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धनगढीके नेपथ्य कन्सर्टमे द्वन्द्वकालके सुदूरपश्चिम सम्झना

पहुरा | ४ पुष २०७९, सोमबार
धनगढीके नेपथ्य कन्सर्टमे द्वन्द्वकालके सुदूरपश्चिम सम्झना

पहुरा समाचारदाता
धनगढी, ४ पुस ।
जहोर टहोर जंगलके हरियाली अनि डुरसम पलटके पलट खेट्वामे हडियारे लाही फुलल् डेखजाइठ् । अन्यत्र पुसके ठिही सुरु होसेक्लेसे फेन कैलाली भर इ बेला असाध्यै अनुकूल हावापानीमे रमैटी रहल बा ।

इ अनुकूलता उ बेला द्वन्द्वकाल ओ भर्खरेक कोभिड महामारीपाछे चैनके साँस फेरटी रहल इ सिमावर्ती भेगमे महशुस करे सेकजाइठ् । सहरके एक कोन्वामे चल्टी रहल ‘सुदुरपश्चिम महोत्सव’से फेन स्थानीयके माझमे मधुर माहोल बनैटी रहल बा ।

इहे बिच नेपथ्यसे ‘मानवताके लाग संगीत’ नारा बोकके देशभर भ्रमण करटी रहल बेला अँट्वारके धनगढीमे आयोजित छैठौं कन्सर्ट फेन भब्य रुपसे सम्पन्न हुइल बा ।

द्वन्द्वकालमे बाहरके मनै अइना आउन संकोच मानेबर फेन बारंबार इ भेगमे आके गीत सुनैना नेपथ्यके चीर परिचित ध्वनी अँट्वारके साँझ फेनसे यहाँस्थित रंगशालामे फैलके हजारौं दर्शकहुक्रनके उत्साह मिश्रित आवाजसे डुर डुरसम प्रभाव फैलल् डेखगैल ।

सुरुमे दुइठो म्यूजिक भिडियो डेखैना साथ मञ्चमे चह्रल नेपथ्य टोली ‘आँगनैभरि हिउँनै झरे’ से धनगढीमे आपनहे प्रारम्भ करलै ।

डुसरा गीत रहे ‘भेँडाको ऊनजस्तो’। इ गीतसे मैदानमे नच्टी रहल दर्शकबीच तापक्रम उच्च होसेकल रहे कलेसे उहीहे निरन्तरता डेटी ब्याण्डसे ‘छेक्यो छेक्यो’ सुनाइल रहे । ब्याण्डके डुसरा एल्बम ‘हिमाल चुचुरे’मे अटाइल इ सर्वकालीक हिट गीतहे देशभरके श्रोताजस्टे धनगढी फेन ब्यापक स्वागत करल ।

ओकरपाछे एकघचिक गैना क्रमहे थामके ब्याण्डके मुख्य गायक एवं अगुवा अमृत गुरुङ सम्पूर्ण श्रोता दर्शकहुक्रनहे स्वागत करल रहिट ।‘अपनेनके धनगढीमे बैठेबर महिन मोर भेगके याद अइटी रहल बा । आब रोदीघर ओर लैजाइटुु’ कहटी उहाा ‘लामपाते सुरती’ प्रस्तुत करलै । ओकरपाछे कहलै ‘मीन पचास’ एल्बमके ओत्रे लोकप्रिय गीत ‘चरि म¥यो’ ओ ‘जोमसोमे बजारमा’ प्रस्तुत करल रहिट ।

‘नेपालभर मै जहाँ पुग्नु वहाँ सुन्दरता पैनु,’ अमृत थप्लै, ‘आब इ कैलालीजस्टे औरे मजा ठाउँ रुकुमओर लैजाइटु ।’
अइसीक कहलपाछे पाछेक समय नेपथ्य तयारपारल औरे लोकप्रिय गीत ‘शिरफूल शिरैमा’ गाके सुनाइल रहिट ।

कार्यक्रम अवधिभर गायक अमृत गुरुङ घरी घरी मानवसेवा आश्रमके उद्देश्यबारे बोलल रहिट । ब्याण्डके पुरान गीत ‘यो जिन्दगानी’हे आश्रममे आश्रितके तस्बिर सहितके दृश्यसे प्रस्तुत करल रहे ।

‘धने धन होके इ ठाउँहे धनगढी कहला हो?’ प्रश्न करसेकलपाछे उहाँ आघे कहलै, ‘उ धनमे मन मिलाके खुला हृदयसे मानवताके सेवा करी ।’

गायक गुरुङ चुनावपाछे फेनसे समाजमे एकताके आव्हान कैटी उहीसे नै स्थिरता ओ विकास डेना तर्क फेन राखल रहिट ।

कन्सर्टमे पहिल लहरमे बैठल नृत्यरत एक परिपक्व अनुहार फेन डेखजाए । उहाँ रहिट धनगढी ४ के सिद्धराज पनेरु ।
‘मै इहीसे आघे फेन नेपथ्यके कन्सर्ट हेरल रहुँ,’ उहाँ थप्लै, ‘इ बेर मानवसेवाके पवित्र उद्देश्य लेके इ कार्यक्रम आयोजना हुइल ओरसे झन रमाइलो लागल बा ।’

कन्सर्टके अन्त्यओर ‘गाउँ गाउँबाट उठ’ गैना सुरु करलपाछे धनगढी रंगशालामे दर्शकहुक्रनके गोर बजे लागल । उहीसे मैदानमे जमल ढुर उडके आकाश छेक्ना जस्टे उप्पर उडट डेखजाए ।

‘हम्रे बरवार लडाइँ डेख्ली । इ धनगढीमे उ बेला आइबर सर्वसाधारण त्रासमे बाँचल रहिट । संसार फेरब कहुइयाहुक्रे अपनहे फेरल फेन डेखगैल । आब ओइसीन लडाइ डेखे नपरे ।’

अमृत धुनके बीच इ वाक्य बोल रहिट । जेम्ने दर्शकहुक्रे जोरसे समर्थन जनाइल डेखजाए । मञ्चमे गायक अमृतहे ड्रमसेटमे ध्रुव लामा, किबोर्डमे सुरज थापा, बेसमे सुविन शाक्य, गितारमे निरज गुरुङ ओ मादलमे शान्ति रायमाझी सहयोग करल रहिट । अमृत सक्कु संघरियनके क्रमैसँग परिचय कराइल रहिट ।

ओकर पाछेके गीत रहेः ‘मै नाचे छमछमी’ इहीसे दर्शकहुक्रनके साँगीतिक उत्तेजनाहे पराकाष्ठामे लैजासेकल रहे । उहे मौका पारके अमृत पुच्छलः ‘अब कौन गीत सुन्बो ?’ मैदानमे रहल दर्शकहुक्रे एक स्वरसे ‘रेशम’ कहटी चिल्लाइ लग्लै । अइसीक ‘रेशम’ ओ ओकरपाछे फेन दर्शकके फर्माइसमे ‘तालको पानी’ गाके सुनाइल रहिट ।

‘बाँचटसमके किल इ जीवनमे बाँचलबेला सत्कर्म करी,’ अमृत फेनसे परोपकारके निम्ति दर्शकहुक्रनहे प्रोत्साहित कैटी दर्शक प्रतिक्रियाके बीच कहलै, ‘धनगढीके इ आवाजहे मै मानव मन्दिर निर्माणमे प्रतिवद्धता ठन्ले बाटुँ ।’

अन्त्यमे कहल जस्टे नेपथ्य ‘रातो र चन्द्रसूर्जे’ प्रस्तुत करल रहिट । उ बेला मुलुकप्रतिके भावनासे ओतप्रोत दर्शकहुक्रे राष्ट्रिय झण्डा बोकके नृत्य करल डेखजाए ।

संगीतके साथे मानवता प्रवद्र्धनके लाग नेपथ्यके इ कन्सर्ट धनगढीमे फेन सफलताके साथ सम्पन्न हुइल मानवसेवा आश्रमके अध्यक्ष रामजी अधिकारी बटैले बाटै । यकर लाग उहाँ सक्कु सहयोगीहे धन्यवाद व्यक्त करल रहिट ।

‘धनगढीके कन्सर्टमे भब्य उपस्थितीसे मनोरञ्जन ओ परोपकार डुनुमे सरिक हुइ चहुइया इ सहरके सहृदयीहुक्रनके पहिचान फेन स्थापित करले बा,’ अधिकारी थप्लै, ‘ओस्टके मुलुकके अन्य भागमे निरन्तर चल्ना कन्सर्टहे फेन वहाँके मानवताप्रेमी श्रोता दर्शकहुक्रे सफल बनैना विश्वास लेले बाटुँ ।’

धनगढीके कन्सर्ट सम्पन्न हुइलपाछे ७० सदस्यीय नेपथ्य टोली पाँचठो ट्रक ओ दुइ बसमार्फत् वीरेन्द्रनगर सुर्खेत ओर प्रस्थान करले बा । मानवसेवा आश्रमके आयोजनामे वहाा ँस्थित खुलामञ्चमे नेपथ्य पुस ६ गते बुधके प्रस्तुत हुँइटी बा ।

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