठमे बास बैठना करल बटै ।

अभियानसे घर लग्गे बैठना सहज बनाइल उ महिलाहे गाउँके धामिझाँक्री घरमे छुइ करल कहटी रिसाई लागलपाछे ओइने महिनावारी हुइल समयमे पाँच दिन सम फेर छाउगोठमे बैठना बाध्य हुइल विक बटैली ।

बाजुरामे फेर यी छाउप्रथा कायम हुईबेर अब्बे महिलाहुक्रे महिनावारी हुइल बेलामे हिउँदके जुर ओ बर्खाके हिलामे बैठे पर्ना बाध्यता बा ।

यी बाध्यता बूढीगङ्गा नगरपालिका–१० के विकके केल नाही बाजुराके और स्वामिकार्तिक, जगनाथ, बूढीनन्दा, त्रिवेणी बडिमालिका, बूढीगङ्गा, खप्तड छेडेदह गाउँपालिकाके महिला डिडीबहिनीयाहुकनके व्यथाफे ओस्टे हो ।

यहाँके अधिकाशं महिला महिनावारी हुइल बेला छाउगोठमे बैठेबेर अकालमे ज्यान गुमैटी आइल बटै । कलेसे कयौँ महिला डिडीबहिनी निमोनिया, दम, हात गोर बठैना, लगायत रोगके शिकार हुइटी आइल बटै ।

बूढीगङ्गा नगरपालिका–१० के पुजा रावत, महिनावारी हुइल बेला जुर ठाउँमे सुटल आमेरसे अब्बे दमके बिरामी हुइल बटैठी ।
उहाँ कहली, ‘कबु टे मै महिनाके दुइ चो महिनावारी हुँइठु, जुरारके समयमे दश÷दश दिनमे गोठमे सुटे पर्ना हुइल ओरसे महीहे जुराके कारण दम, हात गोर सुजन हुइना जैसिन रोग सुरु हुइल ।’

गाउँमे अभियान सुरु हुइल बेलामे घरेक कोठामे सुटेबेर कुछ आराम हुइल रहे । फेर गाउँमे देवता रिसाइल कहिके छाउगोठमे सुटे लग्ली, ओ यी रोगसेफे विस्तारे भारी रुप लेहल रावत बटैठी ।

प्रहरी प्रशासन स्थानीय सरकारसे टे महिला महिनावारी हुइल बेलामे छाउगोठमे सुटे नइपरठ कहठै । मने गाउँमे धामीझाँक्रीके कारण अब्बे फेर छाउँगोठ निर्माण हुइटी बटै । कानूनसे धामीझाँक्री भारी हुइलपाछे अब्बे ओइनके रोहवरमे छाउगोठमे बैठना बाध्य हुइल बटैठी ।

स्थानीय सरकारसे छाउप्रथाके अन्त्य करेक लाग बाजुरामे टमान कार्यक्रम सञ्चालनमे नानलपाछेफे धाँमीझाँक्रीके कारण अब्बेसम्म प्रथा भर कायममे बा ।

उ प्रथाके कारण अब्बेसम्म यहाँके टमान महिला महिनावारी हुइल बेलामे छाउगोठमे बैठना बाध्य हुइल बटै ।

गाउँमे दुइ वर्ष पहिले अभियानकर्तासे भत्काइल उ छाउगोठ अब्बे फेर गाउँमे धमाधम सुरु हुई लागल बटै ।

छाउप्रथा कुप्रथा हो, यी प्रथाके अत्य हुई परठ कहठी टमान सरकारी गैर सरकारी संस्था अभियानमे लग्लेसेफे गाउँके वयोवृद्ध धामीझाँक्रीहुकनके कारण यी प्रथाके अन्त्य हुई नइसेकल ।

देउता रिसाइल कहटी महिलाहे छामीझाँक्रीसे दबाद डेना करल ओरसे यी प्रथा अभिनसम कायम रहल सामाजिक अभियन्ता मनिसा रावतल बटैठी ।

उहाँ कहली, ‘महिलाके कुछ दोष नइहो । उहाँहुक्रे महिनावारी हुइल बेलामेफे घरेम बैठठै । गाउँमे धामिझाँक्री रिसाई लागलपाछे ओइने उ डरके कारण केल महिनावारी हुइल बेलामे बाहेर बैठे लागल बटै ।’

जिल्लाके बूढीगङ्गा नगरपालिकाके कुँडी, डुँग्री, अम्कोट, बह्रमतोला, नडाग, खेतकोट, बजेडी, मुस्तोला,बसाली ताँप्रा, निमोनी, बोरावाडा, नुवाँघर, कोटवाडा, देनसायल, थुमा, बानेगाउँ सायल, झाली, खारेखेत,सिमलकोट, बायल, देउलीसैन, सेरालवाडा, बासुरेर किम्नी, डुग्रीतोला, नुवाकोट, सिगाडा, झण्डारगाउँ, देउमाण्डौ, बदेडा तीमाडा, सेलापाखा ओ जुवापानी लगायतके गाउँमे और ठाउँसे ढेर छाउप्रथा कायमे रहल बा ।

यी गाउँके अधिकाशं महिला पहिलेसे अभिनसम छाउँगोठमे बैठटी आइल बटै । उहाँहुकनहे छाउप्रथा गलत हो कना बाटके मजासे जानकारीफे बा । मने उहाँहुक्रे धामीझाँक्रीके डरके कारण छाउगोठमे बैठना बाध्य बटै ।

यी गाउँके कतिपय महिला छाउँगोठमे बालात्कृत समेत हुइलै, मनेफे देउताके डरके कारण ओइने मनमे त्रास बोक्के हुइलेसेफे छाउगोठमे सुत्न बाध्य हुइटी आइल बटै ।

यहाँके महिला महिनावारी हुइल बेलामे दुध, दही, महि जसिन पोषिला खैना चिजफे खाई नइपैठै ।

यी कुसंस्कारके कारण यहाँके महिला अब्बेफे छाउगोठमे सुत्न बाध्य हुइल बटै । यी प्रथा गलत हो कहलपाछे यहाँके पढल लिखल महिला ओ धामीझाँक्री यी प्रथा अँगल्टी आइलपाछे न्यूनीकरणमे तगारो बनल हो ।

२०७६ पुस २४ गते बाजुराके बूढीनन्दा नगरपालिकाका–९ के पाण्डुसैनके अगाउँपानीमे रहल छाउगोठमे सुटल बेला आगी उटमुटाके डाई ओ दुई छावा सहिट तीन जानेक ज्यान गैल रहे ।

यी घटना हुइलसंगे गृह मन्त्रालयसे बाजुराके प्रमुख जिल्ला अधिकारीहे निर्देशन पठाइलसंग्गे बाजुरामे छाउगोठ भत्कैना अभियान सुरु करल रहे ।

उ अभियान सुरु हुइदपाछे बाजुराके अधिकाशं महिला महिनावारी हुइल बेला आअपने घरके कोठामे सुत्ने करल रहिट ।

अब्बे उ अभियान सेलैटी आइलपाछे महिनावारी हुइल बेला महिला फेर छाउगोठमे बैठना बाध्य हुइलै ।

जिल्ला प्रशासान कार्यालय बाजुराके निर्देशनमे प्रहरी, जनप्रतीनीधि ओ स्थानीयसे छाउगोठ तथ्याङ्क सङ्कलन सुरु करल ।

२०७५/७६ सालमे १६८ ओ २०७६/०७७ मे ३४३ करके बाजुराके नौ स्थानीय तहमे झण्डै ५११ ठो छाउँगोठ भेटल रहे ।

जिल्ला प्रशासनके आग्रहमे गाउँमे भेटल उ छाउगोठहे जनप्रतिनिधि ओ स्थानीयके समन्वयमे सक्कु भत्काइल जिल्ला प्रहरी कार्यालय बाजुरा जनैले बा । छाउगोठ निर्माण हुइल ठाउँमे पुगके छाउप्रथा सम्बन्धित टमान जनचेतना मुलक कार्यक्रम सञ्चालन कैना जिल्ला प्रहरी कार्यालय बाजुराके प्रमुख सुर्यबहादुर थापा बटैलै ।

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