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एशियन व्यवस्थापन कलेज धनगढीसे पढाई कैना

पहुरा | १९ कार्तिक २०७९, शनिबार
एशियन व्यवस्थापन कलेज धनगढीसे पढाई कैना

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, १९ कार्तिक ।
काठमाण्डौके किर्तीपुरमे संचालन हुइटी एशियन व्यवस्थापन कलेज धनगढीसे पढाई कैना जनागिल बा ।

शनिच्चरके रोज धनगढीमे पत्रकारके सम्मेलनके आयोजना करके आबसे यी कलेजके पह्राई धनगढीसे हुइना जनागिल हो । त्रिभुवन विश्वविद्यालयसे मान्यता प्राप्त यी कलेज आबसे सुदूरपश्चिम प्रदेशके धनगढीसे पाठनपाठन कैना कलेजके अध्यक्ष रमेश पन्त बटैलै ।

तत्तकलिन समयके राजनीतिक सामाजिक अवस्थासे सुदुरपश्चिमके कुछ युवा तथा शिक्षाविदहुकनके सहयोगमे काठमाडौंके कीर्तिपुरमे कलेज सञ्चाल करल रही,’ अध्यक्ष पन्त कहलै,‘ यिहे वर्ष कुवाँर ५ गते विधिवत् रूपमे त्रिभुवन विश्वविद्यालयके कार्यकारीके निर्णय बमोजम यी कलेजहे हम्रे धनगढीमे स्थानान्तरण करके यिहे क्षेत्रसे सञ्चालनमे नन्ना निर्णय हुइल हो ।’

अध्यक्ष पन्त कहलै, ‘अब्बे सुदुरपश्चिम प्रदेशमे शिक्षाके अवस्था हेर्ना हो कलेस ढेर गुणात्मक रुपमे अघे बह्रल बा । मने प्राप्त शिक्षा ओ सिकाईहे रोजगार, विश्व बजारसंग जोरे नइसेकल हो ।’ सुदूर कोनुवासे एक्काइसौ शताब्दीके युग सुहाउदो आधुनिक शिक्षा प्रदान कैना अपनेहुक्रे एशियन व्यवस्थापन कलेज सुरु करल उहाँ बटैलै । २०६४ सालमे त्रिभुवन विश्वविद्यालयसंग समन्वय करके यी एशियन व्यवस्थापन कलेजके स्थापना करलफे उहाँ जनैलै ।

एशियन व्यवस्थापन कलेजसे व्यवस्थापन, वाणिज्य, वित्तीय क्षेत्रमे आमूल परिवर्तन नानेक लाग यी कलेजसे स्नातक तहमे विद्यार्थीनहे अध्यापन करके नेपालमे रहल औद्योगिक क्षेत्रमे दक्ष जनशक्ती स्थापित कैना योजना रहल जनैले बा ।

गुणस्तरीय शिक्षाके बजारमुखी रुपान्तरण करके देशसे रोजगारी सिर्जना कराके युवाजनशक्तिहे विदेश पलायन हुइना रोक्न यकर लाग स्नातक तह उत्तीर्ण करटी रहल बेला उद्योग, पर्यटन, होटेल, कृषि जैसिन क्षेत्रमे न्यून लागनीसे स्वरोजगार बनेक लाग स्थानीय सरकारके समन्वयमे सहजीकरण कैना कहल बा । कलेजसे मानविकी संकाय अन्तरगत सामाजिक कार्य अध्यनन ओ आमसञ्चार जैसिन विषय अध्यापन करैना कहले बा ।

ओस्टेक करके अमेरिकाके कोलोराडो स्थित डेनभर विश्वविद्यानसंग समन्वय करके विद्यार्थी आदानप्रदान ओ उ विद्यालयके प्राध्यापक आमन्त्रण करके शैक्षिक कार्यक्रम कैना कलेज पत्रकार सम्मेलनमे जनैले बा ।

गरिब जेहन्दार पिछरल वर्ग, दलित तथा अपांगहुकनके लाग पूर्ण छात्रवृत्तीके व्यवस्थाफे कैना, हरेक वर्ष बहुट गरिब, विपन्न विद्यार्थीहुकनहे निःशुल्क अध्यापन कैना कलेज कहले बा ।

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