थारु राष्ट्रिय दैनिक
भाषा, संस्कृति ओ समाचारमूलक पत्रिका
[ थारु सम्बत १३ बैशाख २६४८, बिफे ]
[ वि.सं १३ बैशाख २०८१, बिहीबार ]
[ 25 Apr 2024, Thursday ]

पिपलाडीमे माघ पर्वके अवसरमे सास्कृतिक कार्यक्रम

पहुरा | ३ माघ २०७९, मंगलवार
पिपलाडीमे माघ पर्वके अवसरमे सास्कृतिक कार्यक्रम

डि.बि. कुश्मी
कञ्चनुर, ३ माघ ।
देशभरके थारू समुदायसे विविध सास्कृतिक कार्यक्रम करके माघी पर्व मनैटी रहल बेला पिपलाडीके थारु समुदायफे माघी पर्व सांस्कृतिक कार्यक्रम करके मनैले बटै ।

थारू समुदायसे माघे संक्रान्तिहे नयाँ वर्षके रूपमे मनैना करठै । यी दिनमे भारी मनैनसंग आशीर्वाद लेना, गाउँक मुखिया (वड्घर÷भलमन्सा) चुन्ना ओ नयाँ सोँचके साथ आघेक दिनकृ लाग कार्य योजना निर्माण कैना कामनासहित मीठा ठिा खैटी माघी पर्व मनैना करठै ।

उहे अवसर पारके शुक्लाफाटा नगरपालिका वडा नं ३ पिपलाडीके थारु समुदायसे सोम्मार विविध सास्कृतिक कार्यक्रम करके हर्सोउल्लासके साथ माघी पर्व मनैले बटै । पिलाडीके भलमन्सा गहनु डगौराके सभापतित्वमे हुइल कार्यक्रमके वडका पहुना देश वन्ध्या गुुरुवा फुलराम चौधरी रहिट । थारु समुदायके वुद्धीजिवी समाजसेवी लगायत जनप्रतिनिधीहुकनके उपस्थितिमे सञ्चालन करल कार्यक्रमहे वडा नं ३ के वडा कार्यालयसे सहयोग करल रहे ।

वडघर÷भलमन्सा समितिके आयोजनामे सञ्चालन करल कार्यक्रममे वडा अध्यक्ष नरेन्द्र चौधरी लगायत जनप्रतिनिधीहुकनके समेत सहभागिता रहे । विविध सास्कृतिक टोलीहे पुरस्कारके व्यवस्था समेत करल े कार्यक्रममे थारु परिकार डेटी ढोक भेट समेत करल वडा अध्यक्ष चौधरी बटैलै ।

पुस मसान्तके दिन सुँगुर÷बँगुर जिता मर्ना, आगीक धुनी बरटी डफ ओ मन्डरासंगे धुमरी गैटी रातभर जाग्राम बैना चलन रहल माघी पर्वके दिनमे सकारसे लग्गेक लडिया ओ तालतलैयामे लहैना करजाइठ । यी दिनमे थारू समुदायसे ढिक्री, अण्डिक भात, खिचरी, तिलके लडडु, लाइमुरी, भुजा, अन्डी जाँडके झोल, सखरखण्ड, खरिया, सुँगुर÷बँगुरके मासु, परेवाके मासु, मच्छरी, घोंघी, गेंगटा आदि परिकार खाके रमाइलो करजाइठ ।

पुस मसान्तसे सुरु हुइल उ माघी महोत्सवमे थारूहुकनके मौलिक पहिचान झल्कन वेशभूषासहित उ समुदाय उपस्थित हुके मौलिक नाचगानफे कैगिल रहे । वडा अध्यक्ष चौधरी थारू समुदायसे थारू संवत् २६४६ नयाँ वर्षके रूपमे पर्वहे मनैटी रहल बटैलै । उहाँ पछिल्का पुस्ताहुकनहेफे थारू समुदायके संस्कार, संस्कृति ओ रीतिरिवानहे पुस्तान्तरण कैना आवश्यक रहल बटैलै ।

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